कोलंबिया में वनों की कटाई में पिछले साल की तुलना में 2023 में 36 फीसदी की गिरावट आई है, जो पिछले 23 वर्षों में सबसे कम है। इस बारे में कोलंबिया के पर्यावरण मंत्रालय ने आठ जुलाई 2924 को जानकारी साझा करते हुए कहा है कि यह अमेजन क्षेत्र में पर्यावरण विनाश में आती कमी की वजह से मुमकिन हो पाया है।
मंत्रालय के मुताबिक, कोलंबिया में 2022 के दौरान 1,235.17 वर्ग किलोमीटर में फैले जंगल काटे गए, वहीं 2023 में वन विनाश का यह आंकड़ा घटकर 792.56 वर्ग किलोमीटर पर पहुंच गया। मतलब की गत एक वर्ष में करीब 442.61 किलोमीटर में फैले जंगलों को कटने से बचाया जा सका है। देखा जाए तो यह न केवल कोलंबिया बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक सकारात्मक खबर है।
गौरतलब है कि कोलंबिया जैव विविधता के मामले में दुनिया के सबसे समृद्ध देशों में से एक है, जहां पौधों और जानवरों की हजारों प्रजातियां पाई जाती हैं। हालांकि दुनिया के अन्य हिस्सों की तरह ही यहां पर भी बड़े पैमाने पर जंगलों का विनाश किया जा रहा है।
कोलंबिया के पर्यावरण एवं सतत विकास मंत्रालय ने इस बारे में जो आंकड़े साझा किए हैं उनके मुताबिक कोलंबियाई अमेजन क्षेत्र में वनों की कटाई 23 वर्षों के अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई। 2022 में जहां इस क्षेत्र में 711.85 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले जंगलों को काट दिया गया था।
23 वर्षों के सबसे निचले स्तर पर पहुंचा वन विनाश का आंकड़ा
वहीं 2023 में वन विनाश का यह आंकड़ा घटकर 442.74 वर्ग किलोमीटर रह गया। जो जंगलों के होते विनाश में आई 38 फीसदी की गिरावट को दर्शाता है। मतलब कि गत एक वर्ष में कोलंबियाई सरकार अमेजन वर्षा वन क्षेत्र के 269.11 वर्ग किलोमीटर हिस्से को बचाने में कामयाब रही है, जो 37,000 से अधिक फुटबॉल मैदानों के बराबर है।
कोलंबिया की पर्यावरण मंत्री सुजाना मुहम्मद ने प्रेस विज्ञप्ति के हवाले से कहा है कि, “2021 से 2023 के बीच इस क्षेत्र में हो रहे वन विनाश में 61 फीसदी की कमी आई है, जो राष्ट्रीय विकास योजना में वनों की कटाई को कम से कम 20 फीसदी तक कम करने के निर्धारित लक्ष्य से कहीं अधिक है।“
बता दें कि इससे पहले कोलंबिया ने 2017 की अपनी रणनीति में 2030 तक वनों की कटाई को पूरी तरह से समाप्त करने का लक्ष्य रखा था।
उन्होंने आगे जानकारी देते हुए कहा कि, "हमने अपने प्रयासों को अमेजन पर केंद्रित किया है, क्योंकि यह वही क्षेत्र है जहां ऐतिहासिक रूप से 50 फीसदी से अधिक कटाई हुई है।
हमने इस कमी के साथ एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है, क्योंकि इस क्षेत्र में आई गिरावट की वजह से ही देश में वनों की होती कटाई में 36 फीसदी की कमी मुमकिन हो सकी है।" उनके मुताबिक 85 फीसदी क्षेत्रों में जहां परिवारों के साथ समझौते हुए हैं, वहां जंगलों को बचाया जा सका है।
एक अन्य रिपोर्ट के हवाले से पता चला है कि 2023 के दौरान वैश्विक स्तर पर 37 लाख हेक्टेयर में फैले प्राथमिक उष्णकटिबंधीय जंगल नष्ट हो गए, जो आकार में करीब-करीब भूटान के बराबर हैं। देखा जाए तो हम हर मिनट औसतन 10 फुटबॉल मैदानों के आकार के बराबर उष्णकटिबंधीय वनों को खो रहे हैं। जो मानवता पर मंडराते एक बड़े खतरे की ओर इशारा करता है।
देखा जाए तो हम इंसान इन जंगलों को गंवा कर स्वयं ही अपने विनाश की पटकथा लिख रहे हैं। विश्लेषण के मुताबिक यह राजनीतिक नेतृत्व और मजबूत नीतियां का ही परिणाम है कि 2022 की तुलना में 2023 में वन क्षेत्रों को होते नुकसान में नौ फीसदी की गिरावट देखने को मिली है।
याद दिला दें कि दुनिया भर के नेताओं ने ग्लासगो में हुए कॉप-26 सम्मलेन के दौरान 2030 तक इन जंगलों को बचाने की प्रतिज्ञा ली थी। साथ ही इस दौरान 35 करोड़ हेक्टेयर क्षतिग्रस्त भूमि को दोबारा बहाल करने पर भी सहमति बनी थी।