पहले दिन डोनाल्ड ट्रम्प कार्यकारी आदेशों पर कर सकते हैं हस्ताक्षर!

कार्यकारी आदेशों को भावी राष्ट्रपतियों या अदालतों द्वारा पलटा जा सकता है, साथ ही इन्हें कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है
डोनाल्ड ट्रम्प के 47वें अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने का स्क्रीनशॉट
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अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प अपने कार्यकाल के पहले दिन कई कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर कर सकते हैं। इनमें से कई आदेश पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन और स्वास्थ्य से जुड़े हैं।

ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (बीबीसी) के मुताबिक, कार्यकारी आदेशों यानी एग्जीक्यूटिव ऑर्डर में कानून की शक्ति होती है, लेकिन भावी राष्ट्रपति या अदालतें इन्हें पलट सकती हैं। वहीं कई आदेशों को कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।

यह आदेश राष्ट्रपति की ओर से फेडरल गवर्नमेंट को जारी किया गया एक लिखित आदेश होते हैं। इसके लिए कांग्रेस की मंजूरी की जरूरत नहीं होती है। बता दें कि 20 जनवरी 2021 को राष्ट्रपति के रूप में अपने पहले ही दिन पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने पेरिस जलवायु समझौते में फिर से शामिल होने की प्रक्रिया को शुरू करने के लिए ऐसी ही एक आदेश पर हस्ताक्षर किए थे।

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अमेरिकी मीडिया में छपी खबरों के मुताबिक नव-निर्वाचित राष्ट्रपति 'मैक्सिको की खाड़ी' का नाम बदलकर 'अमेरिका की खाड़ी' करने संबंधी आदेश पर हस्ताक्षर कर सकते हैं। गौरतलब है कि मैक्सिको की खाड़ी वो जल निकाय है जो अमेरिका को ग्रेटर एंटिलीज और मेसोअमेरिका से अलग करता है।

नाम में एक और महत्वपूर्ण बदलाव अलास्का में माउंट देनाली से संबंधित होगा। उत्तरी अमेरिका की इस सबसे ऊंची चोटी का नाम 'देनाली' से बदलकर एक बार फिर पूर्व राष्ट्रपति विलियम मैकिन्ले के नाम पर 'माउंट मैकिन्ले' किया जाएगा।

इससे पहले बराक ओबामा ने 2015 में इस पर्वत चोटी का नाम बदलकर माउंट देनाली कर दिया था। देनाली इस चोटी का मूल अथाबास्कन नाम है। अलास्का के मूल निवासियों और उनकी परम्पराओं का सम्मान करते हुए इस पर्वत का नाम माउंट देनाली किया गया था।

बीबीसी ने वॉल स्ट्रीट जर्नल के हवाले से जानकारी दी है कि राष्ट्रपति ट्रम्प फेडरल एजेंसियों को "व्यापार नीतियों का अध्ययन करने और चीन तथा पड़ोसी देशों के साथ अमेरिकी व्यापार संबंधों की समीक्षा करने" का निर्देश देने वाले एक आदेश पर भी हस्ताक्षर कर सकते हैं।

बीबीसी के मुताबिक ट्रम्प, 'नेशनल एनर्जी इमरजेंसी' की घोषणा कर सकते हैं। इससे अमेरिका को पहले से कहीं ज्यादा प्राकृतिक संसाधनों का उत्पादन करने और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने के लिए नौकरियों का सृजन करने में मदद मिलेगी।

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अनुमान है कि ट्रम्प, बाइडेन प्रशासन की उन नीतियों पर निशाना साधेंगे, जिनका उद्देश्य पर्यावरण अनुकूल नौकरियों को बढ़ावा देना है। इसी तरह जीवाश्म ईंधन उद्योग को विनियमित और प्रदूषण को कम करने का लक्ष्य रखने वाली नीतियां और नियम भी उनके रडार पर होंगे।

यह भी कयास हैं कि नव-निर्वाचित राष्ट्रपति 2015 के पेरिस समझौते से फिर से पीछे हट सकते हैं। उन्होंने 2017 में अपने पहले कार्यकाल के दौरान भी ऐसा ही किया था। बता दें कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के नेतृत्व में अमेरिका इस समझौते में फिर से शामिल हो गया था।

अपने दूसरे कार्यकाल में, ट्रम्प गर्भपात (अबॉर्शन) परामर्श प्रदान करने वाले अंतरराष्ट्रीय समूहों को दी जा रही फेडरल सहायता पर भी प्रतिबंध लगाने की योजना बना रहे हैं। बीबीसी के अनुसार, इस नियम से गर्भपात की पेशकश या रेफरल प्रदान करने वाले संगठनों को मिलने वाले लाखों डॉलर छीन लिए जाएंगे।

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