

तमिलनाडु के थूथुकुडी में वायु गुणवत्ता सूचकांक 486 तक पहुंच गया है, जो 'गंभीर' श्रेणी में आता है।
कल थूथुकुडी में एक्यूआई महज 93 दर्ज किया गया था। मतलब कि एक ही दिन में वहां वायु गुणवत्ता संतोषजनक से 'गंभीर' श्रेणी में पहुंच गई है।
थूथुकुडी में प्रदूषण से स्थिति किस कदर खराब है, इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से 980 फीसदी अधिक है।
दूसरी तरफ आज देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 12 रिकॉर्ड किया गया।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो वहां कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। इसके साथ ही वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 309 पर पहुंच गया। हालांकि दिल्ली में हालात अभी भी बेहद खराब बने हुए हैं
आज फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 198 रिकॉर्ड किया गया है।
आज प्रदूषण के मामले में कैथल (393) दूसरे जबकि बागपत (384) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 376 अंकों के साथ मेरठ चौथे स्थान पर है।
जींद-गाजियाबाद में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 354 और 340 अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं।
विश्लेषण से पता चला है कि प्रदूषण के मामले में आज थूथुकुडी अव्वल है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 486 पर पहुंच गया है। मतलब की आज वहां वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ स्थिति में पहुंच गई है। वहीं कल थूथुकुडी में एक्यूआई महज 93 दर्ज किया गया था। मतलब कि एक ही दिन में वहां वायु गुणवत्ता संतोषजनक से 'गंभीर' श्रेणी में पहुंच गई है।
रुझानों से पता चला है कि आज वहां हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम10) पूरी तरह हावी हैं। देखा जाए तो वहां फिजाओं में घुला जहर इतना ज्यादा है कि वो लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।
थूथुकुडी में प्रदूषण से स्थिति किस कदर खराब है, इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सुरक्षित सीमा से 980 फीसदी अधिक है। दूसरी तरफ आज देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 12 रिकॉर्ड किया गया।
ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर थूथुकुडी की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 40 गुणा खराब है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 03 नवंबर, 2025 को 251 शहरों के लिए जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि इनमें से जहां 21.5 फीसदी शहरों में हवा साफ है।
वहीं करीब 39 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 39.5 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज हवा चिंताजनक है। चिंता की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 28 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
वहीं दूसरी तरफ सन्तोषजनक हवा वाले शहरों में 16.7 फीसदी का इजाफा हुआ है। मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में कोई बदलाव नहीं हुआ है। दूसरी तरफ देश में खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 39 फीसदी से अधिक का इजाफा हुआ है, जोकि बेहद चिंताजनक है। दूसरी तरह बेहद खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब 24 फीसदी की गिरावट आई है।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो वहां कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। इसके साथ ही वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 309 पर पहुंच गया। हालांकि दिल्ली में हालात अभी भी बेहद खराब बने हुए हैं। वहां वायु गुणवत्ता डब्ल्यूएचओ मानकों से 1,960 फीसदी अधिक प्रदूषित है।
आज फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक 198 रिकॉर्ड किया गया है।
आंकड़ों से पता चला है कि आज प्रदूषण के मामले में कैथल (393) दूसरे जबकि बागपत (384) तीसरे स्थान पर है। इसी तरह 376 अंकों के साथ मेरठ चौथे स्थान पर है। जींद-गाजियाबाद में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 354 और 340 अंकों के साथ पांचवें और छठे पायदान पर हैं।
देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज मानेसर (340) सातवें स्थान पर हैं। इसी तरह दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज मुजफ्फरनगर (339), काशीपुर (325) और हापुड (323) भी शामिल हैं। गौरतलब है कि आज देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में उत्तर प्रदेश के पांच शहर (बागपत, मेरठ, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर, हापुड) शामिल हैं।
