दुनिया भर में जानलेवा तंबाकू की फसलों को सब्सिडी देना बंद करे सरकारें: डब्ल्यूएचओ

120 से अधिक देशों में 30 करोड़ हेक्टेयर से अधिक भूमि का उपयोग घातक तंबाकू उगाने के लिए किया जा रहा है, यहां तक कि उन देशों में भी जहां लोग भूखे मर रहे हैं
तंबाकू का खेत, मलावी, पूर्वी अफ़्रीका, फोटो साभार: विकिमीडिया कॉमन्स, जोआचिम ह्यूबर
तंबाकू का खेत, मलावी, पूर्वी अफ़्रीका, फोटो साभार: विकिमीडिया कॉमन्स, जोआचिम ह्यूबर
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विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने दुनिया भर की सरकारों से आग्रह किया है कि वे तंबाकू की खेती को सब्सिडी देना बंद करें। सरकारें अधिक टिकाऊ फसलों पर जोर दे जो लाखों लोगों की भूख मिटा सकती हैं।

डब्ल्यूएचओ की एक नई रिपोर्ट, "भोजन उगाएं, तंबाकू नहीं", तंबाकू उगाने की बुराइयों और किसानों, लोगों, अर्थव्यवस्थाओं, पर्यावरण और बड़े पैमाने पर दुनिया के लिए अधिक टिकाऊ खाद्य फसलों को अपनाने के फायदों पर प्रकाश डालती है। रिपोर्ट किसानों को कर्ज के दुष्चक्र में फंसाने के लिए तम्बाकू उद्योग को भी उजागर करती है, इसके आर्थिक फायदों को बढ़ा-चढ़ा कर तम्बाकू उगाने का प्रचार करती है और कृषि मोर्चा समूहों के माध्यम से पैरवी करती है।

डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने कहा कि, दुनिया भर में हर साल तंबाकू 80 लाख मौतों के लिए जिम्मेदार है, फिर भी दुनिया भर में सरकारें तंबाकू के खेतों को बढ़ावा देने के लिए लाखों खर्च करती हैं। उन्होंने कहा, तंबाकू के बजाय भोजन संबंधी फसलें उगाने का चयन करके, हम स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हैं, पारिस्थितिकी तंत्र को संरक्षित करते हैं, और सभी के लिए खाद्य सुरक्षा में अहम भमिका निभाते हैं।

दुनिया भर में 30 करोड़ से अधिक लोग खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे हैं, 120 से अधिक देशों में 30 करोड़ हेक्टेयर से अधिक भूमि का उपयोग घातक तंबाकू उगाने के लिए किया जा रहा है, यहां तक कि उन देशों में भी जहां लोग भूख से मर रहे हैं।

तम्बाकू की खेती स्वयं किसानों को बीमारियां की ओर धकेलती हैं और अनुमान है कि 10 लाख से अधिक बाल श्रमिक तम्बाकू के खेतों में काम कर रहे हैं, जिससे उन्हें शिक्षा का अवसर नहीं मिल रहा है।

डब्ल्यूएचओ में स्वास्थ्य संवर्धन निदेशक डॉ रुएडिगर क्रेच ने कहा कि, तंबाकू न केवल खाद्य असुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा है, बल्कि तंबाकू किसानों के स्वास्थ्य सहित समग्र स्वास्थ्य के लिए भी एक बड़ा खतरा है। किसानों को रासायनिक कीटनाशकों, तंबाकू के धुएं और 50 सिगरेटों में पाए जाने वाले निकोटीन के संपर्क में लाया जाता है, जिससे पुरानी फेफड़ों की बीमारी और निकोटीन विषाक्तता जैसी बीमारियां होती हैं।

तंबाकू का बढ़ना एक वैश्विक समस्या है। अब तक ध्यान एशिया और दक्षिण अमेरिका में रहा है, लेकिन नवीनतम आंकड़े दिखाते हैं कि तंबाकू कंपनियां अफ्रीका में भी फैल रही हैं। 2005 के बाद से, पूरे अफ्रीका में तंबाकू की खेती की भूमि में लगभग 20 फीसदी की वृद्धि हुई है।

डब्ल्यूएचओ, खाद्य और कृषि संगठन और विश्व खाद्य कार्यक्रम तंबाकू मुक्त फार्म पहल का समर्थन करते हैं जो केन्या और जाम्बिया में 5,000 से अधिक किसानों को तंबाकू के बजाय स्थायी खाद्य फसलें उगाने में मदद करेगा।

हर साल विश्व तंबाकू निषेध दिवस, तंबाकू नियंत्रण में बदलाव लाने वालों को सम्मानित करता है। इस वर्ष पुरस्कार विजेताओं में से एक, केन्या की एक महिला किसान, स्प्रीना रोबी चाचा को न केवल तम्बाकू उगाने से लेकर उच्च प्रोटीन बीन्स को अपनाने के लिए, बल्कि एक स्वस्थ समुदाय बनाने के लिए सैकड़ों अन्य किसानों को प्रशिक्षण देने के लिए भी सम्मानित किया जा रहा है।

तम्बाकू नियंत्रण पर डब्ल्यूएचओ फ्रेमवर्क कन्वेंशन के 182 दलों ने "तंबाकू श्रमिकों और उत्पादकों के लिए आर्थिक रूप से व्यवहार्य विकल्पों को बढ़ावा देने" के लिए प्रतिबद्ध है। एक महत्वपूर्ण तरीका है कि देश इस दायित्व को पूरा कर सकते हैं, तम्बाकू उगाने के लिए सब्सिडी समाप्त करना और स्वस्थ फसलों का समर्थन करना इसमें शामिल है।

डब्ल्यूएचओ की हाल में जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि, तम्बाकू के बजाय भोजन उगाने का चयन करके, हम स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हैं, पारिस्थितिकी तंत्र को संरक्षित करते हैं और खाद्य सुरक्षा को बढ़ाते हैं।

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