इतिहास का पांचवा सबसे गर्म सितम्बर, 2021 में किया गया रिकॉर्ड

इस वर्ष सितम्बर का औसत तापमान बीसवीं सदी के औसत तापमान से 0.9 डिग्री सेल्सियस ज्यादा दर्ज किया गया है
इतिहास का पांचवा सबसे गर्म सितम्बर, 2021 में किया गया रिकॉर्ड
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इस वर्ष सितम्बर का महीना इतिहास का पांचवा सबसे गर्म सितम्बर था। यह जानकारी हाल ही में एनओएए के नेशनल सेंटर फॉर एनवायर्नमेंटल इंफॉर्मेशन द्वारा जारी की गई है। गौरतलब है कि इस वर्ष सितम्बर माह का औसत तापमान बीसवीं सदी के औसत तापमान से 0.9 डिग्री सेल्सियस ज्यादा दर्ज किया गया है। 

इसमें कोई शक नहीं की पिछले एक दशक में धरती का तापमान तेजी से बढ़ रहा है, जिसका नतीजा है कि इतिहास के 10 सबसे गर्म सितम्बर, 2009 के बाद दर्ज किए गए हैं। यदि एनओएए द्वारा जारी आंकड़ों को देखें तो 2015, 2016, 2019 और 2020 में सितम्बर का तापमान सबसे ज्यादा था जब तापमान में हो रही वृद्धि 20वीं सदी के औसत तापमान से करीब 0.94 डिग्री सेल्सियस ज्यादा दर्ज की गई थी।

इसके बाद सितम्बर 2021 में यह विसंगति 0.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज की गई थी। वहीं सितम्बर 2017 में 0.86 डिग्री सेल्सियस, 2018 में 0.82, 2014 में 0.79 और 2012 में 0.74 डिग्री सेल्सियस दर्ज की गई थी। इस तरह दुनिया के आठ सबसे गर्म सितंबर 2014 के बाद दर्ज किए गए हैं।

वहीं यदि जनवरी से सितम्बर के औसत तापमान को देखें तो वो इसे इतिहास के 10 सबसे गर्म वर्षों में से एक बनाते हैं। अनुमान है कि जनवरी से सितम्बर के बीच जो तापमान में वृद्धि दर्ज की गई है वो इस वर्ष को अब तक का छठा सबसे गर्म वर्ष बनाती है। अब तक का तापमान 20वीं सदी के औसत तापमान से करीब 0.83 डिग्री सेल्सियस ज्यादा दर्ज किया गया है। एनसीईआई द्वारा जारी वार्षिक वैश्विक तापमान रैंकिंग आउटलुक के अनुसार इस बात की 99 फीसदी से ज्यादा सम्भावना है कि 2021 इतिहास के 10 सबसे गर्म वर्षों में से एक हो सकता है। 

अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका के लिए था यह इतिहास का सबसे गर्म सितम्बर

यदि तापमान में आ रही इस विसंगति को क्षेत्रीय स्तर पर देखें तो दक्षिणी गोलार्ध के लिए यह 142 वर्षों में सबसे गर्म सितम्बर था, जबकि उत्तरी गोलार्ध के लिए यह अब तक का पांचवां सबसे गर्म सितम्बर का महीना था। इसी तरह दक्षिण अमेरिका और अफ्रीका के लिए यह इतिहास का सबसे गर्म सितंबर था। इससे पहले 2017 में सितम्बर का महीना अफ्रीका में सबसे गर्म सितम्बर था।

वहीं उत्तरी अमेरिका के लिए यह तीसरा सबसे गर्म सितंबर था, इससे पहले 1998 और 2019 में सितम्बर का महीना इससे ज्यादा गर्म था। जबकि एशिया ने अपने नौवें सबसे गर्म सितम्बर को दर्ज किया था।

वहीं यदि यूरोप और ओशिनिया की बात करें तो वहां इस वर्ष सितम्बर का तापमान औसत से ज्यादा था, हालांकि इसके बावजूद यूरोप में यह 2013 के बाद से सबसे ठंडा सितंबर का महीना था, इसी तरह ओशिनिया में भी 2018 के बाद से सबसे ठंडा सितम्बर था। जबकि अमेरिका के पिछले 142 वर्षों के इतिहास में यह अब तक का पांचवा सबसे गर्म सितम्बर का महीना था।

यदि इस वर्ष आए चक्रवातों की बात करें तो दुनिया भर में जनवरी से सितम्बर 2021 के बीच 75 चक्रवात सामने आए हैं। इतिहास में यह पांचवा मौका है जब इस अवधि के दौरान इतने ज्यादा चक्रवात दर्ज किए गए हैं। वहीं अटलांटिक बेसिन में अकेले सितम्बर 2021 में 10 चक्रवात दर्ज किए गए थे, जिनमें इडा भी था। 2020 और 2010 के साथ यह तीसरा मौका ही जब वहां इतने ज्यादा चक्रवात दर्ज किए गए हैं। 

क्या था आर्कटिक और अंटार्कटिक में जमा समुद्री बर्फ का हाल

नेशनल स्नो एंड आइस डेटा सेंटर (एनएसआईडीसी) द्वारा जारी विश्लेषण के अनुसार वर्ष में यह पहला मौका है जब आर्कटिक में जमा समुद्री बर्फ की मात्रा इतनी कम दर्ज की गई है। 16 सितम्बर 2021 को यह वर्ष की न्यूनतम सीमा 47.2 लाख वर्ग किलोमीटर पर पहुंच गई थी। 43 वर्षों के इतिहास में यह 12वां मौका है, जब आर्कटिक में जमा बर्फ इतनी कम दर्ज की गई है।

आंकड़ों के मुताबिक यह 1981 से 2010 के औसत की तुलना में करीब 23.2 फीसदी कम दर्ज की गई थी।  वहीं अंटार्कटिक में जमा समुद्री बर्फ को देखें तो यह सितम्बर में 1.85 करोड़ वर्ग किलोमीटर दर्ज की गई थी, जोकि औसत के करीब है। 

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