दिल्ली-फरीदाबाद सहित 17 शहरों में दमघोंटू हुई हवा, बक्सर-धनबाद में जानलेवा है प्रदूषण

राजधानी दिल्ली में हवा एक बार फिर दमघोंटू हो गई है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 अंक बढ़कर 221 पर पहुंच गया है
फोटो: सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई)
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देश में राजधानी दिल्ली में हवा एक बार फिर दमघोंटू हो गई है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 50 अंक बढ़कर 221 पर पहुंच गया है। इसी तरह फरीदाबाद में भी एक्यूआई 35 अंको के उछाल के साथ 205 पर पहुंच गया। इसी तरह देश के 15 अन्य शहरों में भी स्थिति दमघोंटू बनी हुई है। इन शहरों में बद्दी (271), बागपत (218), बल्लभगढ़ (235), बारबिल (221), बक्सर (249), बर्नीहाट (212), चरखी दादरी (248), देहरादून (281), दिल्ली (221), ग्रेटर नोएडा (270), हाजीपुर (232), खुर्जा (212), नोएडा (234), रोहतक (219), श्री गंगानगर (201), टेन्सा (275) शामिल रहे। कल से तुलना करें तो देश में खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 35 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

आंकड़ों के मुताबिक देश में धनबाद में प्रदूषण का स्तर सबसे ज्यादा है, जहां एक्यूआई 355 दर्ज किया गया है। इसी तरह बहादुरगढ़ (341) में भी हवा जानलेवा बनी हुई है। वहीं दूसरी तरफ दावनगेरे में हवा सबसे ज्यादा साफ है, जहां एक्यूआई 21 दर्ज किया गया है। यदि धनबाद के प्रदूषण की तुलना दावनगेरे से करें तो हवा 17 गुणा खराब है। दावनगेरे की तरह ही देश के 36 शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है।

इन शहरों में बेंगलुरु, चामराजनगर, चिक्काबल्लापुर, चिक्कमगलुरु, कोयंबटूर, दावनगेरे, धारवाड़, गंगटोक, हल्दिया, हसन, हावेरी, कडपा, कलबुर्गी, कोप्पल, कोरबा, मदिकेरी, मीरा-भयंदर, मुंबई, मैसूर, नागांव, नाहरलागुन, नासिक, रामनगर, रामनाथपुरम, सांगली आदि शामिल रहे। यदि कल से तुलना करें तो देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों में कल से आठ फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

इसी तरह देश के 106 शहरों में हवा संतोषजनक बनी हुई है। इन शहरों में बदलापुर, बालासोर, बांसवाड़ा, बारीपाड़ा, बैरकपुर, बठिंडा, बेलापुर, बेतिया, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बोईसर, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चेन्नई, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, कटक, देवास, धुले, डूंगरपुर, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, गुम्मिडीपोंडी, गुवाहाटी, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, जलना, झालावाड़, कल्याण, कन्नूर, क्योंझर, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोटा, लातूर आदि शामिल रहे। कल से देखें तो देश में संतोषजनक वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 10 फीसदी से ज्यादा की गिरावट बढ़ोतरी हुई है।

वहीं देश के 77 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम बनी हुई है। इन शहरों में भागलपुर, भरतपुर, भिवाड़ी, भिवानी, बीकानेर, बिलीपाड़ा, ब्रजराजनगर, बुलंदशहर, बूंदी, चंडीगढ़, छाल, छपरा, चूरू, दौसा, धारूहेड़ा, धौलपुर, दुर्गापुर, फतेहाबाद, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, गुरुग्राम, ग्वालियर, हापुड़, हिसार, इम्फाल, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जालोर, झुंझुनू, जींद, जोधपुर, कैथल, कानपुर, करौली, करनाल, काशीपुर, कटिहार, कटनी, कोहिमा, कुंजेमुरा, कुरुक्षेत्र, लखनऊ आदि शामिल थे। कल से देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में चार फीसदी की गिरावट आई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 11 जून 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 238 में से 36 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 106 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 10 जून 2024 यह आंकड़ा 95 दर्ज किया गया था।

77 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही। वहीं 17 शहरों बद्दी, बागपत, बल्लभगढ़, बारबिल, बक्सर, बर्नीहाट, चरखी दादरी, देहरादून, दिल्ली, फरीदाबाद, ग्रेटर नोएडा, हाजीपुर, खुर्जा, नोएडा, रोहतक, श्री गंगानगर, टेन्सा में स्थिति दमघोंटू है। दूसरे शहरों की तुलना में बहादुरगढ़ (341), धनबाद (355) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के पार पहुंच गया है।  

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'खराब' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 50 अंक बढ़कर 221 पर पहुंच गया। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 205, गाजियाबाद में 167, गुरुग्राम में 199, नोएडा में 234, ग्रेटर नोएडा में 270 पर पहुंच गया है। 

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 48 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'बेहतर' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 123, चेन्नई में 74, चंडीगढ़ में 136, हैदराबाद में 70, जयपुर में 127 और पटना में 192 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

गंगटोक (34) सहित देश के जिन 36 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अनंतपुर 43, अरियालुर 31, बागलकोट 42, बरेली 43, बेलगाम 41, बेंगलुरु 45, चामराजनगर 50, चिक्काबल्लापुर 25, चिक्कमगलुरु 39, कोयंबटूर 39, दावनगेरे 21, धारवाड़ 46, हल्दिया 41, हसन 37, हावेरी 38, कडपा 33, कलबुर्गी 34, कोप्पल 49, कोरबा 42, मदिकेरी 27, मीरा-भयंदर 40, मुंबई 48, मैसूर 31, नागांव 40, नाहरलागुन 44, नासिक 50, रामनगर 30, रामनाथपुरम 34, सांगली 32, शिवमोगा 49, तिरुवनंतपुरम 38, तिरुपति 37, वाराणसी 44, विजयपुरा 42, यादगीर 30, शामिल रहे।

वहीं अगरतला, आगरा, अहमदाबाद, अहमदनगर, आइजोल, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अंकलेश्वर, आरा, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बालासोर, बांसवाड़ा, बारीपाड़ा, बैरकपुर, बठिंडा, बेलापुर, बेतिया, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बोईसर, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चेन्नई, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, कटक, देवास, धुले, डूंगरपुर, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, गुम्मिडीपोंडी, गुवाहाटी, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जलगांव, जलना, झालावाड़, कल्याण, कन्नूर, क्योंझर, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोटा, लातूर, महाद, मैहर, मालेगांव, मंडीदीप, मानेसर, मैंगलोर, मिलुपारा, मोतिहारी, नागपुर, नलबाड़ी, नांदेड़, नारनौल, नवी मुंबई, पलवल, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड़, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, रायचुर, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, ऋषिकेश, सहरसा, सलेम, समस्तीपुर, सासाराम, सतना, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सोलापुर, सुआकाती, सूरत, तालचेर, ठाणे, थूथुकुडी, त्रिशूर, तुमकुरु, उदयपुर, उडुपी, उल्हासनगर, वापी, वातवा, विजयवाड़ा, वृंदावन आदि 106 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

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