वैज्ञानिकों ने खोजा बिना सीओ2 उत्सर्जन के प्राकृतिक तौर पर जमा हाइड्रोजन निकालने का तरीका

पिछले एक अरब वर्षों में पृथ्वी की महाद्वीपीय परत द्वारा इतनी हाइड्रोजन गैस का उत्पादन किया गया है कि यह कम से कम 1,70,000 वर्षों तक मानव जाति की ऊर्जा की जरूरतों की पूर्ति कर सकती है
शोध पत्र में कहा गया है कि हीलियम के लिए जांच-पड़ताल संबंधी रणनीति सफलतापूर्वक विकसित की है और हाइड्रोजन के लिए एक समान 'पहला सिद्धांत' के नजरिए को अपनाया जा सकता है।
शोध पत्र में कहा गया है कि हीलियम के लिए जांच-पड़ताल संबंधी रणनीति सफलतापूर्वक विकसित की है और हाइड्रोजन के लिए एक समान 'पहला सिद्धांत' के नजरिए को अपनाया जा सकता है।फोटो साभार: आईस्टॉक
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आज की बदलती दुनिया में, कामकाज के लिए हाइड्रोजन गैस की विश्वसनीय आपूर्ति बहुत जरूरी है। हाइड्रोजन से उत्पादित उर्वरक दुनिया की आबादी के आधे हिस्से की खाद्य आपूर्ति में योगदान देती है और बिना कार्बन वाले भविष्य के लिए कई रोडमैप में हाइड्रोजन ऊर्जा का एक प्रमुख स्रोत भी है, जो जलवायु परिवर्तन की सबसे खराब पूर्वानुमानों पर लगाम लगाने के लिए जरूरी है।

वर्तमान में हाइड्रोजन का उत्पादन हाइड्रोकार्बन से किया जाता है, जिसमें अपशिष्ट गैसें वैश्विक कार्बन डाईऑक्साइड (सीओ2) उत्सर्जन में 2.4 फीसदी के लिए जिम्मेवार हैं। हाइड्रोजन की मांग 2022 में नौ करोड़ टन से बढ़कर 2050 तक 54 करोड़ टन हो जाएगी, लेकिन यह जरूरी है कि यह हाइड्रोजन सीओ2 उत्सर्जित न करे।

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शोध पत्र में कहा गया है कि हीलियम के लिए जांच-पड़ताल संबंधी रणनीति सफलतापूर्वक विकसित की है और हाइड्रोजन के लिए एक समान 'पहला सिद्धांत' के नजरिए को अपनाया जा सकता है।

अपशिष्ट सीओ2 कार्बन को अलग करने के बाद उत्पादन या नवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों से हाइड्रोजन के भविष्य के स्रोत दोनों ही हैं, लेकिन अभी तक व्यावसायिक रूप से इसमें प्रतिस्पर्धा नहीं हैं।

डरहम यूनिवर्सिटी, टोरंटो यूनिवर्सिटी और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के सहयोग से किए गए नए शोध से एक समाधान खोजा गया है। पिछले एक अरब वर्षों में, पृथ्वी की महाद्वीपीय परत द्वारा इतनी हाइड्रोजन गैस का उत्पादन किया गया है कि यह कम से कम 1,70,000 वर्षों तक मानव जाति की ऊर्जा की जरूरतों की पूर्ति कर सकती है।

जबकि इसका एक हिस्सा गायब हो गया है, इसकी खपत हो चुकी है, या आज शेष हाइड्रोजन इस प्राकृतिक संसाधन का एक प्राकृतिक स्रोत प्रदान कर सकता है।

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शोध पत्र में कहा गया है कि हीलियम के लिए जांच-पड़ताल संबंधी रणनीति सफलतापूर्वक विकसित की है और हाइड्रोजन के लिए एक समान 'पहला सिद्धांत' के नजरिए को अपनाया जा सकता है।

प्राकृतिक भूवैज्ञानिक हाइड्रोजन के सुलभ और व्यावसायिक रूप से खोजने के लिए खोज करने का तरीका महत्वपूर्ण है। शोध पत्र में शोधकर्ता के हवाले से कहा गया है कि हीलियम के लिए जांच-पड़ताल संबंधी रणनीति सफलतापूर्वक विकसित की है और हाइड्रोजन के लिए एक समान 'पहला सिद्धांत' के नजरिए को अपनाया जा सकता है।

