विश्व हृदय दिवस 2025: स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर हृदय रोगों से बचें

दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में हर मिनट में आठ लोगों की मृत्यु हृदय रोगों से होती है। इनमें से लगभग आधी मौतें 70 साल से कम आयु के लोगों की हैं।
आज की जीवनशैली, तनाव, अनियमित खानपान और लंबे काम करने के घंटों के कारण युवा पीढ़ी भी तेजी से हृदय रोगों की चपेट में आ रही है।
आज की जीवनशैली, तनाव, अनियमित खानपान और लंबे काम करने के घंटों के कारण युवा पीढ़ी भी तेजी से हृदय रोगों की चपेट में आ रही है। फोटो साभार: आईस्टॉक
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सारांश
  • दक्षिण-पूर्व एशिया में हर मिनट में आठ लोगों की मौत हृदय रोगों से होती है।

  • भारत में हर चार में से एक मौत का कारण हृदय रोग है।

  • युवाओं में समय से पहले दिल का दौरा पड़ने का खतरा पश्चिमी देशों से अधिक है।

  • 80 फीसदी मौतें रोकी जा सकती हैं – स्वस्थ जीवनशैली और समय पर इलाज से अधिकांश हृदय रोग की मौतें रोकी जा सकती हैं।

  • दुनिया में हर साल 2.05 करोड़ लोगों की मौत हृदय रोगों से होती है, जो सबसे ज्यादा है।

हर साल 29 सितम्बर को विश्व हृदय दिवस मनाया जाता है। इसकी शुरुआत साल 2000 में वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन (डब्ल्यूएचएफ) ने की थी, जिसका मुख्य उद्देश्य हृदय संबंधी बीमारियों (कार्डियोवैस्कुलर डिजीज - सीवीडी) के प्रति जागरूकता फैलाना है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि हृदय की देखभाल कोई विकल्प नहीं, बल्कि हमारी जरूरत है।

हृदय रोग अब केवल उम्रदराजों की समस्या नहीं

आज की जीवनशैली, तनाव, अनियमित खानपान और लंबे काम करने के घंटों के कारण युवा पीढ़ी भी तेजी से हृदय रोगों की चपेट में आ रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में हर मिनट में आठ लोगों की मृत्यु हृदय रोगों से होती है। इनमें से लगभग आधी मौतें 70 साल से कम आयु के लोगों की हैं, यानी ये समय से पहले होने वाली मौतें हैं।

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आज की जीवनशैली, तनाव, अनियमित खानपान और लंबे काम करने के घंटों के कारण युवा पीढ़ी भी तेजी से हृदय रोगों की चपेट में आ रही है।

प्रमुख कारण और बढ़ते खतरे

हृदय रोगों के सबसे बड़े कारणों में उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन), मधुमेह, तंबाकू का सेवन, शराब का अधिक उपयोग, अस्वस्थ आहार (अत्यधिक नमक, वसा और जंक फूड), शारीरिक निष्क्रियता और मोटापा, तनाव और प्रदूषण आदि है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि दक्षिण-पूर्व एशिया में 85 फीसदी लोग जो उच्च रक्तचाप और मधुमेह से ग्रस्त हैं, वे अपनी स्थिति को नियंत्रित नहीं कर पाए हैं।

भारत में गंभीर स्थिति

भारत में हर चार में से एक मौत का कारण हृदय रोग है। और सबसे चिंताजनक तथ्य यह है कि भारत में युवाओं को पश्चिमी देशों की तुलना में कम उम्र में दिल का दौरा पड़ने का खतरा अधिक है।

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आज की जीवनशैली, तनाव, अनियमित खानपान और लंबे काम करने के घंटों के कारण युवा पीढ़ी भी तेजी से हृदय रोगों की चपेट में आ रही है।

वैश्विक परिदृश्य

विश्व हृदय फेडरेशन के अनुसार, दुनिया भर में हृदय रोग हर साल 2.05 करोड़ लोगों की जान लेता है, जो कैंसर, संक्रमण या सड़क हादसों से कहीं अधिक है। इनमें से 80 फीसदी समय से पहले होने वाली मौतें जीवनशैली में बदलाव और समय पर इलाज से रोकी जा सकती हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक, 2022 में 1.98 करोड़ मौतें हृदय संबंधी बीमारियों (कार्डियोवैस्कुलर डिजीज) के कारण हुई। इनमें से 85 फीसदी मौतें दिल का दौरा और स्ट्रोक के कारण हुई। तीन-चौथाई से अधिक मौतें कम और मध्यम आय वर्ग वाले देशों में होती हैं। 2021 में 1.8 करोड़ समय से पहले मौतों में से 38 फीसदी का कारण हृदय रोग था।

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आज की जीवनशैली, तनाव, अनियमित खानपान और लंबे काम करने के घंटों के कारण युवा पीढ़ी भी तेजी से हृदय रोगों की चपेट में आ रही है।

सकारात्मक कदम और प्रगति

हालांकि डब्ल्यूएचओ और विभिन्न देशों के प्रयासों से कुछ सकारात्मक प्रगति भी देखी गई है। जून 2025 तक नौ करोड़ से अधिक लोगों को सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थानों से हाइपरटेंशन और डायबिटीज का प्रोटोकॉल-आधारित इलाज मिल रहा है।

1.7 बिलियन से अधिक लोगों को इंडस्ट्रियल ट्रांस-फैट से सुरक्षा देने वाले कानून लागू किए जा चुके हैं। 10.3 करोड़ लोग डब्ल्यूएचओ की एमपावर तंबाकू नियंत्रण योजनाओं से कवर किए गए हैं।

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समाधान और आगे की राह

विशेषज्ञों का मानना है कि हृदय रोगों से लड़ने के लिए केवल व्यक्तिगत प्रयास नहीं, बल्कि पूरे समाज और सरकार की जिम्मेदारी है।

व्यक्तिगत स्तर पर क्या कदम उठाए जाए जाने चाहे?

तंबाकू का सेवन बंद किया जाना चाहिए, नमक और वसा की कम खपत की जानी चाहिए। रोजाना व्यायाम और शारीरिक सक्रियता अपनानी चाहिए। तनाव को नियंत्रित करें और नियमित स्वास्थ्य जांच कराएं।

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सरकारी स्तर पर क्या होनी चाहिए प्राथमिकताएं?

नमक कम करने के लिए सख्त नीतियां। इंडस्ट्रियल ट्रांस-फैट को पूरी तरह खाद्य आपूर्ति से खत्म करना। तंबाकू नियंत्रण कानूनों को कठोरता से लागू करना। अस्वस्थ खाद्य और पेय पदार्थों की मार्केटिंग पर सख्त निगरानी।

विश्व हृदय दिवस 2025 हमें यह संदेश देता है कि हृदय की सेहत केवल डॉक्टर या दवाओं से नहीं, बल्कि हमारे रोजमर्रा के निर्णयों से जुड़ी है। स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम, तनावमुक्त जीवन और जागरूकता से हम न केवल अपनी, बल्कि समाज की भी हृदय सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं।

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