
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने 27 मई, 2025 को कहा है कि कोच्चि तट पर लाइबेरियाई जहाज के डूबने की घटना जैव विविधता अधिनियम, 2002, जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1974 और पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 के उल्लंघन को दर्शाती है।
इस मामले पर संज्ञान लेते हुए एनजीटी ने कई एजेंसियों को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया है। इनमें केरल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, लक्षद्वीप प्रदूषण नियंत्रण समिति, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी), पर्यावरण मंत्रालय (एमओईएफएंडसीसी), पोत परिवहन मंत्रालय, भारतीय तटरक्षक बल और भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र (आईएनसीओआईएस) शामिल हैं।
अदालत ने सभी पक्षों से अगली सुनवाई से एक सप्ताह पहले अपने जवाब दाखिल करने को कहा है। इस मामले में अगली सुनवाई 30 जुलाई, 2025 को होगी।
गौरतलब है कि इस मामले पर एनजीटी ने ‘द हिंदू’ अखबार में छपी एक खबर के आधार पर स्वतः संज्ञान लिया है। खबर में कहा गया है कि जहाज के कंटेनर अगले 48 घंटे में अलेप्पी और कोल्लम तटों की ओर बह सकते हैं।
खबर के मुताबिक एमएससी ईएलएसए 3 नामक यह लाइबेरियाई जहाज कंटेनर ले जा रहा था जोकि 25 मई, 2025 को कोच्चि के तट पर डूब गया। इस जहाज पर 640 कंटेनर थे, जिनमें से 13 में खतरनाक सामग्री और 12 में कैल्शियम कार्बाइड मौजूद था। रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी सूचना के मुताबिक, इस जहाज में 84.44 मीट्रिक टन डीजल और 367.1 मीट्रिक टन फर्नेस ऑयल भी था।
खबर के मुताबिक, भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र (आईएनसीओआईएस) इस घटना के असर पर नजर रख रहा है। शुरुआत अध्ययन में पाया गया है कि अलप्पुझा जिले के अलप्पड़, पुरक्कड और चप्पक्कदावु, और कोल्लम तट के वेल्लनथुरूथु, कोविलथोट्टम और मरुथाडी जैसे इलाकों के प्रभावित होने की 25 फीसदी आशंका है।
हरियाणा: फ्लाई ऐश प्रबंधन को लेकर एनजीटी ने मांगा जवाब
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने 27 मई, 2025 को हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एचएसपीसीबी) सहित संबंधित पक्षों को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। मामला हिसार जिले के खेदड़ स्थित राजीव गांधी थर्मल पावर प्लांट द्वारा फ्लाई ऐश के उचित तरीके से प्रबंधन न करने से जुड़ा है।
यह निर्देश राजाराम नामक याचिकाकर्ता द्वारा दायर अनुपालन याचिका पर सुनवाई के दौरान आया। इस याचिका में एनजीटी द्वारा 5 जुलाई, 2024 को दिए आदेश का पालन सुनिश्चित करने की मांग की गई थी।
इस मामले में अगली सुनवाई 28 सितंबर, 2025 को होगी।