प्रदूषण में अव्वल सिवान में 300 के पार एक्यूआई, दिल्ली में भी 'खराब' हुई वायु गुणवत्ता

विश्लेषण से पता चला है कि आज देश के जहां 28 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं दूसरी तरफ 22 फीसदी में हालात चिंताजनक हैं
बढ़ते प्रदूषण से बिगड़े हालात, बीमार, बुजुर्गों और बच्चों के लिए सांस लेना हुआ दुश्वार; फोटो: आईस्टॉक
बढ़ते प्रदूषण से बिगड़े हालात, बीमार, बुजुर्गों और बच्चों के लिए सांस लेना हुआ दुश्वार; फोटो: आईस्टॉक
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आज देश बिहार के सिवान की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 308 दर्ज किया गया है। मतलब की सिवान की हवा में घुला जहर लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।

कल अगरतला की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी। हालांकि आज सरकार ने अगरतला के आंकड़े साझा नहीं किए हैं।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 19 मई 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक राजधानी दिल्ली में भी प्रदूषण में इजाफा हुआ है। जहां 22 अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 201 पर पहुंच गया है। बता दें कि देश के सबसे प्रदूषित शहरों में आज दिल्ली दूसरे पायदान पर है। इस दौरान सिवान की हवा में प्रदूषण के महीन कण पीएम2.5 हावी रहे। वहीं दिल्ली में ओजोन से स्थिति खराब रही।

इसी तरह गुरूग्राम (177) तीसरे, जबकि नोएडा (175) चौथे स्थान पर है। प्रदूषित शहरों में बद्दी पांचवें स्थान पर है, जहां एक्यूआई 170 दर्ज किया गया है।

राउरकेला में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जहां एक्यूआई 165 दर्ज किया गया है। इसी तरह जालंधर (164) सातवें, जबकि मुजफ्फरनगर (157) आठवें स्थान पर है। वहीं देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में अमृतसर और मंडी गोबिंदगढ़ भी शामिल हैं, जहां एक्यूआई 149 दर्ज किया गया है।

रुझानों से पता चला है कि राउरकेला, ब्रजराजनगर में ओजोन हावी रहा। वहीं गुरूग्राम, जालंधर, मुजफ्फरनगर, मंडी गोबिंदगढ़ और बर्नीहाट में पीएम2.5 से स्थिति खराब रही, जबकि अमृतसर, श्रीगंगानगर, बागपत, हनुमानगढ़ आदि शहरों में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक रही।

वहीं इन शहरों के उलट देश में कुड्डालोर की हवा सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई 20 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर सिवान की तुलना कुड्डालोर से करें तो वहां स्थिति 14 गुणा खराब है।

कुड्डालोर की तरह ही देश के 56 अन्य शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में गुवाहाटी, हल्दिया, हावड़ा, हुबली, कलबुर्गी, कोल्हापुर, कोलकाता, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नाहरलगुन, नलबाड़ी, नमक्कल, नांदेड़, ऊटी, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रामनाथपुरम, शिलांग, शिवमोगा, सिलीगुड़ी, शिवसागर, श्री विजया पुरम, सुआकाती, सूरत आदि शामिल हैं।

राहत की बात यह रही कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब चार फीसदी का इजाफा हुआ है।

रुझानों में यह भी सामने आया है कि देश के 100 से अधिक शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है।

इन शहरों में हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जलगांव, जलना, जालौर, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, कल्याण, कांचीपुरम, कानपुर, कटनी, कोल्लम, कोरबा, कोटा, महाड, मालेगांव, मंडीदीप, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, नागौर, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पंचगांव, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, रायपुर, राजसमंद, रतलाम, ऋषिकेश, सागर, सलेम, सांगली आदि शामिल हैं।

चिंता की बात यह है कि देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों के आंकड़े में कल से 16 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

इसी तरह आगरा सहित देश के 42 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, बर्नीहाट, चंडीगढ़, दौसा, धौलपुर, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, ग्वालियर, हनुमानगढ़, इंफाल, जैसलमेर, जालंधर, करौली, क्योंझर, खन्ना, खुर्जा, लखनऊ, लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़, मेरठ, मुजफ्फरनगर, नागपुर, नोएडा, पाली, पटियाला, राउरकेला आदि शामिल हैं। कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब 11 फीसदी का इजाफा हुआ है।

विश्लेषण से पता चला है कि आज देश के जहां 28 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं दूसरी तरफ 22 फीसदी में हालात चिंताजनक हैं। देश के आधे शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 203 में से 57 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। 102 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 18 मई 2025 को यह आंकड़ा 122 दर्ज किया गया था।

42 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।दूसरे शहरों की तुलना में सिवान (308) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 310 के करीब पहुंच गया। कल अगरतला में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 300 रिकॉर्ड किया गया।आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है। इसके साथ ही 22 अंकों के उछाल के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 201 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता मध्यम से खराब श्रेणी में पहुंच गई है। वहीं आज एक बार फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।

गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज नोएडा चौथे स्थान पर है, वहीं दिल्ली (201) दूसरे, जबकि गुरूग्राम (177) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 143, गाजियाबाद में 124, गुवाहाटी में 42, गुरूग्राम में 177, नोएडा में 175, ग्रेटर नोएडा में 124 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 76 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 119, चेन्नई में 83, चंडीगढ़ में 102, हैदराबाद में 77, जयपुर में 96 और पटना में 88 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 57 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अहमदनगर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), आरा, आसनसोल, बारीपदा, बैरकपुर, भिलाई, बिलासपुर, चामराजनगर, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, दावनगेरे, डिंडीगुल, एलूर, गुवाहाटी, हल्दिया, हावड़ा, हुबली, कलबुर्गी, कोल्हापुर, कोलकाता, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नाहरलगुन, नलबाड़ी, नमक्कल, नांदेड़, ऊटी, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रामनाथपुरम, शिलांग, शिवमोगा, सिलीगुड़ी, शिवसागर, श्री विजया पुरम, सुआकाती, सूरत, तालचेर, टेन्सा, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुनेलवेली, वेल्लोर, विजयपुरा, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम शामिल हैं।

वहीं अहमदाबाद, अजमेर, अकोला, अमरावती (महाराष्ट्र), अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, औरंगाबाद (बिहार), बालासोर, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बरेली, बाड़मेर, बेगूसराय, बेलापुर, बेंगलुरु, भागलपुर, भिवंडी, भुवनेश्वर, बिलीपाड़ा, बोईसर, बूंदी, बक्सर, चंद्रपुर, चेन्नई, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, चुरू, दमोह, देहरादून, देवास, धारवाड़, डूंगरपुर, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गुम्मिडिपूंडी, हाजीपुर, हापुड, होसुर, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जलगांव, जलना, जालौर, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, कल्याण, कांचीपुरम, कानपुर, कटनी, कोल्लम, कोरबा, कोटा, महाड, मालेगांव, मंडीदीप, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, नागौर, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पंचगांव, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, रायपुर, राजसमंद, रतलाम, ऋषिकेश, सागर, सलेम, सांगली, सीकर, सिलचर, सिंगरौली, सिरोही, सोलापुर, ठाणे, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुपति, टोंक, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, वाराणसी, विरार, वृंदावन आदि 102 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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