
अमेरिका में पहली बार 'कैंप हिल वायरस' की पहचान हुई, जो हेनिपावायरस परिवार से संबंधित हो सकता है। यह वायरस छछूंदरों से मनुष्यों में फैल सकता है, जिससे वैज्ञानिकों में चिंताएं बढ़ गई हैं।
हेनिपावायरस में अत्यधिक घातक निपाह वायरस शामिल है, जिसने दक्षिण-पूर्व एशिया में घातक प्रकोप पैदा किया है। जबकि 'कैंप हिल वायरस' मनुष्यों में कभी दर्ज नहीं किया गया है, एक नए भौगोलिक क्षेत्र में इसकी उपस्थिति ने शोधकर्ताओं को भारी चेतावनी पर रखा है।
शोधकर्ता जिन्होंने वायरस की उपस्थिति की पुष्टि की, उन्होंने कहा है कि छछूंदर से मनुष्य में संक्रमण फैला सकते हैं।
कैंप हिल के सबसे करीबी ज्ञात वायरस जिसने मनुष्यों को संक्रमित किया है, वह लैंग्या वायरस है, जो चीन में छछूंदर से लोगों में फैला, जिससे बुखार, थकान और यकृत की शिथिलता जैसे लक्षण पैदा हुए। निपाह और हेंड्रा सहित अन्य हेनिपावायरस की मृत्यु दर 70 फीसदी तक है, और यह सांस लेने में दिक्कत, मस्तिष्क की सूजन, दौरे और कोमा का कारण बन सकता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक, लैंग्या वायरस चीन में शोधकर्ताओं ने एक नए जूनोटिक हेनिपावायरस की पहचान की थी जो एक ज्वरग्रस्त मानव बीमारी से जुड़ा है। अप्रैल 2018 से अगस्त 2021 तक किए गए सर्वेक्षण के अनुसार, कुछ रोगियों और एक पशु आबादी में लैंग्या वायरस पाया गया है। इस प्रहरी निगरानी परियोजना के बाहर कोई भी मामला सामने नहीं आया है।
शोध पत्र में शोधकर्ताओं के हवाले से कहा है कि अमेरिका में हेनिपावायरस की खोज बहुत अहम है, क्योंकि इससे पता चलता है कि ये वायरस पहले की तुलना में वैश्विक स्तर पर अधिक वितरित हो सकते हैं।
शोधकर्ताओं की एक हालिया रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि हेनिपावायरस से जुड़ी बहुत अधिक मृत्यु दर को देखते हुए, कैंप हिल वायरस का पता लगाना अतीत और संभावित भविष्य की घटनाओं के बारे में चिंताएं बढ़ाता है। हालांकि वैज्ञानिक इस बात पर जोर देते हैं कि यह निर्धारित करने के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है, कि क्या यह वायरस मनुष्यों के लिए सीधा खतरा है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) हेनिपावायरस को सर्वोच्च प्राथमिकता वाला रोगजनक और वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए एक बड़ा खतरा मानता है। हेनिपावायरस वायरस का एक समूह है जो मनुष्यों और जानवरों में गंभीर श्वसन और तंत्रिका संबंधी बीमारी पैदा कर सकता है।
हेनिपावायरस का कोई ज्ञात उपचार या टीका नहीं है। पहले माना जाता था कि कैंप हिल वायरस केवल ऑस्ट्रेलियाई फल खाने वाले चमगादड़ों द्वारा फैलता है, लेकिन उत्तरी अमेरिकी छछूंदरों में इसका दिखना बताता है कि वायरस पहले की अपेक्षा कहीं अधिक व्यापक रूप से फैल सकता है।
हालांकि अभी तक किसी मनुष्य में इसके मामले की जानकारी नहीं मिली है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि वायरस और इसके कारण होने वाले खतरों को समझना भविष्य में प्रकोप को रोकने के लिए बहुत जरूरी है।