गरीब देशों में बढ़ते ऊष्णकटिबंधीय चक्रवातों से बढ़ रहे हैं हृदय रोग: अध्ययन

शोध के अनुसार, तूफान की जद में आने वाले लोगों में हृदय रोग की घटनाओं में वृद्धि हो रही है। तूफान के समय और उसके बाद तनाव बढ़ने के कारण ऐसा हो रहा है
फोटो : कोलंबिया यूनिवर्सिटी
फोटो : कोलंबिया यूनिवर्सिटी
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एक नए शोध में पाया गया है कि ऊष्णकटिबंधीय चक्रवातों के कारण इसकी चपेट में आने वाले लोगों का स्वास्थ्य सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। शोध में कहा गया है कि अमेरिका जैसे विकसित देश पर ध्यान देने के बजाय निम्न और मध्यम आय वाले देशों पर गौर किया जाना चाहिए।

अब तक ऊष्णकटिबंधीय चक्रवातों के परिणामों को लेकर अधिकांश शोध अधिक आय वाले देशों पर केंद्रित रहे हैं। यह शोध कोलंबिया यूनिवर्सिटी के मेलमैन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के शोधकर्ताओं के द्वारा किया गया है।

शोधकर्ता रॉबी एम. पार्क्स ने कहा कि ऊष्णकटिबंधीय चक्रवातों के लंबे समय तक पड़ने वाले प्रभावों को पूरी तरह से समझने के लिए ऊष्णकटिबंधीय चक्रवातों पर अधिक उच्च गुणवत्ता वाले सार्वजनिक स्वास्थ्य शोध बहुत आवश्यक है। पार्क्स, कोलंबिया में पर्यावरण स्वास्थ्य विज्ञान के सहायक प्रोफेसर हैं। 

जलवायु परिवर्तन के कारण तूफान और संबंधित चरम मौसम की घटनाओं जैसे, चक्रवात, गंभीर तूफान की आवृत्ति और विनाशकारीता बढ़ रही है। तूफान की जद में आने वाले लोगों में हृदय रोग की घटनाओं में वृद्धि हो रही है, हो सकता है तूफान के समय और उनके बाद  तनाव बढ़ने के कारण ऐसा हो रहा है।

ऊष्णकटिबंधीय चक्रवात के प्रभाव सार्वजनिक स्वास्थ्य और हृदय रोगों से कही आगे तक पहुंचते हैं। ये चक्रवात मानसिक स्थिति, श्वसन, संक्रामक और परजीवी रोगों तक को फैलाते हैं। शोधकर्ता ने कहा कि अक्सर लंबे समय तक चलने वाले मानसिक रोगों को कमतर आंका जाता है और इस पर अधिक गहना से अध्ययन करने की आवश्यकता है।

कम आय वाली आबादी के लिए उपलब्ध कराई गई सहायता और निजी बीमा को प्रभावित करने वाले ऊष्णकटिबंधीय चक्रवात के बाद दी जाने वाली सहायता अक्सर न्यायपूर्ण नहीं होती है। यहां तक कि वित्तीय संसाधन और निकासी, चेतावनी प्रणालियों की कमी के कारण खतरा और बढ़ जाता है।

जब भी कोई भयंकर ऊष्णकटिबंधीय चक्रवात आता है तो इससे संबंधित समाचारों को पढ़ना लगभग बहुत दर्दनाक होता है। हम सभी को नियमित रूप से याद दिलाया जाता है कि टाइफून और तूफान कुछ सबसे घातक और लगातार चलने वाले जलवायु संबंधी खतरे हैं।

शोधकर्ता ने कहा हम जो सीधे तौर पर चरम मौसम से प्रभावित नहीं होते हैं, उनका सुर्खियां फीकी पड़ने के बाद आगे बढ़ना बहुत आसान होता है। हालांकि, एक ऊष्णकटिबंधीय चक्रवात की लंबी छाया जीवन को नष्ट कर सकती है और इसके परिणामस्वरूप अस्पताल में भर्ती  होने और मृत्यु तक हो सकती है। यह अध्ययन एनवायर्नमेंटल हेल्थ पर्सपेक्टिव में प्रकाशित हुआ है।

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