
आज देश में साफ हवा वाले शहरों की संख्या बढ़कर दस फीसदी पर पहुंच गई। इसका मतलब है कि देश के 22 शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में थूथुकुडी की स्थिति सबसे बेहतर है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई 24 दर्ज किया गया है।
वहीं दूसरी तरफ बदलापुर की हवा सबसे ज्यादा दूषित है, जहां एक्यूआई 300 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि बदलापुर की तुलना थूथुकुडी से करें तो वहां स्थिति 12 गुणा ज्यादा खराब है।
गौरतलब है कि थूथुकुडी सहित देश के जिन शहरों में वायु गुणवत्ता 'बेहतर' बनी हुई है, उनमें पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, रामनाथपुरम, शिवमोगा, थूथुकुडी, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, वाराणसी, विजयपुरा आदि शहर शामिल हैं। अच्छी खबर यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 22 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
रुझानों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण में गिरावट दर्ज की गई है। इसके बावजूद 20 शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है। देखा जाए तो प्रदूषण के मामलों में आज छोटे शहरों में स्थिति कहीं ज्यादा खराब है। प्रदूषण के मामले में आज जहां बदलापुर पहले स्थान पर रहा। वहीं बर्नीहाट दूसरे स्थान पर बना हुआ है, जहां एक्यूआई 299 दर्ज किया गया है।
वहीं राजधानी दिल्ली आज तीसरे स्थान पर रही, जहां वायु गुणवत्ता का स्तर 286 रिकॉर्ड किया गया। इसी तरह 252 अंकों के साथ बूंदी चौथे, जबकि गुवाहाटी (250) पांचवें स्थान पर रहा।
देश के जिन शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है, उन शहरों में आसनसोल, बदलापुर, बारबिल, भीलवाड़ा, बूंदी, बर्नीहाट, चरखी दादरी, चित्तौड़गढ़, दिल्ली, गुरूग्राम, गुवाहाटी, काशीपुर, नगांव, पूर्णिया, राजसमंद, राउरकेला, सवाई माधोपुर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, वापी शामिल हैं। राहत की बात यह रही कि कल से देश में 'खराब' हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 38 फीसदी की गिरावट आई है।
देश में आगरा सहित 65 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। इन शहरों में आगरा, आइजोल, अलवर, अनंतपुर, आरा, बाड़मेर, बठिंडा, बेगूसराय, बेंगलुरु, भागलपुर, भिलाई, बिलासपुर, चेन्नई, छाल, छपरा, कोयंबटूर, दमोह, देहरादून, देवास, धनबाद, धारवाड़, धुले, फिरोजाबाद, गांधीनगर, हनुमानगढ़, हसन, हैदराबाद, इंदौर आदि शहर शामिल हैं। कल से देखें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब पांच फीसदी का इजाफा हुआ है।
इसी तरह देश के छोटे बड़े 113 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम स्तर पर बनी हुई है।
इन शहरों में अहमदाबाद, अहमदनगर, अजमेर, अकोला, अमरावती, अमृतसर, अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बागपत, बालासोर, बांसवाड़ा, बारां, बारीपदा, बैरकपुर, बेलापुर, बेतिया, भरतपुर, भिवाड़ी, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बिहारशरीफ, बीकानेर, बोईसर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, बक्सर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चुरू, कटक, दौसा, धौलपुर, डूंगरपुर, दुर्गापुर, फरीदाबाद, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, ग्वालियर, हाजीपुर, हल्दिया, हापुड, हावड़ा, इंफाल, जयपुर, जलगांव, जलना, जालौर, झुंझुनूं, जोधपुर, कल्याण, कटिहार, कटनी, खुर्जा, किशनगंज, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, कोटा, लातूर, लखनऊ, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मेरठ, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नागौर, नागपुर, नलबाड़ी, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, नोएडा, पाली, परभनी, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, पुणे, रायपुर, राजगीर, रतलाम, सहरसा, सांगली, सासाराम, सीकर, सिरोही, सोलापुर, श्रीगंगानगर, सुआकाती, तालचेर, टेन्सा, टोंक, तुमकुरु, तुमिडीह, उदयपुर, उल्हासनगर, वातवा, विशाखापत्तनम, वृंदावन शामिल हैं।
कल से देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब 18 फीसदी का इजाफा हुआ है।
कुल मिलाकर देखें तो जहां देश के दस फीसदी शहरों में हवा साफ है, वहीं 60 फीसदी से ज्यादा शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर चिंताजनक बना हुआ है। इसी तरह करीब 30 फीसदी शहरों स्थिति संतोषजनक है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 03 फरवरी 2025 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 220 में से महज 22 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 65 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 02 फरवरी 2025 को यह आंकड़ा 62 दर्ज किया गया।
