भारत में हर साल जन्मजात हृदय दोष के साथ पैदा होते हैं दो लाख बच्चे

आज पूरी दुनिया में मनाया जाता है जन्मजात हृदय दोष जागरूकता दिवस
चिकित्सा विशेषज्ञों के मुताबिक, चिकित्सा उपचार और सर्जरी में प्रगति के साथ कई जन्मजात हृदय संबंधी समस्याओं को नियंत्रित या ठीक किया जा सकता है, जिससे लोग स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।
चिकित्सा विशेषज्ञों के मुताबिक, चिकित्सा उपचार और सर्जरी में प्रगति के साथ कई जन्मजात हृदय संबंधी समस्याओं को नियंत्रित या ठीक किया जा सकता है, जिससे लोग स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।फोटो साभार: आईस्टॉक
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हर साल 14 फरवरी को विश्व जन्मजात हृदय दोष जागरूकता दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों का ध्यान जन्मजात हृदय दोषों की ओर आकर्षित करना और उन्हें जागरूक करना है।

जन्मजात हृदय दोष होता क्या है?

जन्मजात हृदय रोग कई तरह के जन्म दोषों के लिए एक सामान्य शब्द है जो हृदय की सामान्य रूप से काम करने की क्षमता में गड़बड़ी पैदा करता है। जब जन्म से पहले हृदय या हृदय के पास की खून के नसें सामान्य रूप से विकसित नहीं होती हैं, तो जन्मजात हृदय दोष उत्पन्न होता है। इन हृदय दोषों की सटीक उत्पत्ति अभी भी एक रहस्य बना हुआ है।

जन्मजात हृदय दोष जन्म के समय हृदय में मौजूद संरचनात्मक समस्याएं हैं। ये केवल छोटी-मोटी गड़बड़ियां नहीं हैं, ये हृदय की संरचना में भारी बदलाव हैं -जो कक्षों, वाल्वों और खून की नसों के जटिल नेटवर्क को प्रभावित करते हैं। जबकि इसके पीछे के कारणों के बारे में जानकारी का अभाव है, इसके प्रभाव को नकारा नहीं जा सकता।

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चिकित्सा विशेषज्ञों के मुताबिक, चिकित्सा उपचार और सर्जरी में प्रगति के साथ कई जन्मजात हृदय संबंधी समस्याओं को नियंत्रित या ठीक किया जा सकता है, जिससे लोग स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।

जन्मजात हृदय दोष (सीएचडी) जागरूकता 2025 की थीम "हमारे दिलों को याद रखें" है।

एक अध्ययन के मुताबिक, जन्मजात हृदय दोष हर 1000 में से आठ बच्चों को प्रभावित करते हैं। जन्मजात हृदय दोष एक घातक बीमारी है जो हर साल हजारों लोगों की जान लेती है।

आज का दिन जन्मजात हृदय दोष जागरूकता दिवस (सीएचडी) के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए समर्पित एक महत्वपूर्ण अवसर है जो दुनिया भर में लाखों लोगों पर असर डालता है। यह जन्मजात हृदय दोष (सीएचडी), उनकी व्यापकता, लक्षण और उपलब्ध उपचारों के बारे में जनता को शिक्षित करने के लिए एक मंच प्रदान करता है।

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चिकित्सा विशेषज्ञों के मुताबिक, चिकित्सा उपचार और सर्जरी में प्रगति के साथ कई जन्मजात हृदय संबंधी समस्याओं को नियंत्रित या ठीक किया जा सकता है, जिससे लोग स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।

हृदय के खून को पंप करने की क्षमता को प्रभावित करने, विकास संबंधी देरी से लेकर दिल की विफलता, अतालता और स्ट्रोक जैसे लंबे समय तक स्वास्थ्य को होने वाले खतरों तक, जन्मजात हृदय दोष कई तरह की चिकित्सा समस्याओं का कारण बन सकते हैं। भारत में हर साल लगभग दो लाख बच्चे जन्मजात हृदय रोग के साथ पैदा होते हैं। इनमें से लगभग पांचवां हिस्सा गंभीर हृदय रोग से पीड़ित होता है।

जन्मजात हृदय दोषों के इतिहास के बारे में बात करें तो यह जागरूकता बढ़ाने के लिए, साथ ही हृदय दोषों के साथ पैदा हुए लोगों, उनके परिवारों और उनके द्वारा प्रभावित हुए दोस्तों को सम्मानित करने और याद करने के लिए विश्व जन्मजात हृदय दोष दिवस के रूप में जाना जाने वाला एक अंतरराष्ट्रीय उत्सव स्थापित किया गया था।

क्या जन्मजात हृदय दोषों का इलाज किया जा सकता है?

चिकित्सा विशेषज्ञों के मुताबिक, चिकित्सा उपचार और सर्जरी में प्रगति के साथ कई जन्मजात हृदय संबंधी समस्याओं को नियंत्रित या ठीक किया जा सकता है, जिससे लोग स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।

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