विश्लेषण से यह भी पता चला है कि आज जहां कैथल, बागपत, मेरठ, जींद, गाजियाबाद, मानेसर, मुजफ्फरनगर, काशीपुर, हापुड, बल्लभगढ़, फतेहाबाद, नोएडा, दिल्ली, ग्रेटर नोएडा, पंचकुला, बुलन्दशहर, सिरसा, सोनीपत, बद्दी, कुरूक्षेत्र, करनाल, यमुनानगर, पटियाला, सिवान, खन्ना, हाजीपुर, धौलपुर, गुरूग्राम, मंडी गोबिंदगढ़, मुरादाबाद, भिवानी, भिवाड़ी, नारनौल, चंडीगढ़, जयपुर, चरखी दादरी, किशनगंज, जालंधर, बहादुरगढ़, मंडीदीप, फरीदाबाद, कानपुर, तिरुपति, कोटा, धारूहेड़ा, लखनऊ, बठिंडा, जोधपुर, करौली, झालावाड़, पटना, अम्बाला, बिहार शरीफ, सिंगरौली, ग्वालियर, बूंदी, ऋषिकेश, गुम्मिडिपूंडी, देहरादून, अमृतसर, अररिया आदि शहरों की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी हैं।
वहीं थूथुकुडी, टोंक, खुर्जा, दौसा, नागौर, सवाई माधोपुर, चुरू, सीकर, जालौर, वृंदावन, बीकानेर, भीलवाड़ा, हिसार, कटनी, श्री गंगानगर, जैसलमेर, आगरा, बाड़मेर, झुंझुनूं, अजमेर, गया, पाली, सहरसा, बेतिया, बारां, हनुमानगढ़, अंगुल, मंगुराहा, दावनगेरे आदि शहरों में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
इसी तरह कुछ शहरों में कार्बन और ओजोन से स्थिति खराब है। इन शहरों के विपरीत आज देश के 21.5 फीसदी यानी 54 शहरों में हवा साफ है।
इन साफ हवा वाले शहरों में अनंतपुर, अरियालूर, बैरकपुर, भिलाई, बोईसर, चामराजनगर, चेंगलपट्टू, छपरा, गडग, गंगटोक, गुवाहाटी, हल्दिया, होसुर, झांसी, कडपा, करूर, कोल्हापुर, कोप्पल, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, मीरा-भायंदर, मुंबई, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पेरुंदुरई, पुदुचेरी, पुणे, रामनाथपुरम, शिलांग आदि शामिल हैं।
कल से तुलना करें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 29 फीसदी की गिरावट आई है। दूसरी तरह संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 17 फीसदी का इजाफा हुआ है।
आज देश के जिन शहरों में वायु गुणवत्ता सन्तोषजनक है, उनमें बक्सर, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चेन्नई, छाल, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, देवास, धारवाड़, धुले, डिंडीगुल, डूंगरपुर, दुर्गापुर, गांधीनगर, गोरखपुर, हावेरी, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जलगांव, जलना, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, कन्नूर, कटिहार, क्योंझर, कोहिमा, कोलकाता, कोरबा, कुंजेमुरा, महाड, मैहर, मालेगांव, मांडीखेड़ा, मंगलौर, मिलुपारा, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नगांव, नागपुर, नमक्कल, ऊटी, पंचगांव, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़ आदि शामिल हैं।
इन शहरों के उलट आज देश के 53 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।
इन शहरों में आगरा, अजमेर, अम्बाला, अमृतसर, अंगुल, अररिया, बारां, बरेली, बाड़मेर, बठिंडा, बेतिया, भीलवाड़ा, भोपाल, भुवनेश्वर, बिहार शरीफ, बीकानेर, बूंदी, चुरू, दावनगेरे, देहरादून, धनबाद, धारूहेड़ा, फरीदाबाद, फिरोजाबाद, गया, गुम्मिडिपूंडी, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हिसार, जबलपुर, जैसलमेर, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, कानपुर, करौली, कटनी, कोटा, लखनऊ, मंगुराहा, पाली, पलवल, पटना, प्रयागराज, ऋषिकेश, सहरसा, सीकर, सिंगरौली, श्री गंगानगर, तालचेर, तिरुपति, वृंदावन शामिल हैं।
कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में कोई बदलाव नहीं हुआ है और स्थिति जस की तस है।
आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि आज देश के 32 शहरों में वायु गुणवत्ता खराब है। इन शहरों में बद्दी, बहादुरगढ़, भिवाड़ी, भिवानी, बुलन्दशहर, चंडीगढ़, चरखी दादरी, दौसा, धौलपुर, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, हाजीपुर, जयपुर, जालंधर, करनाल, खन्ना, खुर्जा, किशनगंज, कुरूक्षेत्र, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मुरादाबाद, नागौर, नारनौल, पंचकुला, पटियाला, सवाई माधोपुर, सिरसा, सिवान, सोनीपत, टोंक, यमुनानगर शामिल हैं।
कल से देखें तो देश में खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 39 फीसदी से अधिक का इजाफा हुआ है, जोकि बेहद चिंता का विषय है।
इसी तरह आज देश के 13 शहरों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब है। इन शहरों में बागपत, बल्लभगढ़, दिल्ली, फतेहाबाद, गाजियाबाद, हापुड, जींद, कैथल, काशीपुर, मानेसर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, नोएडा शामिल हैं।
