रोजाना 7,000 कदम चलने से घट सकता है कैंसर से मृत्यु का खतरा: लैंसेट

रिसर्च से पता चला है कि रोजाना 7,000 कदम चलने से कैंसर, ह्रदय रोग, मधुमेह, डिमेंशिया और अवसाद (डिप्रेशन) जैसी गंभीर बीमारियों से असमय मृत्यु का खतरा काफी हद तक घट जाता है
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, दुनिया का हर तीसरा वयस्क और 81 फीसदी किशोर पर्याप्त शारीरिक गतिविधि नहीं करते। यह निष्क्रियता हार्ट अटैक, स्ट्रोक और कैंसर जैसी बीमारियों का कारण बन रही है; फोटो: आईस्टॉक
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, दुनिया का हर तीसरा वयस्क और 81 फीसदी किशोर पर्याप्त शारीरिक गतिविधि नहीं करते। यह निष्क्रियता हार्ट अटैक, स्ट्रोक और कैंसर जैसी बीमारियों का कारण बन रही है; फोटो: आईस्टॉक
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अंतराष्ट्रीय जर्नल लैंसेट पब्लिक हेल्थ में प्रकाशित एक अध्ययन में वैज्ञानिकों ने 57 अलग-अलग अध्ययनों से 160,000 से अधिक लोगों के आंकड़ों को जुटाया और उसका विश्लेषण किया है, जिन पर दो दशकों तक नजर रखी गई थी।

रिसर्च में पाया गया कि रोजाना 7,000 कदम चलना भी आपके दिल, दिमाग और शरीर को गंभीर बीमारियों से बचाने के लिए काफी हो सकता है। यह छोटे-छोटे कदम आपको बड़ी बीमारियों से दूर रख सकते हैं।

अध्ययन के नतीजे दर्शाते हैं कि रोजाना 7,000 कदम चलने से कैंसर, दिल की बीमारी, मधुमेह, डिमेंशिया और अवसाद (डिप्रेशन) जैसी गंभीर बीमारियों से असमय मृत्यु का खतरा काफी हद तक घट जाता है।

गौरतलब है कि इस विषय पर किए पहले के ज्यादातर अध्ययनों में कदमों की संख्या और दिल की सेहत या मृत्यु दर के बीच संबंध पर ध्यान केंद्रित किया गया। लेकिन इस नए विश्लेषण में यह गहराई से जांचा गया कि रोजाना ज्यादा कदम चलने से और कौन-कौन सी बीमारियों का खतरा कम हो सकता है।

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विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, दुनिया का हर तीसरा वयस्क और 81 फीसदी किशोर पर्याप्त शारीरिक गतिविधि नहीं करते। यह निष्क्रियता हार्ट अटैक, स्ट्रोक और कैंसर जैसी बीमारियों का कारण बन रही है; फोटो: आईस्टॉक

चलना—हर बीमारी से बचाव की पहली दवा

शोधकर्ताओं ने पाया कि जो लोग रोजाना महज 2,000 कदम चलते थे, उनकी तुलना में 7,000 कदम चलने वालों में कई बीमारियों का खतरा काफी कम था। निष्कर्ष दर्शाते हैं कि 7,000 कदम चलने वालों में कैंसर से मृत्यु का जोखिम 37 फीसदी तक कम पाया गया। इसी तरह इन लोगों में टाइप-2 डायबिटीज का खतरा 14 फीसदी जबकि डिमेंशिया (भूलने की बीमारी) का खतरा 38 फीसदी तक कम था।

इसी तरह इन लोगों में जहां डिप्रेशन (अवसाद) का खतरा 22 फीसदी तक कम दर्ज किया गया। वहीं गिरने की घटनाओं का खतरा 28 फीसदी जबकि हृदय रोग का जोखिम 25 फीसदी तक कम पाया गया। इतना ही नहीं इसकी वजह से कुल मृत्यु दर में भी 47 फीसदी तक की गिरावट देखी गई।

पिछले कई सालों से रोजाना 10,000 कदम चलना सेहत के लिए आदर्श माना जाता रहा है। लेकिन अध्ययन से जुड़े शोधकर्ताओं के मुताबिक, अगर आप पहले से 10,000 कदम चल रहे हैं, तो जारी रखिए। लेकिन जो लोग व्यायाम से दूर हैं, उनके लिए 7,000 कदम भी बेहद फायदेमंद हो सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि हर 1,000 अतिरिक्त कदम से सेहत में सुधार होता है, और 4,000 कदम से ऊपर चलते ही बीमारियों का खतरा घटने लगता है।

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विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, दुनिया का हर तीसरा वयस्क और 81 फीसदी किशोर पर्याप्त शारीरिक गतिविधि नहीं करते। यह निष्क्रियता हार्ट अटैक, स्ट्रोक और कैंसर जैसी बीमारियों का कारण बन रही है। इतना ही नहीं इसकी वजह से स्वास्थ्य पर अरबों डॉलर का बोझ पड़ रहा है। साथ ही उत्पादकता में भी गिरावट आ रही है।

अनुमान है कि अगर शारीरिक निष्क्रियता के स्तर में कमी नहीं आई, तो 2020 से 2030 के बीच इससे दुनिया भर में सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं पर हर साल करीब 27 अरब डॉलर का बोझ पड़ेगा।

समय नहीं, कदम गिनिए और स्वस्थ रहिए

पारंपरिक रूप से स्वास्थ्य सलाह में हर सप्ताह 150 मिनट की हल्की या 75 मिनट की भारी एक्सरसाइज की सिफारिश की जाती रही है। लेकिन नया अध्ययन दिखाता है कि 7,000 कदम खासकर उन लोगों के लिए जो उम्रदराज हैं या समय की कमी से जूझ रहे हैं उनके लिए एक सरल, और व्यावहारिक लक्ष्य हो सकता है।

यह अध्ययन मजबूत प्रमाण पेश करता है, लेकिन कुछ बीमारियों जैसे कैंसर या गिरने की घटनाओं से जुड़े सीमित आंकड़े ही उपलब्ध थे। इसके अलावा, उम्र, खानपान, नींद और दवाइयों जैसे कारकों के असर को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

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हालांकि अध्ययन की कुछ सीमाएं जरूर हैं, लेकिन इसका संदेश बिल्कुल स्पष्ट है, 'चलना शुरू कीजिए, जितना चलेंगे, उतना स्वस्थ रहेंगे।' हर दिन महज 7,000 कदम चलने की आदत आपकी जिंदगी को न सिर्फ लंबा, बल्कि बेहतर भी बना सकती है।

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