
2000 में 1.38 अरब लोग तंबाकू का सेवन करते थे, जो 2024 में घटकर 1.2 अरब रह गए। फिर भी हर पांच में से एक वयस्क तंबाकू की लत में है।
दुनिया में अब 10 करोड़ से अधिक लोग ई-सिगरेट का उपयोग कर रहे हैं, जिनमें 1.5 करोड़ किशोर शामिल हैं।
महिलाओं में तंबाकू सेवन में तेज गिरावट आई है, 2010 के 11 फीसदी से घटकर 2024 में 6.6 फीसदी। पुरुषों में कमी धीमी, अब भी लगभग एक अरब पुरुष तंबाकू का उपयोग कर रहे हैं।
दक्षिण-पूर्व एशिया में पुरुषों का सेवन 70 फीसदी से घटकर 37 फीसदी, जबकि यूरोप में सबसे अधिक (24 फीसदी) लोग अब भी तंबाकू का सेवन करते हैं।
देशों को तंबाकू नियंत्रण कानून, कर वृद्धि, विज्ञापन प्रतिबंध और ई-सिगरेट पर नियंत्रण जैसे कदम तेजी से लागू करने की जरूरत है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के द्वारा आज जारी की गई नई रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया में तंबाकू सेवन करने वालों की संख्या घट रही है, लेकिन तंबाकू महामारी अभी खत्म नहीं हुई है।
रिपोर्ट बताती है कि साल 2000 में 1.38 अरब लोग तंबाकू का उपयोग करते थे, जो घटकर 2024 में 1.2 अरब रह गया है। यानी पिछले 24 सालों में लगभग 12 करोड़ लोगों ने तंबाकू छोड़ा है। 2010 से अब तक इसमें 27 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। फिर भी आज भी हर पांच में से एक वयस्क व्यक्ति तंबाकू या निकोटिन उत्पादों का सेवन कर रहा है।
क्या कहती है रिपोर्ट
“डब्ल्यूएचओ ग्लोबल रिपोर्ट ऑन ट्रेंड्स इन प्रेवलेन्स ऑफ टोबैको यूज 2000-2024 एंड प्रोजेक्शन्स 2025–2030” 2034 राष्ट्रीय सर्वेक्षणों पर आधारित है, जो दुनिया की 97 फीसदी आबादी को कवर करते हैं।
डब्ल्यूएचओ का लक्ष्य था कि 2025 तक तंबाकू उपयोग में 30 फीसदी की कमी लाई जाए, लेकिन अब तक केवल 27 फीसदी की ही कमी आई है, यानी लक्ष्य से पांच करोड़ उपयोगकर्ता पीछे हैं।
ई-सिगरेट का बढ़ता खतरा
रिपोर्ट में पहली बार ई-सिगरेट उपयोग के आंकड़े शामिल किए गए हैं। दुनिया भर में अब 10 करोड़ से अधिक लोग ई-सिगरेट का इस्तेमाल कर रहे हैं।
इनमें 8.6 करोड़ वयस्क हैं जो अधिकतर विकसित देशों में रहते हैं। 1.5 करोड़ किशोर (13 से 15 साल) पहले ही निकोटिन की लत में फंस चुके हैं।डब्ल्यूएचओ ने चेतावनी दी है कि ई-सिगरेट एक नया नशे का जाल बनती जा रही है, जो बच्चों और युवाओं को निशाना बना रही है।
महिलाएं आगे, पुरुष पीछे
तंबाकू उपयोग में कमी की रफ्तार महिलाओं में अधिक देखी गई है। महिलाओं ने 2025 का लक्ष्य पहले ही 2020 में हासिल कर लिया है। 2010 में जहां महिलाओं में तंबाकू सेवन 11 फीसदी था, वह घटकर 2024 में 6.6 फीसदी रह गया।
महिलाओं की संख्या 27.7 करोड़ से घटकर 20.6 करोड़ हो गई है। वहीं पुरुषों में सुधार की गति धीमी है। उनका तंबाकू का सेवन 2010 में 41.4 फीसदी से घटकर 2024 में 32.5 फीसदी तक पहुंचा है, लेकिन अब भी करीब एक अरब पुरुष तंबाकू का उपयोग कर रहे हैं।
पूरी दुनिया में स्थिति
दक्षिण-पूर्व एशिया में पुरुषों में तंबाकू सेवन 70 फीसदी से घटकर 37 फीसदी रह गया है, यह सबसे बड़ी प्रगति है।
अफ्रीका में सबसे कम प्रचलन (9.5 फीसदी), पर जनसंख्या बढ़ने से कुल संख्या अब भी बढ़ रही है।
अमेरिका महाद्वीप में 36 फीसदी की सबसे तेज कमी देखी जा रही है जो वर्तमान प्रचलन का 14 फीसदी है।
यूरोप में अब भी सबसे अधिक तंबाकू सेवन (24.1 फीसदी) हो रहा है। यूरोप की महिलाएं विश्व में सबसे अधिक धूम्रपान करती हैं (17.4 फीसदी)।
पूर्वी भूमध्य सागर क्षेत्र के कुछ देशों में सेवन बढ़ रहा है (18 फीसदी )।
पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में धीमी प्रगति, कुल 22.9 फीसदी, पुरुषों में सबसे अधिक (43.3 फीसदी) तंबाकू का सेवन कर रहे हैं।
डब्ल्यूएचओ ने अपनी रिपोर्ट के हवाले से सभी सरकारों से आग्रह किया है कि वे तंबाकू नियंत्रण की नीतियों को और सख्ती से लागू करें। इसमें एमपावर और डब्ल्यूएचओ फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन टोबैको कंट्रोल (एफसीटीसी) का पूर्ण पालन शामिल है। ई-सिगरेट जैसे नए निकोटिन उत्पादों पर नियंत्रण, तंबाकू पर कर बढ़ाना, विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाना और लोगों को तंबाकू छोड़ने में मदद देने वाली सेवाओं का विस्तार करना इन उपायों में शामिल हैं।
रिपोर्ट में डब्ल्यूएचओ के स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. जेरेमी फैरार के हवाले से कहा गया है कि दुनिया ने तंबाकू के खिलाफ लंबी दूरी तय की है, लेकिन अब रफ्तार बढ़ाने का समय है। जब तक हर पांच में से एक व्यक्ति तंबाकू पर निर्भर रहेगा, तब तक यह लड़ाई अधूरी रहेगी।