प्रदूषण में लगातार दूसरे दिन अव्वल सिवान, बढ़कर 338 तक पहुंचा पीएम2.5

प्रदूषण के मामले में आज गुरूग्राम दूसरे स्थान पर है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 288 रिकॉर्ड किया गया
अनुमान है कि 2050 तक देश में बुजुर्गों की आबादी बढ़कर 34.7 करोड़ पर पहुंच जाएगी; फोटो: आईस्टॉक
अनुमान है कि 2050 तक देश में बुजुर्गों की आबादी बढ़कर 34.7 करोड़ पर पहुंच जाएगी; फोटो: आईस्टॉक
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प्रदूषण के मामले में आज लगातार दूसरे दिन बिहार का सिवान अव्वल रहा। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 20 मई 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक सिवान में 30 अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 338 पर पहुंच गया है।

मतलब की हवा में घुला जहर लोगों को बीमार बना देने के लिए काफी है। बता दें कि इस दौरान सिवान की हवा में प्रदूषण के महीन कण पीएम2.5 हावी हैं।

वहीं प्रदूषण के मामले में आज गुरूग्राम दूसरे स्थान पर है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 288 रिकॉर्ड किया गया। वहां इस दौरान पीएम10 से स्थिति खराब है। राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण में मामूली इजाफा हुआ है, जहां तीन अंकों के उछाल के साथ एक्यूआई 204 पर पहुंच गया। दिल्ली में ओजोन के कण हावी रहे। बता दें कि दिल्ली-गुरुग्राम में वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है।

इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में बद्दी (185) चौथे, जबकि मुजफ्फरनगर (179) पांचवें स्थान पर है। चंडीगढ़ में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 170 दर्ज किया गया है।

लुधियाना (162) सातवें जबकि गाजियाबाद (157) आठवें स्थान पर है। देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में मंडी गोबिंदगढ़ (156) और पटियाला (155) भी शामिल हैं।

विश्लेषण से पता चला है कि आज देश के जहां 29 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 22 फीसदी में स्थिति संतोषजनक है। दूसरी तरफ देश के करीब 49 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं।

वहीं दूसरी तरफ आज आइजोल की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 19 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर सिवान की तुलना आइजोल से करें तो वहां स्थिति 17 गुणा खराब है।

आइजोल की तरह ही देश के 61 अन्य शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में गंगटोक, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, हल्दिया, हावड़ा, हुबली, कलबुर्गी, कोलकाता, लातूर, मदुरै, मोतिहारी, मुंगेर, मैसूर, नगांव, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, नलबाड़ी, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनगर, सहरसा, शिलांग, शिवमोगा, शिवसागर, श्री विजया पुरम, सुआकाती, सूरत, तालचेर, तिरुवनंतपुरम, तिरुमाला, तिरुनेलवेली आदि शामिल हैं।

अच्छी खबर यह है कि कल से साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब नौ फीसदी का इजाफा हुआ है।

रुझानों से पता चला है कि देश में जहां बद्दी, गाजियाबाद, मेरठ, भोपाल आदि शहरों में ओजोन से स्थिति चिंताजनक है। वहीं मुजफ्फरनगर, लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़, पटियाला, जलगांव आदि शहरों में प्रदूषण के महीन कण पीएम2.5 हावी रहे। इसी तरह श्रीगंगानगर, जालंधर, अमृतसर, पाली, भिवाड़ी, ग्रेटर नोएडा, हनुमानगढ़, खुर्जा, ग्वालियर, आगरा आदि में पीएम10 से स्थिति बिगड़ चुकी है।

