साफ हवा वाले शहरों में आई 29 फीसदी की भारी गिरावट, अररिया में 300 के पार पहुंचा एक्यूआई

देश के करीब 24 फीसदी शहरों में हवा बेहतर है, जबकि 59 फीसदी में हालात संतोषजनक बने हुए हैं। वहीं इनके विपरीत 17 फीसदी से ज्यादा शहरों में प्रदूषण को लेकर स्थिति चिंताजनक है
साफ हवा वाले शहरों में आई 29 फीसदी की भारी गिरावट, अररिया में 300 के पार पहुंचा एक्यूआई
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मौसम में आते बदलाव के साथ प्रदूषण के स्तर में एक बार फिर इजाफा देखा गया। पिछले दिन से तुलना करें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की संख्या में करीब 29 फीसदी की भारी गिरावट दर्ज की गई है। वहीं अररिया में तो हालात यह है कि वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई बढ़कर 302 तक पहुंच गया। मतलब की अररिया की हवा में घुला जहर एक बार फिर लोगों को बहुत ज्यादा बीमार बना देने के लिए काफी है।

इसी तरह नंदेसरी में भी प्रदूषण का स्तर दमघोंटू बना हुआ है, जहां एक्यूआई 200 के पार है। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों पर नजर डालें तो उनमें दुर्गापुर, जलना, मुजफ्फरनगर, कटनी, मुजफ्फरपुर, गुम्मिडिपूंडी, आसनसोल, बर्नीहाट शामिल थे।

वहीं दूसरी तरफ देश में कारवार की हवा सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई 21 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि अररिया की तुलना कारवार से करें तो स्थिति करीब 14 गुणा ज्यादा खराब है।

बता दें कि देश में कारवार सहित 59 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है। इनमें प्रयागराज, रामनगर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सासाराम, शिवमोगा, सीकर, सिलचर, सिरोही, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, तिरुपति, टोंक, उडुपी, विजयपुरा आदि शहर शामिल थे। हालांकि कल की तुलना में देखें तो देश में इन शहरों की संख्या में 29 फीसदी की भारी गिरावट देखी गई।

राजधानी दिल्ली की बात करें तो वहां भी वायु प्रदूषण में इजाफा हुआ है, जहां 40 अंकों के उछाल के साथ एक्यूआई 96 पर पहुंच गया। इसी तरह पड़ोसी शहर फरीदाबाद में भी प्रदूषण का स्तर 25 अंक बढ़कर 77 पर पहुंच गया। हालांकि राहत की बात यह रही कि इन दोनों शहरों में अभी भी वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।

दिल्ली-फरीदाबाद की तरह ही देश के 144 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। इन शहरों में राउरकेला, रूपनगर, सागर, सहरसा, सलेम, सतना, सवाई माधोपुर, सिलीगुड़ी, सिरसा, शिवसागर, सिवान, सोलापुर, श्रीगंगानगर, सुआकाती, टेन्सा, ठाणे, थूथुकुडी, तुमकुरु, उदयपुर, उज्जैन, वापी, वाराणसी, वातवा, वेल्लोर, विरार, वृंदावन आदि शामिल हैं। वहीं कल से देखें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में सात फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

वहीं दूसरी तरफ देश में 41 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम बना हुआ है।

इन शहरों में अंगुल, आसनसोल, बदलापुर, बालासोर, बांसवाड़ा, बारबिल, बारीपदा, बैरकपुर, बेतिया, भागलपुर, भिवंडी, बिहारशरीफ, बिलीपाड़ा, बोईसर, बर्नीहाट, चित्तौड़गढ़, दुर्गापुर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, हाजीपुर, हावड़ा, इंफाल, जयपुर, जलना, कटिहार, कटनी, कोलकाता, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नांदेड़, नवी मुंबई, नोएडा, ऊटी, परभनी, पटना, पीथमपुर, पूर्णिया, राजगीर, तालचेर, उल्हासनगर आदि शहर शामिल थे।

