बढ़ते प्रदूषण से मुजफ्फरनगर-बहादुरगढ़ में जानलेवा हुए स्थिति, दिल्ली में भी तेजी से बिगड़ रहे हालात

देश में हर गुजरते दिन के साथ प्रदूषण की स्थिति और बदतर होती जा रही है। ऐसे में जहां देश के 22 फीसदी से ज्यादा शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर दर्ज की गई है। वहीं दूसरी तरफ 46 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं
बढ़ते प्रदूषण में अपनी बच्ची की मास्क पहनने में मदद करती एक मां; फोटो: आईस्टॉक
बढ़ते प्रदूषण में अपनी बच्ची की मास्क पहनने में मदद करती एक मां; फोटो: आईस्टॉक
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देश में गुलाबी सर्दियों के आगाज के साथ ही प्रदूषण के बढ़ने का सिलसिला एक बार फिर शुरू हो गया है। हालात यह है कि मुजफ्फरनगर और बहादुरगढ़ में तो प्रदूषण जानलेवा स्तर तक पहुंच गया है। ताजा आंकड़ों पर नजर डालें तो प्रदूषण के मामले में देश में मुजफ्फरनगर की हवा सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 327 तक पहुंच गया है। इसी तरह बहादुरगढ़ में भी एक्यूआई 323 दर्ज किया गया है। मतलब साफ है कि वहां हवा में घुला जहर लोगों को बहुत ज्यादा बीमार बना देने के लिए काफी है।

प्रदूषण के मामले में राजधानी दिल्ली तीसरे स्थान पर रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 55 अंकों के उछाल के साथ 285 तक पहुंच गया है। इसी तरह देश में कैथल (280), गाजियाबाद (252), ग्रेटर नोएडा (248), नोएडा (242), सिंगरौली (240), सहित 18 शहरों में वायु गुणवत्ता दमघोंटू बनी हुई है।

देखा जाए तो कल से देश में 'खराब' वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 20 फीसदी का इजाफा हुआ है। इसी तरह देश में खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों में पटना, सोनीपत, पानीपत, बेतिया, भिवाड़ी, हापुड, पीथमपुर, हिसार, मंडीदीप, बुलन्दशहर, धारूहेड़ा, कटिहार शामिल थे। वहीं पिछले दिन देश में हापुड की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जहां वायु गुणवत्ता 'बेहद खराब' स्तर तक पहुंच गई थी।

दूसरी तरफ देश में पालकलाईपेरुर में हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 15 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर मुजफ्फरनगर की तुलना पालकलाईपेरुर से करें तो वहां स्थिति 21 गुणा ज्यादा खराब है।

देश में पालकलाईपेरुर की तरह ही 55 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है। इन शहरों में सलेम, सांगली, शिवमोगा, शिवसागर, सोलापुर, टेन्सा, तंजावुर, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, तिरुपति, तिरुपुर, उडुपी, वेल्लोर, विजयपुरा, विरुधुनगर, विशाखापत्तनम आदि शहर शामिल थे। वहीं कल की तुलना में देखें तो देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब छह फीसदी का इजाफा हुआ है।

आंकड़ों के मुताबिक देश में छोटे-बड़े 79 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। इन शहरों में झांसी, जोधपुर, कल्याण, करौली, कटनी, क्योंझर, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, मांडीखेड़ा, मीरा-भायंदर, मुंबई, नलबाड़ी, नांदेड़, नारनौल, नासिक, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, रायपुर, राजसमंद, ऋषिकेश आदि शामिल हैं। वहीं कल से तुलना करें तो इन शहरों की संख्या में नौ फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

देश में फरीदाबाद की स्थिति भी कुछ खास अच्छी नहीं है। हालांकि वहां कल से वायु गुणवत्ता में 58 अंकों का सुधार जरूर आया है। लेकिन अभी भी फरीदाबाद की वायु गुणवत्ता मध्यम स्तर पर बनी हुई है। फरीदाबाद की तरह ही देश के 94 अन्य शहरों में भी वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम बना हुआ है।

