केवडिया के पास आदिवासियों का विरोध
जनजातीय मामलों के मंत्री ने आज लोकसभा में इस बात से इनकार किया कि गुजरात के नर्मदा जिले में स्टेच्यू ऑफ यूनिटी के पास केवडिया कॉलोनी के आदिवासियों ने इलाके में होटल और अन्य परियोजनाओं हेतु रास्ता बनाने के लिए जबरन बेदखली का विरोध किया।
प्रवासी श्रमिकों के आंकड़े
श्रम और रोजगार राज्य मंत्री (आईसी) संतोष कुमार गंगवार ने लोकसभा में बताया कि राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों से प्रवासी श्रमिकों के बारे में प्राप्त जानकारी के अनुसार, महाराष्ट्र में 17 आकस्मिक मौतों को छोड़कर अन्य राज्यों अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह, अरुणाचल प्रदेश, असम, चंडीगढ़, दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव, दिल्ली, गोवा, केरल, मणिपुर मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, पुडुचेरी, हिमाचल प्रदेश, पंजाब उत्तराखंड से प्रवासी श्रमिकों के जानमाल के नुकसान की कोई जानकारी नहीं है। शेष राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों से जानकारी / आंकड़े एकत्र / संकलित किए जा रहे हैं और इसे सदन के पटल पर रखा जाएगा।
कामकाजी महिलाएं
नेशनल स्टैटिस्टिकल ऑफिस (एनएसओ), सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा 2018-19 के दौरान कराए गए आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) के परिणामों के अनुसार, सामान्य स्थिति (पीएस और एसएस) पर अनुमानित महिला श्रमिकों की जनसंख्या अनुपात (डब्ल्यूपीआर) बिहार में बहुत कम है, यह श्रम और रोजगार राज्य मंत्री (आईसी) संतोष कुमार गंगवार ने आज लोकसभा में बताया।
सर्वेक्षण के अनुसार, बिहार में, महिला श्रमिकों की आबादी केवल 4 प्रतिशत है।
गंगवार ने यह भी कहा कि सरकार ने श्रम शक्ति में महिलाओं की भागीदारी को बेहतर बनाने के लिए कई तरह पहल की हैं। महिलाओं के रोजगार को प्रोत्साहित करने के लिए, श्रम कानूनों में महिला श्रमिकों के अनुकूल कार्य करने के वातावरण बनाने के लिए कई सुरक्षात्मक प्रावधानों को शामिल किया गया है।
उत्तर प्रदेश में वर्तमान में महिला साक्षरता दर और देश में इसकी रैंकिंग
शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल "निशंक’’ ने आज लोक सभा में बताया कि उत्तर प्रदेश में महिला साक्षरता दर 57.18 फीसदी है। जबकि महिला साक्षरता की राष्ट्रीय औसत की तुलना में दर 64.63 फीसदी है और उत्तर प्रदेश देश में 31वें स्थान पर है।
उन्होंने कहा कि विभिन्न कारक जैसे गरीबी, लिंग और सामाजिक असमानताएं आदि देश में महिला साक्षरता को बाधित कर रहे हैं।
खनन परियोजना में एफआरए का उल्लंघन
राज्य सरकार से प्राप्त जानकारी के अनुसार, वन अधिकार अधिनियम, 2006 के अनुसार, अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों को लागू करने के लिए जिम्मेदार है, हसदेव अरंड वन में चल रही खनन परियोजनाओं पर वन अधिकार अधिनियम, 2006 का कोई उल्लंघन नहीं देखा गया है। यह जनजातीय मामलों के मंत्री ने आज लोकसभा में बताया।