कल से इन शहरों की संख्या में 28 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है। कुल मिलाकर कहें तो कल से देश में वायु गुणवत्ता में गिरावट आई है। आंकड़ों के मुताबिक देश के करीब 24 फीसदी शहरों में हवा बेहतर है, जबकि 59 फीसदी में हालात संतोषजनक बने हुए हैं। वहीं इनके विपरीत 17 फीसदी से ज्यादा शहरों में प्रदूषण को लेकर स्थिति चिंताजनक है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 20 सितम्बर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 248 में से 59 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 146 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 19 सितम्बर 2024 यह आंकड़ा 136 दर्ज किया गया था। 41 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में अररिया (302) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 310 के करीब पहुंच गया है। यदि दिल्ली (96) की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' श्रेणी में पहुंच गई है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कल से 40 अंकों का इजाफा हुआ है।

दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 77, गाजियाबाद में 113, गुरुग्राम में 89, नोएडा में 106, ग्रेटर नोएडा में 132 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 76 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 52, चेन्नई में 92, चंडीगढ़ में 66, हैदराबाद में 79, जयपुर में 117 और पटना में 126 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ

देश के जिन 59 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आगरा, आइजोल, अजमेर, अलवर, अम्बाला, अरियालूर, बेगूसराय, बेलगाम, भरतपुर, भीलवाड़ा, बूंदी, चामराजनगर, चेंगलपट्टू, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दौसा, दावनगेरे, देहरादून, गडग, गंगटोक, हसन, हावेरी, हिसार, हुबली, जालंधर, झांसी, कलबुर्गी, कांचीपुरम, करौली, कारवार, खन्ना, कोलार, कोप्पल, लुधियाना, मदिकेरी, मैसूर, नागौर, नाहरलगुन, पालकालाइपेरुर, पलवल, प्रयागराज, रामनगर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सासाराम, शिवमोगा, सीकर, सिलचर, सिरोही, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, तिरुपति, टोंक, उडुपी, विजयपुरा, विरुधुनगर शामिल रहे।

वहीं अहमदाबाद, अहमदनगर, अकोला, अमरावती, अमरावती, अमृतसर, अनंतपुर, अंकलेश्वर, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बागलकोट, बागपत, बहादुरगढ़, बल्लभगढ़, बारां, बरेली, बाड़मेर, बठिंडा, बेलापुर, बेंगलुरु, भिलाई, भिवाड़ी, भिवानी, भोपाल, भुवनेश्वर, बीदर, बीकानेर, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चरखी दादरी, चेन्नई, छाल, छपरा, चित्तूर, कटक, दमोह, दिल्ली, धारूहेड़ा, धुले, डूंगरपुर, फरीदाबाद, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुरूग्राम, गुवाहाटी, ग्वालियर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हापुड, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जैसलमेर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जींद, जोधपुर, कडपा, कैथल, कल्याण, कानपुर, करनाल, काशीपुर, क्योंझर, खुर्जा, किशनगंज, कोहिमा, कोल्हापुर, कोल्लम, कोरबा, कोटा, कुंजेमुरा, कुरूक्षेत्र, लातूर, लखनऊ, महाड, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मांडीखेड़ा, मानेसर, मंगलौर, मंगुराहा, मेरठ, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, नगांव, नागपुर, नारनौल, नासिक, नयागढ़, पाली, पंचकुला, पानीपत, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, पुदुचेरी, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रतलाम, रोहतक, राउरकेला, रूपनगर, सागर, सहरसा, सलेम, सतना, सवाई माधोपुर, सिलीगुड़ी, सिरसा, शिवसागर, सिवान, सोलापुर, श्रीगंगानगर, सुआकाती, टेन्सा, ठाणे, थूथुकुडी, तुमकुरु, उदयपुर, उज्जैन, वापी, वाराणसी, वातवा, वेल्लोर, विरार, वृंदावन, यादगीर, यमुनानगर आदि 146 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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