अगरतला सहित देश के 103 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।

इन शहरों में गया, गुवाहाटी, हापुड, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जैसलमेर, जालौर, झालावाड़, झांसी, जोधपुर, कडपा, कल्याण, कांचीपुरम, कानपुर, करौली, काशीपुर, क्योंझर, कोहिमा, कोल्हापुर, कोप्पल, कोरबा, कोटा, कुंजेमुरा, महाड, मालेगांव, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नागपुर, नमक्कल, नांदेड़, नंदेसरी, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पंचगांव, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, ऋषिकेश, राउरकेला, सागर, सलेम, सांगली, सिलचर, सिलीगुड़ी आदि शामिल हैं।

कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में एक फीसदी का मामूली इजाफा हुआ है।

आंकड़ों के मुताबिक धौलपुर सहित देश के 44 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में भरतपुर, भिवाड़ी, भोपाल, बीकानेर, बुलन्दशहर, चंडीगढ़, चेन्नई, चुरू, दौसा, देहरादून, धनबाद, धौलपुर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, इंफाल, जयपुर, जालंधर, जलगांव, झुंझुनूं, कटनी, खन्ना, खुर्जा आदि शामिल हैं। कल से देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब पांच फीसदी का इजाफा हुआ है।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 212 में से 62 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। 103 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 19 मई 2025 को यह आंकड़ा 102 दर्ज किया गया था।

44 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में सिवान (338) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 310 के करीब पहुंच गया। कल भी सिवान में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 308 रिकॉर्ड किया गया।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है। इसके साथ ही तीन अंकों के उछाल के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 204 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता मध्यम से खराब श्रेणी में पहुंच गई है। वहीं आज एक बार फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।

गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज बद्दी चौथे स्थान पर है, वहीं गुरूग्राम (288) दूसरे, जबकि दिल्ली (204) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 124, गाजियाबाद में 157, गुवाहाटी में 53, गुरूग्राम में 288, नोएडा में 153, ग्रेटर नोएडा में 128 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 87 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 107, चेन्नई में 106, चंडीगढ़ में 170, हैदराबाद में 71, जयपुर में 109 और पटना में 79 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 62 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अहमदनगर, आइजोल, अरियालूर, आसनसोल, बारबिल, बारीपदा, बैरकपुर, बेलगाम, भागलपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, बिलासपुर, बक्सर, चामराजनगर, छाल, चिकबलपुर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, दावनगेरे, डिंडीगुल, दुर्गापुर, गंगटोक, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, हल्दिया, हावड़ा, हुबली, कलबुर्गी, कोलकाता, लातूर, मदुरै, मोतिहारी, मुंगेर, मैसूर, नगांव, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, नलबाड़ी, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनगर, सहरसा, शिलांग, शिवमोगा, शिवसागर, श्री विजया पुरम, सुआकाती, सूरत, तालचेर, तिरुवनंतपुरम, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, वेल्लोर, विजयपुरा, विरुधुनगर, विशाखापत्तनम, यादगीर शामिल हैं।

वहीं अगरतला, अहमदाबाद, अजमेर, अकोला, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र), अंगुल, अंकलेश्वर, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बालासोर, बांसवाड़ा, बारां, बरेली, बाड़मेर, बेलापुर, बेंगलुरु, बेतिया, भिवंडी, भुवनेश्वर, बिहार शरीफ, बिलीपाड़ा, बोईसर, ब्रजराजनगर, बूंदी, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, दमोह, डूंगरपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गुवाहाटी, हापुड, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जैसलमेर, जालौर, झालावाड़, झांसी, जोधपुर, कडपा, कल्याण, कांचीपुरम, कानपुर, करौली, काशीपुर, क्योंझर, कोहिमा, कोल्हापुर, कोप्पल, कोरबा, कोटा, कुंजेमुरा, महाड, मालेगांव, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नागपुर, नमक्कल, नांदेड़, नंदेसरी, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पंचगांव, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, ऋषिकेश, राउरकेला, सागर, सलेम, सांगली, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, सोलापुर, टेन्सा, ठाणे, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, टोंक, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, वाराणसी, वातवा, विजयवाड़ा, विरार, वृंदावन आदि 103 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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