
देश में कल से प्रदूषण की स्थिति में कोई खास बदलाव नहीं हुआ है। हालांकि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 06 अप्रैल 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक अगरतला की जगह बिहार के हाजीपुर में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जो आज प्रदूषण के मामले में पहले स्थान पर है। 26 अंकों के इजाफे के साथ हाजीपुर में वायु गुणवत्ता सूचकांक 258 तक पहुंच गया है। वहीं दूसरी तरफ अगरतला की वायु गुणवत्ता में 222 अंकों का सुधार आया है।
बिहार का ही एक अन्य शहर सिवान प्रदूषण के मामले में आज दूसरे स्थान पर है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 249 दर्ज किया गया। वहीं 223 अंकों के साथ बारबिल प्रदूषण के मामले में तीसरे स्थान पर है।
गाजियाबाद में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जहां एक्यूआई 212 रिकॉर्ड किया गया है।
राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण के स्तर में 46 अंकों का इजाफा हुआ है, जिसके बाद दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 209 तक पहुंच गया है। बता दें कि देश के सबसे प्रदूषित शहरों में दिल्ली पांचवें स्थान पर है। इसी तरह बिहार का औरंगाबाद छठे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 207 रिकॉर्ड किया गया है। इसी तरह राउरकेला (206) और सिंगरौली (206) सातवें और आठवें स्थान पर बने हुए हैं।
देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में मंडीदीप (201) और सिलीगुड़ी (197) भी शामिल हैं। आज देश के नौ शहरों में हवा 'खराब' दर्ज की गई है। हालांकि कल से 'खराब' हवा वाले शहरों की गिनती में दस फीसदी की गिरावट आई है।
दूसरी तरफ आज देश में मदिकेरी की हवा सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई 16 दर्ज किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर हाजीपुर की तुलना मदिकेरी से करें तो वहां स्थिति 15 गुणा ज्यादा खराब है। मतलब की हवा में घुला जहर लोगों को बीमार बना देने के लिए काफी है।
आंकड़ों के मुताबिक मदिकेरी की तरह ही देश के 34 अन्य शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में हुबली, करूर, कोप्पल, मदिकेरी, मदुरै, मैहर, मंगलौर, मैसूर, नागपट्टिनम, नंदेसरी, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, रामनाथपुरम, रानीपेट, सलेम, शिवमोगा, श्री विजया पुरम, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, वेल्लोर आदि शामिल हैं। कल से देखें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में कोई बदलाव नहीं हुआ है और स्थिति जस की तस बनी हुई है।
विश्लेषण में यह भी सामने आया है कि देश के 74 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। इन शहरों में हल्दिया, होसुर, हैदराबाद, जलगांव, कडपा, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कन्नूर, कटिहार, खन्ना, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कुंजेमुरा, मालेगांव, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, नगांव, नांदेड़, ऊटी, परभनी, पटियाला, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, सागर, सतना, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, सूरत, त्रिशूर, तिरुपुर, उदयपुर, उज्जैन, वातवा, विजयवाड़ा आदि शामिल हैं।
राहत की बात रही कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब छह फीसदी का इजाफा हुआ है।
रुझानों में यह भी सामने आया है कि देश में आइजोल की तरह ही 125 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।
इन शहरों में गुवाहाटी, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हापुड, हावड़ा, इंफाल, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलना, जालौर, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, कल्याण, कानपुर, करौली, काशीपुर, कटनी, क्योंझर, खुर्जा, कोहिमा, कोरबा, कोटा, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मंडी गोबिंदगढ़, मंगुराहा, मेरठ, मिलुपारा, मुंगेर आदि शामिल हैं। कल से मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में भी चार फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
मतलब की देश के जहां 14 फीसदी से अधिक शहरों में हवा साफ है। वहीं छोटे बड़े 55 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं। इसी तरह 30 फीसदी से अधिक शहरों में स्थिति संतोषजनक है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 243 में से महज 35 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 74 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 05 अप्रैल 2025 को यह आंकड़ा 70 दर्ज किया गया था।
125 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।दूसरे शहरों की तुलना में हाजीपुर (258) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 260 के करीब पहुंच गया। वहीं कल अगरतला में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब एक्यूआई 314 रिकॉर्ड किया गया था।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में भारी इजाफा हुआ है, जहां 46 अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 209 पर पहुंच गया। मतलब की वायु गुणवत्ता मध्यम से खराब श्रेणी में पहुंच गई। वहीं आज भी सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
