2022 की शुरुआत से ही दिखने लगा जलवायु परिवर्तन का असर, इतिहास की छठवीं सबसे गर्म रही जनवरी

एनसीईआई की रिपोर्ट के अनुसार जनवरी 2022 का औसत तापमान बीसवीं सदी के औसत तापमान से 0.89 डिग्री सेल्सियस ज्यादा था
2022 की शुरुआत से ही दिखने लगा जलवायु परिवर्तन का असर, इतिहास की छठवीं सबसे गर्म रही जनवरी
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2022 की शुरुआत से ही जलवायु परिवर्तन का असर दिखने लगा है, जिसका नतीजा है कि इस साल जनवरी का महीना इतिहास का छठा सबसे गर्म जनवरी था। गौरतलब है कि जनवरी 2022 में तापमान बीसवीं सदी के औसत तापमान से 0.89 डिग्री सेल्सियस ज्यादा दर्ज किया गया है। यह जानकारी नेशनल ओसेनिक एंड एटमोस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (एनओएए) के नेशनल सेंटर फॉर एनवायर्नमेंटल इंफॉर्मेशन (एनसीईआई) द्वारा जारी हालिया रिपोर्ट में सामने आई है। 

गौरतलब है कि पिछले 143 वर्षों के इतिहास में जनवरी 2020 में तापमान सबसे ज्यादा दर्ज किया गया था। जब तापमान 20वीं सदी के औसत तापमान से 1.14 डिग्री सेल्सियस ज्यादा दर्ज किया गया था। इसके बाद जनवरी 2016 में तापमान 1.12 डिग्री सेल्सियस ज्यादा रिकॉर्ड किया गया था। वहीं 2017 में 0.98 डिग्री सेल्सियस, 2019 में 0.94 डिग्री सेल्सियस और जनवरी 2007 में औसत तापमान 20वीं सदी की तुलना में 0.92 डिग्री सेल्सियस ज्यादा था।  

लगातार 445वां महीना था जनवरी 2022, जब बीसवीं सदी से ज्यादा दर्ज किया गया तापमान

देखा जाए तो यह 46वीं बार है जब जनवरी के महीने का औसत तापमान 20वीं सदी के औसत तापमान से ज्यादा दर्ज किया गया है। इसी तरह यदि सभी महीनों की बात की जाए तो यह लगातार 445वां महीना है, जब तापमान 20वीं सदी के औसत तापमान से ज्यादा है। यह स्पष्ट तौर पर दर्शाता है कि धरती का तापमान कितना तेजी से गर्म हो रहा है। 

इससे पहले एनओएए द्वारा 2021 के लिए जारी रिपोर्ट से पता चला है कि 2021 इतिहास का छठा सबसे गर्म वर्ष था, जब वार्षिक औसत तापमान 20वीं सदी के औसत तापमान से 0.84 डिग्री सेल्सियस ज्यादा दर्ज किया गया था।   

यदि स्थानीय तौर पर देखें तो 2022 में दक्षिण अमेरिका ने जनवरी 2016 के बाद अपने दूसरे सबसे गर्म जनवरी का अनुभव किया था। वहीं एशिया के लिए यह रिकॉर्ड चौथा सबसे गर्म जनवरी का महीना था। इसी तरह ओशिनिया ने इस साल 2001 के साथ सम्मिलित रूप से अपने सातवें सबसे गर्म जनवरी का सामना किया था।

यदि उत्तरी अमेरिका और अफ्रीका की बात करें तो इस साल जनवरी का तापमान औसत से ज्यादा था। हालांकि इसके बावजूद 2009 के बाद उत्तरी अमेरिका में इस साल जनवरी का महीना सबसे ज्यादा ठंडा था। इसी तरह 2015 के बाद से इस साल अफ्रीका के लिए जनवरी का महीना सबसे ज्यादा ठंडा था। यूरोप ने भी अपने रिकॉर्ड के 15वीं सबसे गर्म जनवरी का अनुभव किया था। 

यदि ऑस्ट्रेलिया को देखें तो देश के पश्चिमी हिस्सों में जनवरी 2022 में तापमान 50 डिग्री सेल्सियस के पार चला गया था। गौरतलब है कि ऑस्ट्रेलिया के ओन्सलो एयरपोर्ट में अधिकतम तापमान 50.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। इसी तरह अर्जेंटीना ने भी गर्म तापमान के चलते भीषण लू का सामना किया था। 

चक्रवात 'बत्सिराई' के कारण गई थी 120 से ज्यादा जानें

इस महीने पूरी दुनिया में छह उष्णकटिबंधीय चक्रवात दर्ज किए गए थे, जो अपने आप में खास हैं। इस महीने जो सबसे विनाशकारी चक्रवात आया था वो ‘बत्सिराई’ था, जिसके चलते मेडागास्कर में 120 से ज्यादा लोगों की जान गई थी। 

यदि अंटार्कटिक में जमा बर्फ की बात करें तो इस महीने समुद्री बर्फ की सीमा औसत से 440,000 वर्ग मील कम थी, जोकि 44 वर्षों के रिकॉर्ड में जनवरी में दूसरी सबसे छोटी बर्फ की सीमा है। इससे पहले जनवरी 2017 में बर्फ की सीमा इससे कम थी। इसी तरह जनवरी 2022 में आर्कटिक में जमा समुद्री बर्फ की सीमा 1981 से 2010 के औसत की तुलना में 208,000 वर्ग मील कम थी।

हालांकि यह 2009 के बाद से जनवरी में आर्कटिक के लिए बर्फ की सबसे बड़ी सीमा थी। इसी तरह जनवरी 2022 के दौरान उत्तरी गोलार्ध में बर्फ का आवरण 1.83 वर्ग मील रिकॉर्ड किया गया था, जो 2017 के बाद जनवरी में सबसे बड़ा हिमावरण हैं।    

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