अमेरिका के फुल्टन काउंटी में वेस्ट नाइल वायरस पाया गया, कौन है खतरे में, कैसे बचें?

यह वायरस मुख्य रूप से संक्रमित मच्छरों के काटने से मनुष्यों में फैलता है, संक्रमित पक्षियों को खाने से इनमें यह वायरस पहुंचता है।
वेस्ट नाइल वायरस (डब्ल्यूएनवी) को पहली बार 1937 में युगांडा के वेस्ट नाइल जिले में एक महिला में पाया गया था।
वेस्ट नाइल वायरस (डब्ल्यूएनवी) को पहली बार 1937 में युगांडा के वेस्ट नाइल जिले में एक महिला में पाया गया था।फोटो साभार: आईस्टॉक
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एक रिपोर्ट के मुताबिक, वेस्ट नाइल वायरस (डब्ल्यूएनवी) जॉर्जिया के फुल्टन काउंटी में मच्छरों के जरिए फैल रहा है। फुल्टन काउंटी के स्वास्थ्य बोर्ड की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार फुल्टन काउंटी में हैपविले और उत्तर-पश्चिम अटलांटा में दो मच्छरदानियों में वेस्ट नाइल वायरस की पुष्टि हुई है। फुल्टन काउंटी अमेरिकी राज्य जॉर्जिया के उत्तर-मध्य भाग का एक हिस्सा है।

यह वायरस मुख्य रूप से संक्रमित मच्छरों के काटने से मनुष्यों में फैलता है, संक्रमित पक्षियों को खाने से इनमें यह वायरस पहुंचता है। मनुष्यों के लिए कोई टीका या विशेष एंटीवायरल उपचार उपलब्ध नहीं होने के कारण, रोकथाम और जागरूकता ही इसका बचाव हैं।

हालांकि अधिकांश लोगों में गंभीर लक्षण नहीं होते, लेकिन 50 वर्ष से अधिक आयु के लोगों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों में एन्सेफलाइटिस या मेनिन्जाइटिस जैसी जटिलताओं का खतरा अधिक होता है।

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वेस्ट नाइल वायरस (डब्ल्यूएनवी) को पहली बार 1937 में युगांडा के वेस्ट नाइल जिले में एक महिला में पाया गया था।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक, वेस्ट नाइल वायरस एक आरएनए वायरस है जो वेस्ट नाइल बुखार का कारण बनता है। यह फ्लेविविरिडे परिवार का सदस्य है, जो फ्लेविवायरस वंश से संबंधित है, जिसमें जीका वायरस, डेंगू वायरस और पीत ज्वर वायरस भी शामिल हैं। यह वायरस मुख्य रूप से मच्छरों, खासकर क्यूलेक्स प्रजाति के मच्छरों द्वारा फैलता है।

वेस्ट नाइल वायरस (डब्ल्यूएनवी) को पहली बार 1937 में युगांडा के वेस्ट नाइल जिले में एक महिला में पाया गया था। 1953 में नील डेल्टा क्षेत्र में पक्षियों (कौओं और कोलम्बीफॉर्मीज) में इसकी पहचान की गई थी।

1997 से पहले डब्ल्यूएनवी को पक्षियों के लिए रोगजनक नहीं माना जाता था, लेकिन उस समय इजराइल में एक ज्यादा घातक स्ट्रेन के कारण विभिन्न पक्षी प्रजातियों की मृत्यु हो गई, जिनमें एन्सेफलाइटिस और लकवा के लक्षण दिखाई देने लगे। दुनिया के कई देशों में 50 से अधिक सालों से डब्ल्यूएनवी के कारण होने वाले मनुष्य संक्रमणों की जानकारी मिल रही है।

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वेस्ट नाइल वायरस (डब्ल्यूएनवी) को पहली बार 1937 में युगांडा के वेस्ट नाइल जिले में एक महिला में पाया गया था।

वेस्ट नाइल वायरस (डब्ल्यूएनवी) कैसे फैलता है?

मच्छर से संक्रमित पक्षियों को खाने से डब्ल्यूएनवी वायरस फैलता है। बाद में, वे अपने काटने से मनुष्यों, घोड़ों और अन्य जानवरों में वायरस फैलाते हैं। लोग और जानवर अन्य संक्रमित जानवरों, उनके रक्त या अन्य ऊतकों के संपर्क में आने से भी संक्रमित हो सकते हैं।

डब्ल्यूएनवी अंग प्रत्यारोपण, रक्त आधान, गर्भावस्था के दौरान प्रसव और स्तन के दूध के माध्यम से भी फैल सकता है, हालांकि यह दुर्लभ है। आज तक रोजमर्रा के संपर्क के माध्यम से डब्ल्यूएनवी का मनुष्य-से-मनुष्य संचरण दर्ज नहीं किया गया है।

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वेस्ट नाइल वायरस (डब्ल्यूएनवी) को पहली बार 1937 में युगांडा के वेस्ट नाइल जिले में एक महिला में पाया गया था।

किसे है सबसे ज्यादा खतरा?

वेस्ट नाइल वायरस से संक्रमित अधिकतर लोगों में लक्षण नहीं दीखते हैं, लगभग 20 फीसदी लोग वेस्ट नाइल बुखार से पीड़ित होते हैं, जिसमें बुखार, सिरदर्द, थकान और कभी-कभी चकत्ते जैसे फ्लू जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। एक फीसदी से भी कम लोगों में न्यूरोइनवेसिव रोग (मेनिन्जाइटिस या एन्सेफलाइटिस) विकसित होता है, जिसमें तेज बुखार, गर्दन में अकड़न, भ्रम, कंपकंपी या लकवा जैसी समस्याएं होती हैं, ये स्थितियां लगभग 10 फीसदी मामलों में घातक हो सकती हैं।

50 से 60 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति, अंग प्रत्यारोपण प्राप्त करने वाले, और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले या मधुमेह, उच्च रक्तचाप या गुर्दे की बीमारी जैसी कुछ पुरानी बीमारियों वाले लोगों को वेस्ट नाइल वायरस से गंभीर बीमारी होने का ज्यादा खतरा होता है। हालांकि संक्रमित मच्छर किसी को भी काट सकता है, लेकिन इन समूहों में संक्रमित होने पर गंभीर जटिलताएं होने के आसार ज्यादा होते हैं।

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वेस्ट नाइल वायरस (डब्ल्यूएनवी) को पहली बार 1937 में युगांडा के वेस्ट नाइल जिले में एक महिला में पाया गया था।

वेस्ट नाइल वायरस (डब्ल्यूएनवी) के संक्रमण से बचाव के लिए सबसे जरूरी एहतियात मच्छरों के काटने को कम से कम करना है। इसमें मच्छर भगाने वाली दवा का इस्तेमाल, सुरक्षात्मक कपड़े पहनना और मच्छरों के प्रजनन स्थलों को कम करना शामिल है।

इसके अलावा मच्छरों के सबसे ज्यादा समय (शाम और सुबह) के दौरान बाहरी गतिविधियों को सीमित करना और खिड़कियों और दरवाजों को अच्छी तरह से ढकना, मच्छरों के संपर्क को कम करने में मदद कर सकता है।

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