गाजियाबाद-नंदेसरी-ग्रेटर नोएडा में दमघोंटू हुई हवा, दिल्ली में भी बढ़ा प्रदूषण

देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में हनुमानगढ़, चरखी दादरी, मंडी गोबिंदगढ़, मेरठ, दिल्ली, चंडीगढ़, और श्रीगंगानगर भी शामिल थे
भारत की शत-प्रतिशत आबादी प्रदूषण की गिरफ्त में है जो उन्हें शारीरिक के साथ-साथ मानसिक रूप से भी कमजोर बना रहा है; फोटो: आईस्टॉक
भारत की शत-प्रतिशत आबादी प्रदूषण की गिरफ्त में है जो उन्हें शारीरिक के साथ-साथ मानसिक रूप से भी कमजोर बना रहा है; फोटो: आईस्टॉक
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प्रदूषण के मामले में गाजियाबाद, नंदेसरी और ग्रेटर नोएडा की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता का स्तर दमघोंटू हो गया है। इन तीनों शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 200 के पार पहुंच गया है। इनमें भी नंदेसरी की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 229 दर्ज किया गया है।

इन शहरों के साथ-साथ देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में हनुमानगढ़, चरखी दादरी, मंडी गोबिंदगढ़, मेरठ, दिल्ली, चंडीगढ़, और श्रीगंगानगर भी शामिल थे। दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर गौर करें तो वहां भी कल से प्रदूषण में इजाफा दर्ज किया गया है। जहां तीन अंक बढ़कर वायु गुणवत्ता सूचकांक 167 पर पहुंच गया है।

हालांकि पड़ोसी शहर फरीदाबाद में कल से प्रदूषण में गिरावट दर्ज की गई है। बता दें कि फरीदाबाद में 37 अंकों के सुधार के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 59 पर पहुंच गया है। मतलब की वहां हवा संतोषजनक बनी हुई है।

वहीं दूसरी तरफ देश के 61 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है। इन शहरों में तिरुनेलवेली की स्थिति सबसे बेहतर है, जहां एक्यूआई 18 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर नंदेसरी की तिरुनेलवेली से तुलना करें तो स्थिति 12 गुणा ज्यादा खराब है।

देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों में प्रयागराज, पुदुचेरी, रामनाथपुरम, सागर, सलेम, सासाराम, शिलांग, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुनेलवेली, तिरुपति, उडुपी, वेल्लोर, विजयपुरा, विरार, विरुधुनगर आदि शहर शामिल थे। वहीं कल से तुलना करें तो बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों में 15 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

ताजा आंकड़ों के अनुसार फरीदाबाद के साथ-साथ देश के 122 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। इन शहरों में कोलकाता, कोटा, कुंजेमुरा, कुरूक्षेत्र, लखनऊ, महाड, मालेगांव, मंगुराहा, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागपुर, नलबाड़ी, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़ आदि शहर शामिल थे। हालांकि कल के मुकाबले देखें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में 18 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

वहीं दूसरी तरफ देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों में कल से करीब 58 फीसदी का इजाफा हुआ है। इसके बाद इन शहरों की संख्या बढ़कर 52 पर पहुंच गई है।

आंकड़ों पर गौर करें तो देश में दिल्ली के साथ-साथ बद्दी, बागपत, बालासोर, बारबिल, बरेली, बारीपदा, भिवाड़ी, भिवानी, भोपाल, बिलीपाड़ा, बोईसर, बुलन्दशहर, बूंदी, चंडीगढ़, चरखी दादरी, चुरू, दौसा, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गुरूग्राम, गुवाहाटी, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हापुड, जयपुर, जलना, जींद, करनाल, कटिहार, खुर्जा, किशनगंज, लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मांडीखेड़ा, मानेसर, मेरठ, नारनौल, नोएडा, पाली, पटना, पूर्णिया, रूपनगर, सांगली, सिंगरौली, सिरसा, सिवान, श्रीगंगानगर, सुआकाती, टेन्सा, वृंदावन आदि शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम बनी हुई है।

कुल मिलाकर देखें तो देश के करीब 26 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है। वहीं 51 फीसदी से ज्यादा शहरों में स्थिति संतोषजनक है, जबकि 23 फीसदी से ज्यादा शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 23 सितम्बर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 238 में से 61 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 122 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 22 सितम्बर 2024 यह आंकड़ा 149 दर्ज किया गया था। 52 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में नंदेसरी (229) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 250 के करीब पहुंच गया है। यदि दिल्ली (167) की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में पहुंच गई है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कल से 3 अंकों का इजाफा हुआ है।

दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 59, गाजियाबाद में 227, गुरुग्राम में 129, नोएडा में 195, ग्रेटर नोएडा में 202 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 53 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 72, चेन्नई में 51, चंडीगढ़ में 162, हैदराबाद में 66, जयपुर में 143 और पटना में 110 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ

देश के जिन 61 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, अकोला, अमरावती, अमरावती, बांसवाड़ा, बेगूसराय, बेलगाम, बेंगलुरु, भिलाई, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, चामराजनगर, चंद्रपुर, चेंगलपट्टू, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दावनगेरे, डिंडीगुल, गडग, गंगटोक, हसन, हुबली, झांसी, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कारवार, कोलार, कोप्पल, कोरबा, लातूर, मदिकेरी, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मोतिहारी, मुंगेर, मैसूर, नागौर, नांदेड़, पालकलाईपेरुर, पलवल, परभनी, प्रयागराज, पुदुचेरी, रामनाथपुरम, सागर, सलेम, सासाराम, शिलांग, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुनेलवेली, तिरुपति, उडुपी, वेल्लोर, विजयपुरा, विरार, विरुधुनगर, यादगीर शामिल रहे।

वहीं आगरा, अहमदाबाद, अजमेर, अलवर, अम्बाला, अमृतसर, अंगुल, अंकलेश्वर, अरियालूर, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बागलकोट, बहादुरगढ़, बल्लभगढ़, बारां, बाड़मेर, बैरकपुर, बठिंडा, बेलापुर, भागलपुर, भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवंडी, भुवनेश्वर, बिहारशरीफ, बीकानेर, बक्सर, ब्यासनगर, चेन्नई, छपरा, चित्तूर, कटक, दमोह, देहरादून, देवास, धारवाड़, धौलपुर, धुले, डूंगरपुर, फरीदाबाद, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, ग्वालियर, हल्दिया, हिसार, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जालौर, झुंझुनूं, जोधपुर, कैथल, कल्याण, कानपुर, करौली, काशीपुर, क्योंझर, खन्ना, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोटा, कुंजेमुरा, कुरूक्षेत्र, लखनऊ, महाड, मालेगांव, मंगुराहा, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागपुर, नलबाड़ी, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनगर, रतलाम, ऋषिकेश, रोहतक, राउरकेला, सतना, शिवमोगा, सीकर, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, सोलापुर, सोनीपत, सूरत, तालचेर, ठाणे, तिरुपुर, टोंक, तुमकुरु, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वाराणसी, वातवा, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम, यमुनानगर आदि 122 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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