113 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में बदलापुर (300) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 310 के करीब पहुंच गया। वहीं कल बर्नीहाट में हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 370 दर्ज किया गया।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 40 अंकों की गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर आज गिरकर 286 पर पहुंच गया, मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘खराब’ स्तर पर पहुंच गई है।
गौरतलब है कि जनवरी 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।
देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज बूंदी चौथे स्थान पर है, वहीं बर्नीहाट (289) दूसरे, जबकि दिल्ली (286) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 162, गाजियाबाद में 156, गुरुग्राम में 201, नोएडा में 140, ग्रेटर नोएडा में 162 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 128 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 174, चेन्नई में 63, चंडीगढ़ में 171, हैदराबाद में 86, जयपुर में 112 और पटना में 147 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 22 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अमरावती, बरेली, चामराजनगर, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, दावनगेरे, गडग, हुबली, मदिकेरी, मदुरै, नागपट्टिनम, पालकलाईपेरुर, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, रामनाथपुरम, शिवमोगा, थूथुकुडी, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, वाराणसी, विजयपुरा शामिल हैं।
वहीं आगरा, आइजोल, अलवर, अनंतपुर, आरा, बाड़मेर, बठिंडा, बेगूसराय, बेंगलुरु, भागलपुर, भिलाई, बिलासपुर, चेन्नई, छाल, छपरा, कोयंबटूर, दमोह, देहरादून, देवास, धनबाद, धारवाड़, धुले, फिरोजाबाद, गांधीनगर, हनुमानगढ़, हसन, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जैसलमेर, जालंधर, झालावाड़, कडपा, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कानपुर, कारवार, खन्ना, लुधियाना, मालेगांव, मंगलौर, मंगुराहा, मुरादाबाद, मोतिहारी, मैसूर, पटियाला, पीथमपुर, प्रयागराज, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, सागर, सलेम, समस्तीपुर, सतना, सिलचर, सूरत, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, उडुपी, उज्जैन, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरार, यादगीर आदि 65 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।
आज देश में साफ हवा वाले शहरों की संख्या बढ़कर दस फीसदी पर पहुंच गई। इसका मतलब है कि देश के 22 शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में थूथुकुडी की स्थिति सबसे बेहतर है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई 24 दर्ज किया गया है।
वहीं दूसरी तरफ बदलापुर की हवा सबसे ज्यादा दूषित है, जहां एक्यूआई 300 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि बदलापुर की तुलना थूथुकुडी से करें तो वहां स्थिति 12 गुणा ज्यादा खराब है।
गौरतलब है कि थूथुकुडी सहित देश के जिन शहरों में वायु गुणवत्ता 'बेहतर' बनी हुई है, उनमें पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, रामनाथपुरम, शिवमोगा, थूथुकुडी, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, वाराणसी, विजयपुरा आदि शहर शामिल हैं। अच्छी खबर यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 22 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
रुझानों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण में गिरावट दर्ज की गई है। इसके बावजूद 20 शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है। देखा जाए तो प्रदूषण के मामलों में आज छोटे शहरों में स्थिति कहीं ज्यादा खराब है। प्रदूषण के मामले में आज जहां बदलापुर पहले स्थान पर रहा। वहीं बर्नीहाट दूसरे स्थान पर बना हुआ है, जहां एक्यूआई 299 दर्ज किया गया है।
वहीं राजधानी दिल्ली आज तीसरे स्थान पर रही, जहां वायु गुणवत्ता का स्तर 286 रिकॉर्ड किया गया। इसी तरह 252 अंकों के साथ बूंदी चौथे, जबकि गुवाहाटी (250) पांचवें स्थान पर रहा।
देश के जिन शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है, उन शहरों में आसनसोल, बदलापुर, बारबिल, भीलवाड़ा, बूंदी, बर्नीहाट, चरखी दादरी, चित्तौड़गढ़, दिल्ली, गुरूग्राम, गुवाहाटी, काशीपुर, नगांव, पूर्णिया, राजसमंद, राउरकेला, सवाई माधोपुर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, वापी शामिल हैं। राहत की बात यह रही कि कल से देश में 'खराब' हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 38 फीसदी की गिरावट आई है।
देश में आगरा सहित 65 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। इन शहरों में आगरा, आइजोल, अलवर, अनंतपुर, आरा, बाड़मेर, बठिंडा, बेगूसराय, बेंगलुरु, भागलपुर, भिलाई, बिलासपुर, चेन्नई, छाल, छपरा, कोयंबटूर, दमोह, देहरादून, देवास, धनबाद, धारवाड़, धुले, फिरोजाबाद, गांधीनगर, हनुमानगढ़, हसन, हैदराबाद, इंदौर आदि शहर शामिल हैं। कल से देखें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब पांच फीसदी का इजाफा हुआ है।
