स्वच्छ वायु सर्वेक्षण रिपोर्ट 2024: 9वें से 11वें स्थान पर फिसली दिल्ली, फिरोजाबाद-रायबरेली रहे अव्वल

स्वच्छ वायु सर्वेक्षण रिपोर्ट 2024 के मुताबिक दिल्ली जो पिछले साल नौवें पायदान पर था, वो दो कदम फिसलकर 11वें स्थान पर आ गया है
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स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2024 के परिणाम सामने आ चुके हैं, देश में सूरत (गुजरात), फिरोजाबाद (उत्तर प्रदेश) और रायबरेली (उत्तर प्रदेश) अपनी-अपनी केटेगरी में अव्वल रहे। इस बारे में जारी सर्वेक्षण रिपोर्ट से पता चला है कि जहां दस लाख से अधिक आबादी वाले 47 शहरों में सूरत पहले स्थान पर रहा, जिसे इस सर्वेक्षण में कुल 194 अंक दिए गए हैं। हालांकि 2023 में इस श्रेणी में इंदौर (मध्य प्रदेश) पहले स्थान पर था, जो इस बार सातवें स्थान पर आ गया है।

वहीं 193 अंकों के साथ जबलपुर (मध्य प्रदेश) दूसरे और 190 अंकों के साथ आगरा (उत्तर प्रदेश) तीसरे स्थान पर रहे। वहीं तीन लाख से दस लाख की आबादी वाले 43 शहरों में 197 अंकों के साथ फिरोजाबाद अव्वल रहा, वहीं 195 अंकों के साथ अमरावती दूसरे, जबकि 193.5 अंकों के साथ झांसी को तीसरे पायदान पर जगह मिली।

वहीं गोरखपुर, नवी मुम्बई चौथे और पांचवे, जबकि नोएडा 187.8 अंकों के साथ छठे स्थान पर रहा। इसी तरह तीन लाख से कम आबादी वाले 40 शहरों में 195.5 अंकों के साथ रायबरेली प्रदूषण से निपटने के मामले में पहले स्थान पर रहा। इसके बाद नलगोंडा (187.5) और नालागढ़ (186.5) अंकों के साथ दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे।

यह जानकारी केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा गत शनिवार को जारी स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2024 रिपोर्ट में सामने आई है। बता दें कि देश के 133 शहरों में राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम) कितनी बेहतर तरीके से काम कर रहा है, इस सर्वेक्षण की मदद से उसका आंकलन किया जाता है। साथ ही इसकी मदद से इन शहरों की वायु गुणवत्ता में आते सुधार को परखा जाता है।

इसके परिणाम हर साल सात सितम्बर को ‘इंटरनेशनल डे ऑफ क्लीन एयर फॉर ब्लू स्काइज’ के मौके पर जारी किए जाते हैं।

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प्रदूषण के मामले में कैसा है आपके शहर का हाल

रिपोर्ट में सामने आया है कि राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। यही वजह है कि देश के कई शहरों में प्रदूषण पर लगाम लगाने में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। लेकिन साथ ही यह इस ओर भी इशारा है कि अभी इस दिशा में काफी कुछ किया जाना बाकी है।

रिपोर्ट के मुताबिक बनारस को 176.5 अंकों के साथ 13वें स्थान पर रखा गया है। हालांकि पिछले वर्ष वो ग्यारहवें पायदान पर था। इसी तरह दस लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में चंडीगढ़ जो 2023 में 22वें स्थान पर था, वो इस साल 31वें पायदान पर पहुंच गया।

इस रिपोर्ट के साथ ही पर्यावरण मंत्रालय ने उन अपने वर्ग में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले शहरों को पुरस्कृत भी किया है। इसके तहत दस लाख से अधिक आबादी वाले शहरों की सूची में पहला स्थान हासिल करने वाले सूरत को डेढ़ करोड़ की राशि पुरूस्कार स्वरुप दी गई है।

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वहीं जबलपुर को एक करोड़, जबकि आगरा को 50 लाख रुपए की राशि पुरस्कार के रूप में दी गई है। वहीं तीन लाख से दस लाख आबादी वाले शहरों में पहला स्थान पाने वाले शहर फिरोजाबाद को 75 लाख रुपए, जबकि तीन लाख से कम आबादी वाले शहरों में पहले स्थान पर रहने वाले शहर रायबरेली को 37.5 लाख रुपए का पुरस्कार दिया गया है।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की देखरेख में नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम में शामिल इन शहरों की वायु गुणवत्ता को जांचा गया है। इन शहरों को कचरा जलाने, सड़कों पर मौजूद धूल, निर्माण और तोड़फोड़ से सम्बंधित धूल, वाहनों से होते प्रदूषण, उद्योगों से हो रहे प्रदूषण की रोकथाम जैसे आठ मानकों के आधार पर अंक दिए गए हैं।

इस सर्वेक्षण में शामिल जिन शहरों को अपनी वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए पुरस्कृत किया है उन्होंने ऐसे कई कदम उठाए है जिन्होंने उनकी वायु गुणवत्ता में सकते सुधार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

इन कदमों में सड़कों को पक्का करना, सड़कों की सफाई के लिए मशीनों का उपयोग, लैंडफिल साइटों पर कूड़े का वैज्ञानिक तरीके से निपटान, निर्माण व तोड़फोड़ सम्बन्धी मलबे का बेहतर निस्तारण, हरित क्षेत्रों का विकास, डंपिंग साइट को साफ कर हरियाली को बढ़ावा देना, और यातायात का बेहतर प्रबंधन जैसे उपाय शामिल थे।

देश में वायु गुणवत्ता और प्रदूषण से जुड़ी ताजा जानकारी आप डाउन टू अर्थ के एयर क्वालिटी ट्रैकर से प्राप्त कर सकते हैं।

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