नेचर रिव्यू अर्थ एंड एनवायरमेंट नामक पत्रिका में प्रकशित शोध में विभिन्न 'हाइड्रोजन प्रणालियों' को खोजने के लिए जांच-पड़ताल की रणनीति को लागू करने के लिए जरूरी प्रमुख तत्वों की रूपरेखा प्रस्तुत की गई है। इसमें शामिल है कि कितना हाइड्रोजन उत्पादित होता है और किस प्रकार की चट्टानें और परिस्थितियां होती हैं, हाइड्रोजन इन चट्टानों से अंदर ही अंदर कैसे दूसरी जगह पहुंचती है, वे परिस्थितियां जो गैस क्षेत्र के निर्माण में मदद करती हैं और वे परिस्थितियां जो हाइड्रोजन को नष्ट करती हैं।

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शोध पत्र में कहा गया है कि हीलियम के लिए जांच-पड़ताल संबंधी रणनीति सफलतापूर्वक विकसित की है और हाइड्रोजन के लिए एक समान 'पहला सिद्धांत' के नजरिए को अपनाया जा सकता है।

शोध पत्र में शोधकर्ता के हवाले से कहा गया है कि जमीन के अंदर के सूक्ष्मजीव आसानी से हाइड्रोजन को भोजन के रूप में ग्रहण करते हैं। ऐसे वातावरण से बचना जो उन्हें हाइड्रोजन के संपर्क में लाते हैं, क्योंकि हाइड्रोजन को संरक्षित करना जरूरी है।

उन क्षेत्रों को सामने लाना जरूरी है जहां और ज्यादा काम करने की जरूरत है जैसे कि चट्टान प्रतिक्रिया क्षमताएं और भूवैज्ञानिक इतिहास किस तरह सही चट्टानों को पानी के साथ एक साथ ला सकते हैं जो इसके साथ प्रतिक्रिया करते हैं।

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शोध पत्र में कहा गया है कि हीलियम के लिए जांच-पड़ताल संबंधी रणनीति सफलतापूर्वक विकसित की है और हाइड्रोजन के लिए एक समान 'पहला सिद्धांत' के नजरिए को अपनाया जा सकता है।

हाइड्रोजन गैस के कुछ स्रोत, जैसे कि पृथ्वी के मेंटल या आवरण से, ने बहुत सी अटकलों को बढ़ावा दिया है, लेकिन यह शोध दिखता है कि ये वास्तविक स्रोत नहीं हैं। इसके बजाय, शोधकर्ताओं ने दिखाया कि एक पूर्ण हाइड्रोजन प्रणाली के लिए अवयव क्रस्ट के भीतर कई सामान्य भूवैज्ञानिक स्थिति में पाए जा सकते हैं। इनमें से कुछ भूवैज्ञानिक रूप से काफी नए हो सकते हैं, जो हाल ही में हाइड्रोजन बना रहे हैं, अन्य वास्तव में प्राचीन लेकिन वैश्विक रूप से पाए जाते हैं।

शोध पत्र में शोधकर्ता के हवाले से कहा गया है कि इनमें से किसी भी स्थिति में जमा हाइड्रोजन को खोजने के लिए सामग्री को मिलाना आसान नहीं है। किसी भी सामग्री, मात्रा, समय या तापमान में से कोई भी गड़बड़ी हो जाए तो निराशा हाथ लग सकती है।

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शोध पत्र में कहा गया है कि हीलियम के लिए जांच-पड़ताल संबंधी रणनीति सफलतापूर्वक विकसित की है और हाइड्रोजन के लिए एक समान 'पहला सिद्धांत' के नजरिए को अपनाया जा सकता है।

एक सफल खोज का तरीका जो दोहराया जा सकता है, वह व्यावसायिक रूप से प्रतिस्पर्धी, कम कार्बन हाइड्रोजन स्रोत को शामिल करना है, जो ऊर्जा के बदलाव में बहुत बड़ा योगदान देगा।

शोधकर्ता ने आगे कहा उनके पास इन सामग्रियों को मिलाने और उस नुस्खे को खोजने का सही अनुभव है। प्राकृतिक भूवैज्ञानिक हाइड्रोजन की संभावना ने शोधकर्ताओं को स्नोफॉक्स डिस्कवरी लिमिटेड बनाने के लिए प्रेरित किया है, जो एक खोज करने वाली कंपनी है जिसका मिशन सामाजिक रूप से महत्वपूर्ण प्राकृतिक रूप से जमा हाइड्रोजन का पता लगाना है।

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