खराब हवा वाले शहरों में हुआ 83 फीसदी का इजाफा, बर्नीहाट में बढ़कर 300 के पार पहुंचा एक्यूआई

देश के जहां करीब छह फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 56 फीसदी से ज्यादा में हालात चिंताजनक हैं
फोटो: आईस्टॉक
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आज एक बार फिर देश में मेघालय के शहर बर्नीहाट की स्थिति सबसे ज्यादा खराब रही। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 02 अप्रैल 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक बर्नीहाट में वायु गुणवत्ता सूचकांक 305 पर पहुंच गया है।

वहीं दूसरी तरफ तिरुनेलवेली की हवा सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई 29 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर की तुलना सबसे साफ हवा वाले शहर से करें तो वहां स्थिति 10 गुणा ज्यादा खराब है। इतना ही नहीं बर्नीहाट में प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी मानकों से भी 19 गुणा अधिक है।

मतलब की मेघालय के इस शहर की हवाओं में घुला जहर लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।

प्रदूषण के मामले में आज सिंगरौली (मध्य प्रदेश) दूसरे स्थान पर है, जहां सूचकांक 280 रिकॉर्ड किया गया। इसी तरह 238 अंकों के साथ चित्तौड़गढ़ तीसरे, जबकि श्रीगंगानगर (229) चौथे स्थान पर है।

गाजियाबाद में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जहां एक्यूआई 226 दर्ज किया गया। वहीं राउरकेला (220) छठे, जबकि वापी (219) सातवें स्थान पर है। राजधानी दिल्ली में भी आज प्रदूषण में अच्छा खासा इजाफा दर्ज किया गया, जहां 73 अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 217 तक पहुंच गया है। दिल्ली देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में आठवें स्थान पर रही। इसी तरह इस लिस्ट में अंकलेश्वर (215) नौवें, जबकि भिवाड़ी (214) दसवें पायदान पर रहा।

ताजा रुझानों पर नजर डालें तो देश के 11 शहरों में हवा खराब है। इनमें अंकलेश्वर, भिवाड़ी, सासाराम, ग्रेटर नोएडा आदि शहर शामिल हैं। चिंता की बात यह है कि कल से देश में खराब हवा वाले शहरों की गिनती में 83 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

दूसरी तरफ देश में तिरुनेलवेली (29) की हवा सबसे साफ रही। इसी तरह 12 अन्य शहरों की हवा साफ है। इन शहरों में भुवनेश्वर, चामराजनगर, हुबली, करूर, कोल्हापुर, मदिकेरी, मंगलौर, नागपट्टिनम, श्री विजया पुरम आदि शामिल हैं। कल से देखें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 44 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

वहीं दूसरी तरफ देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में कल से आठ फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है, जहां इनकी संख्या 98 से घटकर 90 पर पहुंच गई है।

देश में कांचीपुरम, कन्नूर, कोलकाता, कोल्लम, मदुरै, मैहर, मंडी गोबिंदगढ़, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंगेर, मैसूर, नाहरलगुन, नमक्कल, नांदेड़, ऊटी, परभनी, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, रानीपेट, ऋषिकेश, सागर, सलेम, सतना, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, सूरत, तालचेर, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर आदि शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।

फरीदाबाद से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण में गिरावट आई है, जहां 74 अंकों के सुधार के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 131 पर पहुंच गया है। मतलब की फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता खराब से मध्यम श्रेणी में पहुंच गई है।

इसी तरह देश के 119 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। इन शहरों में धनबाद, धौलपुर, डूंगरपुर, दुर्गापुर, फरीदाबाद, गंगटोक, गया, गोरखपुर, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हापुड, जबलपुर, जयपुर, जालंधर, जलगांव, जालौर, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, कल्याण, कानपुर, करौली, काशीपुर, कटनी, खन्ना, खुर्जा, किशनगंज, कोहिमा, कोरबा, कोटा, कुंजेमुरा, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मालेगांव, मंडीदीप, मेरठ, मुंबई, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागौर, नागपुर, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, नोएडा, पाली, पंचगांव, पटियाला, पटना आदि शामिल हैं।

कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में मामूली गिरावट आई है।

रुझानों से पता चला है कि देश के जहां करीब छह फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 56 फीसदी से ज्यादा शहरों में हालात चिंताजनक हैं। इसी तरह 38 फीसदी शहरों में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 235 में से महज 13 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 90 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 01 अप्रैल 2025 को यह आंकड़ा 98 दर्ज किया गया।

120 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (305) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 310 के करीब पहुंच गया। कल सिलीगुड़ी में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब एक्यूआई 285 रिकॉर्ड किया गया था।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में भारी इजाफा हुआ है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 73 अंकों के उछाल के साथ 217 पर पहुंच गया। मतलब की प्रदूषण में वृद्धि के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम श्रेणी से खराब में पहुंच गया है।

गौरतलब है कि पिछले तीन महीनों जनवरी, फरवरी और मार्च 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।

प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज श्रीगंगानगर चौथे स्थान पर है, वहीं सिंगरौली (280) दूसरे, जबकि चित्तौड़गढ़ (238) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 131, गाजियाबाद में 226, गुवाहाटी में 169, नोएडा में 159, ग्रेटर नोएडा में 204 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 109 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 144, चेन्नई में 68, चंडीगढ़ में 138, हैदराबाद में 77, जयपुर में 105 और पटना में 186 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 13 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, अमरावती, अरियालूर, भुवनेश्वर, चामराजनगर, हुबली, करूर, कोल्हापुर, मदिकेरी, मंगलौर, नागपट्टिनम, श्री विजया पुरम, तिरुनेलवेली शामिल हैं।

वहीं अहमदनगर, अजमेर, अकोला, अनंतपुर, अंगुल, बागलकोट, बालासोर, बरेली, बैरकपुर, बेतिया, भिलाई, बिलीपाड़ा, ब्यासनगर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छाल, छपरा, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, दावनगेरे, धारवाड़, धुले, डिंडीगुल, एलूर, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, गुम्मिडिपूंडी, हल्दिया, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जैसलमेर, झालावाड़, कडपा, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कन्नूर, कोलकाता, कोल्लम, मदुरै, मैहर, मंडी गोबिंदगढ़, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंगेर, मैसूर, नाहरलगुन, नमक्कल, नांदेड़, ऊटी, परभनी, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, रानीपेट, ऋषिकेश, सागर, सलेम, सतना, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, सूरत, तालचेर, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुपति, तिरुपुर, उज्जैन, वातवा, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरार, विरुधुनगर, विशाखापत्तनम, यादगीर  आदि 90 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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