कल से तुलना करें तो देश में ‘बेहद खराब’ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 24 फीसदी की गिरावट आई है, जोकि राहत की खबर है।
क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 251 में से 54 शहरों (-28.9) में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 98 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 02 नवंबर 2025 को यह आंकड़ा 84 दर्ज किया गया था।
53 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में आज थूथुकुडी (486) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 500 के करीब पहुंच गया। वहीं कल थूथुकुडी में वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 93 दर्ज किया गया था। मतलब की कल से तमिलनाडु के इस शहर के वायु गुणवत्ता सूचकांक में 393 अंकों का उछाल आया है। कल धारूहेड़ा में वायु गुणवत्ता सूचकांक 434 रिकॉर्ड किया गया था।
दूसरी तरफ कल धारूहेड़ा की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 434 रिकॉर्ड किया गया था। हालांकि आज 258 अंकों के सुधार के साथ धारूहेड़ा में एक्यूआई घटकर 176 रह गया है।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है। दिल्ली में 57 अंकों के सुधार के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 309 पर पहुंच गया है। हालांकि दिल्ली में अभी भी वायु गुणवत्ता बेहद खराब बनी हुई है। आज फरीदाबाद में भी प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है, जहां 17 अंकों के सुधार के साथ एक्यूआई 198 दर्ज किया गया है।
गौरतलब है कि पिछले दो-तीन महीनों में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता ज्यादातर दिन संतोषजनक रही। वहीं जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज मेरठ चौथे स्थान पर है, वहीं कैथल (393) दूसरे, जबकि बागपत (384) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 133, गाजियाबाद में 340, गुवाहाटी में 42, गुरूग्राम में 235, नोएडा में 312, ग्रेटर नोएडा में 300 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 49 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘बेहतर‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 173, चेन्नई में 84, चंडीगढ़ में 216, हैदराबाद में 58, जयपुर में 216 और पटना में 146 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 54 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, अहमदनगर, अकोला, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अनंतपुर, अरियालूर, बैरकपुर, भिलाई, बोईसर, चामराजनगर, चेंगलपट्टू, छपरा, गडग, गंगटोक, गुवाहाटी, हल्दिया, होसुर, झांसी, कडपा, करूर, कोल्हापुर, कोप्पल, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, मीरा-भायंदर, मुंबई, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पेरुंदुरई, पुदुचेरी, पुणे, रामनाथपुरम, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सूरत, टेन्सा, ठाणे, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, तिरुनेलवेली, वापी, वातवा, विजयपुरा, विरार, यादगीर शामिल हैं।
वहीं अहमदाबाद, अलवर, अमरावती (महाराष्ट्र), अंकलेश्वर, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बालासोर, बांसवाड़ा, बारबिल, बारीपदा, बेगूसराय, बेंगलुरु, भागलपुर, भरतपुर, भिवंडी, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, ब्रजराजनगर, बक्सर, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चेन्नई, छाल, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, देवास, धारवाड़, धुले, डिंडीगुल, डूंगरपुर, दुर्गापुर, गांधीनगर, गोरखपुर, हावेरी, हावड़ा, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जलगांव, जलना, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, कन्नूर, कटिहार, क्योंझर, कोहिमा, कोलकाता, कोरबा, कुंजेमुरा, महाड, मैहर, मालेगांव, मांडीखेड़ा, मंगलौर, मिलुपारा, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नगांव, नागपुर, नमक्कल, ऊटी, पंचगांव, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुडुकोट्टई, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, रतलाम, राउरकेला, रूपनगर, सागर, सांगली, सासाराम, सतना, सिरोही, सोलापुर, तिरुमाला, तिरुपुर, तुमिडीह, उदयपुर, उल्हासनगर, वाराणसी, विजयवाड़ा, विरुधुनगर, विशाखापत्तनम आदि 98 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।