देश में हर दिन बदल रहे प्रदूषण के समीकरण, 54 फीसदी से ज्यादा शहरों में साफ रही हवा

आंकड़ों के मुताबिक देश में सासाराम की स्थिति सबसे बेहतर रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 15 दर्ज किया गया है
2023 में दुनिया भर की सड़कों पर 36 करोड़ से ज्यादा एसयूवी दौड़ रही थी। इनकी वजह से 100 करोड़ टन से ज्यादा कार्बन डाइऑक्साइड (सीओ2) उत्सर्जित हुई थी; फोटो: आईस्टॉक
2023 में दुनिया भर की सड़कों पर 36 करोड़ से ज्यादा एसयूवी दौड़ रही थी। इनकी वजह से 100 करोड़ टन से ज्यादा कार्बन डाइऑक्साइड (सीओ2) उत्सर्जित हुई थी; फोटो: आईस्टॉक
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भारत में प्रदूषण से जुड़े समीकरण हर दिन बदल रहे हैं जहां कल दो शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर दमघोंटू था, वहीं आज एक भी शहर में स्थिति 'खराब' नहीं रही। दूसरी तरफ देश के 55 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर दर्ज किया गया है। इन शहरों में सासाराम की स्थिति सबसे बेहतर रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई का स्तर 15 दर्ज किया गया है।

इसी तरह देश में गांधीनगर, गुवाहाटी, हल्दिया, हनुमानगढ़, हापुड, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जालंधर, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, कलबुर्गी, कल्याण, करनाल, कारवार, काशीपुर, किशनगंज, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोप्पल, कोरबा, लातूर, मदिकेरी, महाड, मंडीदीप, मंगलौर, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मैसूर आदि शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है। कल के मुकाबले देखें तो देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब सात फीसदी का इजाफा हुआ है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली-फरीदाबाद में भी कल से वायु गुणवत्ता में सुधार हुआ है। दिल्ली में 19 अंकों की गिरावट के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 69 पर पहुंच गया। इसी तरह फरीदाबाद में भी एक्यूआई में 15 अंकों का सुधार आया है। इसके बाद वहां वायु गुणवत्ता का स्तर घटकर 54 पर पहुंच गया है। इन दोनों ही शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है।

दिल्ली-फरीदाबाद की तरह ही देश के छोटे बड़े 95 अन्य शहरों में भी वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। इन शहरों में छपरा, चित्तूर, कोयंबटूर, दमोह, दौसा, देवास, धौलपुर, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, ग्वालियर, हाजीपुर, हसन, हावेरी, हावड़ा, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जलगांव, झांसी, जींद, कैथल, कानपुर, कटनी, खन्ना, खुर्जा, कोलार, कोल्लम, कोटा, कुरूक्षेत्र, लखनऊ आदि शहर शामिल थे।

हालांकि कल के मुकाबले देखें तो देश में संतोषजनक वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 16 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

दूसरी तरफ आंकड़ों के मुताबिक देश में प्रदूषण के मामले में सवाई माधोपुर की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 183 दर्ज किया गया है।

इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में कुंजेमुरा, भिवानी, ग्रेटर नोएडा, रायचुर, वापी, इंफाल, नारनौल, समस्तीपुर और झांसी शामिल थे। हालांकि इस दौरान देश के किसी भी शहर में वायु गुणवत्ता का स्तर 200 या उसके पार नहीं पहुंचा है।

देश में कुल मिलाकर देखें तो वायु गुणवत्ता के स्तर में सुधार आया है। देश के करीब 55 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है। इसी तरह करीब 42 फीसदी शहरों में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है। वहीं तीन फीसदी से ज्यादा शहरों में स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 04 सितम्बर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 232 में से 127 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 97 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 03 सितम्बर 2024 यह आंकड़ा 116 दर्ज किया गया था। 8 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में सवाई माधोपुर (183) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 200 के करीब पहुंच गया है। यदि दिल्ली (69) की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' श्रेणी में बनी हुई है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कल से 19 अंकों की गिरावट आई है।

दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 54, गाजियाबाद में 74, गुरुग्राम में 54, नोएडा में 66, ग्रेटर नोएडा में 106 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 46 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'बेहतर' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 67, चेन्नई में 44, चंडीगढ़ में 46, हैदराबाद में 47, जयपुर में 66 और पटना में 89 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ

देश के जिन 127 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आगरा, अहमदाबाद, अहमदनगर, आइजोल, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अमरावती, अंगुल, अंकलेश्वर, अरियालूर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बागलकोट, बागपत, बहादुरगढ़, बल्लभगढ़, बारां, बरेली, बाड़मेर, बेलापुर, भरतपुर, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बीकानेर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, बूंदी, ब्यासनगर, चामराजनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चरखी दादरी, चेंगलपट्टू, चेन्नई, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चुरू, कुड्डालोर, कटक, दावनगेरे, देहरादून, धारवाड़, धुले, डिंडीगुल, डूंगरपुर, गडग, गांधीनगर, गुवाहाटी, हल्दिया, हनुमानगढ़, हापुड, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जालंधर, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, कलबुर्गी, कल्याण, करनाल, कारवार, काशीपुर, किशनगंज, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोप्पल, कोरबा, लातूर, मदिकेरी, महाड, मंडीदीप, मंगलौर, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मैसूर, नागौर, नागपुर, नाहरलगुन, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, ऊटी, पालकलाईपेरुर, पलवल, पंचकुला, परभनी, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, प्रयागराज, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनगर, रतलाम, ऋषिकेश, रोहतक, सहरसा, सलेम, सांगली, सासाराम, शिलांग, सीकर, सिलीगुड़ी, सिरोही, टेन्सा, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, तिरुपति, तिरुपुर, विजयपुरा, विरार, वृंदावन, यादगीर, यमुनानगर शामिल रहे।

वहीं अगरतला, अम्बाला, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), बद्दी, बदलापुर, बालासोर, बांसवाड़ा, बारबिल, बारीपदा, बैरकपुर, बठिंडा, बेगूसराय, बेलगाम, बेंगलुरु, भागलपुर, भिलाई, भिवाड़ी, बिहारशरीफ, बिलीपाड़ा, बोईसर, बक्सर, बर्नीहाट, छाल, छपरा, चित्तूर, कोयंबटूर, दमोह, दौसा, दिल्ली, देवास, धौलपुर, दुर्गापुर, फरीदाबाद, फिरोजाबाद, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, ग्वालियर, हाजीपुर, हसन, हावेरी, हावड़ा, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जलगांव, झांसी, जींद, कैथल, कानपुर, कटनी, खन्ना, खुर्जा, कोलार, कोल्लम, कोटा, कुरूक्षेत्र, लखनऊ, मालेगांव, मांडीखेड़ा, मानेसर, मिलुपारा, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नगांव, नलबाड़ी, नोएडा, पाली, पानीपत, पटना, पीथमपुर, पूर्णिया, राजगीर, राउरकेला, सागर, समस्तीपुर, सतना, सिलचर, शिवसागर, सोलापुर, सुआकाती, सूरत, तालचेर, तुमकुरु, तुमिडीह, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वाराणसी, वातवा, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम आदि 97 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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