कटहल दिवस 2024: विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर, एक स्वस्थ आहार है कटहल

कटहल बांग्लादेश और श्रीलंका का राष्ट्रीय फल है, साथ ही यह भारत के तमिलनाडु और केरल का राज्य फल भी है
 कटहल को अन्य नामों के अलावा ‘जक’, ‘कथल और ‘चक्का’ भी कहा जाता है।
कटहल को अन्य नामों के अलावा ‘जक’, ‘कथल और ‘चक्का’ भी कहा जाता है। फोटो साभार: विकिमीडिया कॉमन्स, चंदना
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कटहल दिवस हर साल चार जुलाई को मनाया जाता है। यह कटहल को समर्पित एक दिन है, जो एक अनोखा और बहुमुखी फल है, जो अपने बड़े आकार और मीठे स्वाद के लिए जाना जाता है।

यह उष्णकटिबंधीय फल बांग्लादेश और श्रीलंका का राष्ट्रीय फल है, साथ ही यह भारत के तमिलनाडु और केरल का राज्य फल भी है। इस फल की बाहरी त्वचा नुकीली होती है और यह दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया के कुछ हिस्सों में पाया जाता है।

यह फल पौधे-आधारित आहार का पालन करने वाले लोगों के लिए एक लोकप्रिय मांस के विकल्प के रूप में जाना जाता है। इसमें विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा अधिक होती है, जो इसे किसी भी आहार में एक स्वस्थ पूरक बनाता है। कटहल को अन्य नामों के अलावा ‘जक’, ‘कथल और ‘चक्का’ भी कहा जाता है।

इस दिन की शुरुआत 2016 में कटहल के कई उपयोगों के बारे में लोगों को बताने के लिए की गई थी, जिसमें स्वादिष्ट व्यंजनों में इसकी भूमिका से लेकर इसके कच्चे बनावट के कारण मांस के विकल्प के रूप में इसकी क्षमता तक शामिल है।

कटहल दिवस का महत्व एक ऐसे फल पर गौर करने में निहित है जो न केवल पोषण से भरपूर है बल्कि दुनिया भर में विभिन्न संस्कृतियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

कटहल को इसके आकार के लिए मनाया जाता है, यह पेड़ों पर उगने वाला सबसे बड़ा फल है और इसके फायदे, जिसमें विटामिन, खनिज और आहार फाइबर की भरपूर आपूर्ति शामिल है। इसकी बहुमुखी प्रतिभा बेजोड़ है, इसका उपयोग मीठे और नमकीन व्यंजनों में किया जा सकता है, जिससे यह दुनिया भर के रसोई घरों में पसंदीदा बन गया है।

लोग कटहल दिवस को मजेदार और आकर्षक तरीकों से मनाते हैं, जैसे कि कटहल की नई रेसिपी आजमाना, करी से लेकर मिठाइयां बनाना और दोस्तों और परिवार के साथ भोजन को साझा करना।

यह इस फल की पाक विविधता को जानने और इसके स्वास्थ्य को होने वाले फायदों का आनंद लेने का अवसर है। चाहे आप पहले से ही इसके प्रशंसक हों या आपने अभी तक कटहल नहीं खाया हो, यह दिन सभी को कुछ नया और स्वादिष्ट खोजने के लिए प्रोत्साहित करता है।

इस अनोखे दिवस की शुरुआत 2016 में हुई थी, जिसका उद्देश्य कटहल की विविध पाक संभावनाओं और मांस के विकल्प के रूप में इसकी बढ़ती स्थिति पर प्रकाश डालना था।

इसका लंबा इतिहास भी है, जो तब से शुरू होता है जब पुर्तगाली विद्वान गार्सिया दा ओर्टा ने 1563 में ‘चक्का’ फल को ‘जैका’के रूप में पहचाना था। 1782 तक, यह फल जमैका तक पहुचा और दुनिया भर में इसकी शाखाएं फैल गई। 2018 में तेजी से आगे बढ़ते हुए, भारत के केरल ने कटहल को अपना आधिकारिक राज्य फल घोषित किया, जिसने सांस्कृतिक और आर्थिक रूप से इसके महत्व को पुख्ता किया।

कटहल दिवस पर, उत्साही लोगों को कच्चे व्यंजनों से लेकर स्वादिष्ट और मीठे व्यंजनों तक, फल की पाक क्षमता का पता लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

इसलिए, चार जुलाई के करीब आते ही, लोग कटहल की दुनिया में गोता लगाने पर विचार करते हैं। यह इस पौष्टिक और बहुमुखी फल की सराहना करने के लिए एक आदर्श दिन है।

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