साल 2024 में अंटार्कटिका में ओजोन छिद्र बाद में क्यों हुआ शुरू, क्या कहता है नया आकलन

मौसम की सामान्य परिस्थितियों में अंटार्कटिका के इलाके में ओजोन छिद्र अगस्त के मध्य से अंत तक बनना शुरू होता है और नवंबर के अंत में बंद हो जाता है
साल 2024 में अंटार्कटिक ओजोन छिद्र का विकास औसत से बाद में शुरू हुआ, मुख्य रूप से जुलाई में अचानक समताप मंडल के गर्म होने के दो प्रकरणों के बाद ध्रुवीय भंवर में व्यवधान के कारण ऐसा देखा गया।
साल 2024 में अंटार्कटिक ओजोन छिद्र का विकास औसत से बाद में शुरू हुआ, मुख्य रूप से जुलाई में अचानक समताप मंडल के गर्म होने के दो प्रकरणों के बाद ध्रुवीय भंवर में व्यवधान के कारण ऐसा देखा गया।साभार: कोपरनिकस वायुमंडल निगरानी सेवा (सीएएमएस)
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दक्षिणी ध्रुव पर ओजोन छिद्र के सालाना आकलन से पता चला है कि इस साल 2024 में ओजोन छिद्र का विकास सामान्य समय के बाद शुरू हुआ। इसकी वजह दक्षिणी ध्रुव में तापमान और हवा के पैटर्न में बदलाव को माना जा रहा है।

नियमित रूप से वायुमंडलीय बदलावों की निगरानी करने वाले कॉपरनिकस वायुमंडल निगरानी सेवा (सीएएमएस) ने अपने आकलन में यह बात कही है।

वैसे यह एक वायुमंडलीय घटना है, जो हर साल दक्षिणी गोलार्ध के वसंत के दौरान होती है। मौसम की सामान्य परिस्थितियों में यह छिद्र अगस्त के मध्य से अंत तक बनना शुरू होता है और नवंबर के अंत में बंद हो जाता है।

साल 2024 में अंटार्कटिक ओजोन छिद्र का विकास औसत से बाद में शुरू हुआ, मुख्य रूप से जुलाई में अचानक समताप मंडल के गर्म होने के दो प्रकरणों के बाद ध्रुवीय भंवर में व्यवधान के कारण ऐसा देखा गया।

सीएएमएस के आंकड़ों से पता चलता है कि अंटार्कटिक क्षेत्र के अधिकांश इलाकों में कुल कॉलम ओजोन मान काफी हद तक 220 डॉबसन इकाइयों (डीयू) से ऊपर रहा है। डॉबसन इकाइयों (डीयू) अंटार्कटिक ओजोन छिद्र को परिभाषित करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला मान है। 13 सितंबर 2024 तक, ओजोन छिद्र का कुल क्षेत्रफल 1.848 करोड़ वर्ग किलोमीटर था, जो इस अवधि के लिए हाल के सालों की तुलना में कम है।

कोपरनिकस एटमॉस्फियर मॉनिटरिंग सर्विस (सीएएमएस) के निदेशक लॉरेंस रूइल ने प्रेस विज्ञप्ति के हवाले से कहा कि "ज्वालामुखी से लेकर जलवायु परिवर्तन तक, ऐसे असंख्य कारण हैं जो अंटार्कटिका के ओजोन छिद्र के निर्माण में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से भूमिका निभाते हैं। फिर भी, उनमें से कोई भी मानवजनित ओजोन-क्षयकारी पदार्थों जितना प्रभावशाली नहीं है"।

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साल 2024 में अंटार्कटिक ओजोन छिद्र का विकास औसत से बाद में शुरू हुआ, मुख्य रूप से जुलाई में अचानक समताप मंडल के गर्म होने के दो प्रकरणों के बाद ध्रुवीय भंवर में व्यवधान के कारण ऐसा देखा गया।

उन्होंने आगे कहा, "मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल और उसके बाद के संशोधनों ने ओजोन परत को ठीक होने के लिए पर्याप्त काम किया है और हम अगले चालीस वर्षों में इसके ठीक होने के और संकेत देख सकते हैं। यह दर्शाता है कि मानवता अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और विज्ञान-आधारित निर्णय लेने से ग्रह के वायुमंडल पर हमारे प्रभाव को बदलने में सक्षम है।"

मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल ओजोन परत को बचाने के लिए ओजोन परत को नुकसान पहुंचाने वाले पदार्थों (ओडीएस) पर प्रतिबंध लगाकर उसे नियंत्रित करने के लिए बनाया गया था। इसे दुनिया भर में सामूहिक सफलता की नजर से देखा जाता है, क्योंकि इसके माध्यम से और बाद में किए गए संशोधनों ने प्रतिबद्धता को गति दी, जिससे ओजोन परत को और अधिक नुकसान होने से रोका, जिससे रिकवरी का मार्ग प्रशस्त हुआ।

फिर भी यह सामने लाना अहम है कि ओजोन छिद्र का यह देर से शुरू होना अपने आप में इसकी बहाली या रिकवरी का इशारा नहीं है, बल्कि वायुमंडलीय कारकों की प्राकृतिक बदलावों का परिणाम है जिसने इस घटना को जन्म दिया।

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