
रामगंगा नदी के मुरादाबाद शहरी क्षेत्र में बाढ़ क्षेत्र का सीमांकन छह महीनों में और पूरी 526 किलोमीटर लंबी नदी का सीमांकन दस महीनों में पूरा कर लिया जाएगा। सीमांकन की यह प्रक्रिया राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान (एनआईएच), रुड़की से रिपोर्ट मिलने के बाद शुरू होगी।
यह जानकारी उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग, के बाढ़ नियंत्रण प्रभाग द्वारा 23 जुलाई को दाखिल रिपोर्ट में सामने आई है।
रिपोर्ट के मुताबिक रामगंगा नदी के बाढ़ क्षेत्र के सीमांकन के लिए जरूरी सभी महत्वपूर्ण आंकड़े, जैसे नक्शे, बहाव मार्ग और जल स्तर संबंधी जानकारी, सर्वे ऑफ इंडिया, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग (उत्तर प्रदेश), केंद्रीय जल आयोग और अन्य संबंधित संस्थाओं से जुटाकर सिंचाई विभाग ने राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान (एनआईएच), रुड़की को भेज दिए हैं।
राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान ने 18 जून 2025 को बताया था कि बाढ़ क्षेत्र के सीमांकन की ड्राफ्ट रिपोर्ट जुलाई 2025 तक उपलब्ध करा दी जाएगी। लेकिन बाद में, 15 जुलाई 2025 को एनआईएच ने सूचना दी कि कुछ तकनीकी कारणों से रिपोर्ट में देरी हुई है और अब यह 8 अगस्त 2025 तक सौंप दी जाएगी।
इस ड्राफ्ट रिपोर्ट के प्राप्त होने के बाद, सिंचाई विभाग तुरंत जमीनी सत्यापन की प्रक्रिया शुरू करेगा और इसके बाद मुरादाबाद के करीब 15 किलोमीटर लंबे शहरी क्षेत्र के लिए सीमांकन तय चरणों में काम किया जाएगा। ये चरण इस प्रकार हैं:
जमीनी सत्यापन: 9 अगस्त से 7 सितंबर 2025
राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान द्वारा अंतिम रिपोर्ट (सत्यापन के बाद): 8 सितंबर से 7 अक्टूबर 2025
नियमों के तहत बाढ़ क्षेत्र का निर्धारण और अधिसूचना जारी करना: 8 अक्टूबर से 6 नवंबर 2025
परियोजना का अनुमान तैयार करना, तकनीकी व वित्तीय मंजूरी, टेंडर प्रक्रिया और सीमांकन कार्य: 7 नवंबर 2025 से 4 फरवरी 2026
इस प्रकार, मुरादाबाद शहरी क्षेत्र में बाढ़ क्षेत्र के सीमांकन का कार्य एनआईएच की ड्राफ्ट रिपोर्ट मिलने के छह महीनों के भीतर पूरा कर लिया जाएगा।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि रामगंगा नदी की पूरी 526 किलोमीटर लंबी धारा के लिए भी इसी तरह की प्रक्रिया अपनाई जाएगी, जिसमें जमीनी सत्यापन, एनआईएच की अंतिम रिपोर्ट, कानूनी अधिसूचना और परियोजना की तैयारी, मंजूरी, टेंडर और कार्यान्वयन शामिल हैं।
रासीपुरम में 6,716 घरों को मिला सीवर कनेक्शन, अगस्त तक हासिल हो जाएगा लक्ष्य: रिपोर्ट
तमिलनाडु में नमक्कल जिले के रासीपुरम में भूमिगत सीवरेज प्रणाली से जुड़ी परियोजना पूरी हो चुकी है। यह जानकारी नमक्कल के जिला कलेक्टर द्वारा 25 जुलाई 2025 को दाखिल रिपोर्ट में दी गई है।
रिपोर्ट के अनुसार, योजना के तहत 7,024 घरों को सीवर कनेक्शन देना था। इनमें से अब तक 6716 घरों को कनेक्शन दिया जा चुका है और शेष 308 घरों को अगस्त 2025 तक जोड़ने के लिए कार्य जारी है। इसके साथ ही अब शहर में बरसाती नालों से गंदे पानी का बहाव पूरी तरह बंद कर दिया गया है।
इसके साथ ही 'एमडब्ल्यू वॉटर सॉल्यूशंस' द्वारा स्थापित बैक्टीरिया आधारित सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का कार्य पूरा हो चुका है और यह 8 अप्रैल 2025 से चालू है।
इस प्लांट में साफ किया गया पानी पास की थट्टनकुट्टई झील में छोड़ा जा रहा है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि झील में जाने वाले इस पानी के सभी मानक जांच में सिंचाई के लिए उपयुक्त पाए गए हैं। अब इस पानी के सुरक्षित निपटान के लिए एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने का प्रस्ताव भी है।