इन शहरों में अहमदाबाद, अहमदनगर, अकोला, अम्बाला, अमरावती, अररिया, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), बद्दी, बागपत, बल्लभगढ़, बैरकपुर, बेगूसराय, भागलपुर, भिवंडी, भिवानी, भोपाल, बिहारशरीफ, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बूंदी, बक्सर, बर्नीहाट, चंडीगढ़, चरखी दादरी, छपरा, चित्तौड़गढ़, चुरू, दमोह, देवास, धुले, दुर्गापुर, फरीदाबाद, फतेहाबाद, गया, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हावड़ा, इंफाल, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जालंधर, जलगांव, जलना, जालौर, झुंझुनूं, जींद, कानपुर, करनाल, काशीपुर, खन्ना, खुर्जा, किशनगंज, कोरबा, कोटा, कुंजेमुरा, कुरूक्षेत्र, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मानेसर, मंगुराहा, मेरठ, मिलुपारा, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुजफ्फरपुर, नागौर, नागपुर, नवी मुंबई, पाली, पलवल, पंचकुला, पटियाला, पूर्णिया, राजगीर, रतलाम, रोहतक, रूपनगर, सहरसा, समस्तीपुर, सीकर, सिवान, श्रीगंगानगर, तालचेर, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वातवा, यमुनानगर आदि शामिल थे।

वहीं कल की तुलना में देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में एक फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

कुल मिलकर देखें तो देश में हर गुजरते दिन के साथ प्रदूषण की स्थिति और बदतर होती जा रही है। ऐसे में जहां देश के 22 फीसदी से ज्यादा शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर दर्ज की गई है। वहीं दूसरी तरफ 46 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं। वहीं करीब 32 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता का स्थिति संतोषजनक है। 

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 18 अक्टूबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 250 में से 56 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 79 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 17 अक्टूबर 2024 यह आंकड़ा 87 दर्ज किया गया था। 85 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में मुजफ्फरनगर (327) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 350 के करीब पहुंच गया है। यदि दिल्ली (285) की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कल से 55 अंकों अंकों का उछाल आया है।

दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 148, गाजियाबाद में 252, गुरुग्राम में 178, नोएडा में 242, ग्रेटर नोएडा में 248 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 75 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 106, चेन्नई में 43, चंडीगढ़ में 141, हैदराबाद में 60, जयपुर में 161 और पटना में 235 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ

देश के जिन 56 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अमरावती, अनंतपुर, अरियालूर, बागलकोट, बेलगाम, बेंगलुरु, भुवनेश्वर, बीदर, चामराजनगर, चेन्नई, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, कोयंबटूर, डिंडीगुल, गंगटोक, हुबली, कडपा, कलबुर्गी, करूर, कारवार, कोल्लम, कोप्पल, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मंगलौर, नगांव, नाहरलगुन, नयागढ़, पालकलाईपेरुर, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रामनाथपुरम, सलेम, सांगली, शिवमोगा, शिवसागर, सोलापुर, टेन्सा, तंजावुर, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, तिरुपति, तिरुपुर, उडुपी, वेल्लोर, विजयपुरा, विरुधुनगर, विशाखापत्तनम, यादगीर शामिल रहे।

वहीं आगरा, आइजोल, अजमेर, अलवर, अमृतसर, अंगुल, अंकलेश्वर, आरा, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बालासोर, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बरेली, बारीपदा, बाड़मेर, बेलापुर, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, कटक, दौसा, देहरादून, धारवाड़, धौलपुर, डूंगरपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गुवाहाटी, हल्दिया, हसन, हैदराबाद, जैसलमेर, झालावाड़, झांसी, जोधपुर, कल्याण, करौली, कटनी, क्योंझर, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, मांडीखेड़ा, मीरा-भायंदर, मुंबई, नलबाड़ी, नांदेड़, नारनौल, नासिक, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, रायपुर, राजसमंद, ऋषिकेश, राउरकेला, सागर, सासाराम, सतना, सवाई माधोपुर, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, तुमकुरु, वापी, वाराणसी, विरार, वृंदावन आदि 79 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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