गौरतलब है कि पिछले तीन महीनों जनवरी, फरवरी और मार्च 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।
आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर जारी है। प्रदूषण के मामले में आज गाजियाबाद चौथे स्थान पर है, वहीं सिवान (249) दूसरे, जबकि बारबिल (223) तीसरे स्थान पर है। अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो गंगटोक में इंडेक्स 150, गाजियाबाद में 212, गुवाहाटी में 140, गुरूग्राम में 141, नोएडा में 119, ग्रेटर नोएडा में 110 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 80 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 138, चेन्नई में 54, चंडीगढ़ में 106, हैदराबाद में 77, जयपुर में 128 और पटना में 193 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 35 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अमरावती, अरियालूर, बागलकोट, चामराजनगर, चिकबलपुर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दमोह, दावनगेरे, गडग, हावेरी, हुबली, करूर, कोप्पल, मदिकेरी, मदुरै, मैहर, मंगलौर, मैसूर, नागपट्टिनम, नंदेसरी, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, रामनाथपुरम, रानीपेट, सलेम, शिवमोगा, श्री विजया पुरम, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, वेल्लोर शामिल हैं।
वहीं अगरतला, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अमृतसर, अंकलेश्वर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बरेली, बैरकपुर, बठिंडा, बेलगाम, बेंगलुरु, भरतपुर, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बोईसर, ब्रजराजनगर, चेन्नई, छाल, छपरा, चित्तूर, धारवाड़, धुले, डिंडीगुल, डूंगरपुर, फिरोजाबाद, गुम्मिडिपूंडी, हल्दिया, होसुर, हैदराबाद, जलगांव, कडपा, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कन्नूर, कटिहार, खन्ना, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कुंजेमुरा, मालेगांव, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, नगांव, नांदेड़, ऊटी, परभनी, पटियाला, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, सागर, सतना, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, सूरत, त्रिशूर, तिरुपुर, उदयपुर, उज्जैन, वातवा, विजयवाड़ा, विरार, विरुधुनगर, विशाखापत्तनम, वृंदावन, यादगीर आदि 74 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।
देश में कल से प्रदूषण की स्थिति में कोई खास बदलाव नहीं हुआ है। हालांकि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 06 अप्रैल 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक अगरतला की जगह बिहार के हाजीपुर में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जो आज प्रदूषण के मामले में पहले स्थान पर है। 26 अंकों के इजाफे के साथ हाजीपुर में वायु गुणवत्ता सूचकांक 258 तक पहुंच गया है। वहीं दूसरी तरफ अगरतला की वायु गुणवत्ता में 222 अंकों का सुधार आया है।
बिहार का ही एक अन्य शहर सिवान प्रदूषण के मामले में आज दूसरे स्थान पर है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 249 दर्ज किया गया। वहीं 223 अंकों के साथ बारबिल प्रदूषण के मामले में तीसरे स्थान पर है।
गाजियाबाद में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जहां एक्यूआई 212 रिकॉर्ड किया गया है।
राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण के स्तर में 46 अंकों का इजाफा हुआ है, जिसके बाद दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 209 तक पहुंच गया है। बता दें कि देश के सबसे प्रदूषित शहरों में दिल्ली पांचवें स्थान पर है। इसी तरह बिहार का औरंगाबाद छठे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 207 रिकॉर्ड किया गया है। इसी तरह राउरकेला (206) और सिंगरौली (206) सातवें और आठवें स्थान पर बने हुए हैं।
देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में मंडीदीप (201) और सिलीगुड़ी (197) भी शामिल हैं। आज देश के नौ शहरों में हवा 'खराब' दर्ज की गई है। हालांकि कल से 'खराब' हवा वाले शहरों की गिनती में दस फीसदी की गिरावट आई है।
दूसरी तरफ आज देश में मदिकेरी की हवा सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई 16 दर्ज किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर हाजीपुर की तुलना मदिकेरी से करें तो वहां स्थिति 15 गुणा ज्यादा खराब है। मतलब की हवा में घुला जहर लोगों को बीमार बना देने के लिए काफी है।
आंकड़ों के मुताबिक मदिकेरी की तरह ही देश के 34 अन्य शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में हुबली, करूर, कोप्पल, मदिकेरी, मदुरै, मैहर, मंगलौर, मैसूर, नागपट्टिनम, नंदेसरी, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, रामनाथपुरम, रानीपेट, सलेम, शिवमोगा, श्री विजया पुरम, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, वेल्लोर आदि शामिल हैं। कल से देखें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में कोई बदलाव नहीं हुआ है और स्थिति जस की तस बनी हुई है।