इसी तरह देश के छोटे बड़े 113 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम स्तर पर बनी हुई है।
इन शहरों में अहमदाबाद, अहमदनगर, अजमेर, अकोला, अमरावती, अमृतसर, अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बागपत, बालासोर, बांसवाड़ा, बारां, बारीपदा, बैरकपुर, बेलापुर, बेतिया, भरतपुर, भिवाड़ी, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बिहारशरीफ, बीकानेर, बोईसर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, बक्सर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चुरू, कटक, दौसा, धौलपुर, डूंगरपुर, दुर्गापुर, फरीदाबाद, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, ग्वालियर, हाजीपुर, हल्दिया, हापुड, हावड़ा, इंफाल, जयपुर, जलगांव, जलना, जालौर, झुंझुनूं, जोधपुर, कल्याण, कटिहार, कटनी, खुर्जा, किशनगंज, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, कोटा, लातूर, लखनऊ, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मेरठ, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नागौर, नागपुर, नलबाड़ी, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, नोएडा, पाली, परभनी, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, पुणे, रायपुर, राजगीर, रतलाम, सहरसा, सांगली, सासाराम, सीकर, सिरोही, सोलापुर, श्रीगंगानगर, सुआकाती, तालचेर, टेन्सा, टोंक, तुमकुरु, तुमिडीह, उदयपुर, उल्हासनगर, वातवा, विशाखापत्तनम, वृंदावन शामिल हैं।
कल से देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब 18 फीसदी का इजाफा हुआ है।
कुल मिलाकर देखें तो जहां देश के दस फीसदी शहरों में हवा साफ है, वहीं 60 फीसदी से ज्यादा शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर चिंताजनक बना हुआ है। इसी तरह करीब 30 फीसदी शहरों स्थिति संतोषजनक है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 03 फरवरी 2025 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 220 में से महज 22 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 65 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 02 फरवरी 2025 को यह आंकड़ा 62 दर्ज किया गया।
113 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में बदलापुर (300) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 310 के करीब पहुंच गया। वहीं कल बर्नीहाट में हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 370 दर्ज किया गया।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 40 अंकों की गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर आज गिरकर 286 पर पहुंच गया, मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘खराब’ स्तर पर पहुंच गई है।
गौरतलब है कि जनवरी 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।
देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज बूंदी चौथे स्थान पर है, वहीं बर्नीहाट (289) दूसरे, जबकि दिल्ली (286) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 162, गाजियाबाद में 156, गुरुग्राम में 201, नोएडा में 140, ग्रेटर नोएडा में 162 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 128 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 174, चेन्नई में 63, चंडीगढ़ में 171, हैदराबाद में 86, जयपुर में 112 और पटना में 147 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 22 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अमरावती, बरेली, चामराजनगर, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, दावनगेरे, गडग, हुबली, मदिकेरी, मदुरै, नागपट्टिनम, पालकलाईपेरुर, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, रामनाथपुरम, शिवमोगा, थूथुकुडी, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, वाराणसी, विजयपुरा शामिल हैं।
वहीं आगरा, आइजोल, अलवर, अनंतपुर, आरा, बाड़मेर, बठिंडा, बेगूसराय, बेंगलुरु, भागलपुर, भिलाई, बिलासपुर, चेन्नई, छाल, छपरा, कोयंबटूर, दमोह, देहरादून, देवास, धनबाद, धारवाड़, धुले, फिरोजाबाद, गांधीनगर, हनुमानगढ़, हसन, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जैसलमेर, जालंधर, झालावाड़, कडपा, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कानपुर, कारवार, खन्ना, लुधियाना, मालेगांव, मंगलौर, मंगुराहा, मुरादाबाद, मोतिहारी, मैसूर, पटियाला, पीथमपुर, प्रयागराज, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, सागर, सलेम, समस्तीपुर, सतना, सिलचर, सूरत, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, उडुपी, उज्जैन, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरार, यादगीर आदि 65 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।