विश्लेषण में यह भी सामने आया है कि देश के 74 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। इन शहरों में हल्दिया, होसुर, हैदराबाद, जलगांव, कडपा, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कन्नूर, कटिहार, खन्ना, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कुंजेमुरा, मालेगांव, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, नगांव, नांदेड़, ऊटी, परभनी, पटियाला, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, सागर, सतना, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, सूरत, त्रिशूर, तिरुपुर, उदयपुर, उज्जैन, वातवा, विजयवाड़ा आदि शामिल हैं।
राहत की बात रही कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब छह फीसदी का इजाफा हुआ है।
रुझानों में यह भी सामने आया है कि देश में आइजोल की तरह ही 125 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।
इन शहरों में गुवाहाटी, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हापुड, हावड़ा, इंफाल, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलना, जालौर, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, कल्याण, कानपुर, करौली, काशीपुर, कटनी, क्योंझर, खुर्जा, कोहिमा, कोरबा, कोटा, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मंडी गोबिंदगढ़, मंगुराहा, मेरठ, मिलुपारा, मुंगेर आदि शामिल हैं। कल से मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में भी चार फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
मतलब की देश के जहां 14 फीसदी से अधिक शहरों में हवा साफ है। वहीं छोटे बड़े 55 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं। इसी तरह 30 फीसदी से अधिक शहरों में स्थिति संतोषजनक है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 243 में से महज 35 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 74 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 05 अप्रैल 2025 को यह आंकड़ा 70 दर्ज किया गया था।
125 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।दूसरे शहरों की तुलना में हाजीपुर (258) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 260 के करीब पहुंच गया। वहीं कल अगरतला में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब एक्यूआई 314 रिकॉर्ड किया गया था।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में भारी इजाफा हुआ है, जहां 46 अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 209 पर पहुंच गया। मतलब की वायु गुणवत्ता मध्यम से खराब श्रेणी में पहुंच गई। वहीं आज भी सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
गौरतलब है कि पिछले तीन महीनों जनवरी, फरवरी और मार्च 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।
आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर जारी है। प्रदूषण के मामले में आज गाजियाबाद चौथे स्थान पर है, वहीं सिवान (249) दूसरे, जबकि बारबिल (223) तीसरे स्थान पर है। अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो गंगटोक में इंडेक्स 150, गाजियाबाद में 212, गुवाहाटी में 140, गुरूग्राम में 141, नोएडा में 119, ग्रेटर नोएडा में 110 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 80 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 138, चेन्नई में 54, चंडीगढ़ में 106, हैदराबाद में 77, जयपुर में 128 और पटना में 193 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 35 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अमरावती, अरियालूर, बागलकोट, चामराजनगर, चिकबलपुर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दमोह, दावनगेरे, गडग, हावेरी, हुबली, करूर, कोप्पल, मदिकेरी, मदुरै, मैहर, मंगलौर, मैसूर, नागपट्टिनम, नंदेसरी, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, रामनाथपुरम, रानीपेट, सलेम, शिवमोगा, श्री विजया पुरम, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, वेल्लोर शामिल हैं।
वहीं अगरतला, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अमृतसर, अंकलेश्वर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बरेली, बैरकपुर, बठिंडा, बेलगाम, बेंगलुरु, भरतपुर, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बोईसर, ब्रजराजनगर, चेन्नई, छाल, छपरा, चित्तूर, धारवाड़, धुले, डिंडीगुल, डूंगरपुर, फिरोजाबाद, गुम्मिडिपूंडी, हल्दिया, होसुर, हैदराबाद, जलगांव, कडपा, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कन्नूर, कटिहार, खन्ना, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कुंजेमुरा, मालेगांव, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, नगांव, नांदेड़, ऊटी, परभनी, पटियाला, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, सागर, सतना, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, सूरत, त्रिशूर, तिरुपुर, उदयपुर, उज्जैन, वातवा, विजयवाड़ा, विरार, विरुधुनगर, विशाखापत्तनम, वृंदावन, यादगीर आदि 74 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।