प्रदूषण में अव्वल रहा सिंगरौली, दिल्ली सहित 22 शहरों में दमघोंटू बनी हुई है हवा

वहीं दूसरी तरफ मदुरै में हवा सबसे ज्यादा साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 18 दर्ज किया गया है
सिर्फ बड़े शहरों की समस्या नहीं रहा वायु प्रदूषण; फोटो: विकास चौधरी/सीएसई
सिर्फ बड़े शहरों की समस्या नहीं रहा वायु प्रदूषण; फोटो: विकास चौधरी/सीएसई
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देश में कल से प्रदूषण में मामूली गिरावट जरूर आई है, लेकिन इसके बावजूद दिल्ली-सिंगरौली सहित कई शहरों में स्थिति दमघोंटू बनी हुई है। आंकड़ों पर नजर डालें तो इन शहरों में सिंगरौली की स्थिति सबसे खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 290 पर पहुंच गया है।

वहीं दिल्ली में भी स्थिति 'खराब' बनी हुई है, जहां एक्यूएआई का 277 बना हुआ है। हालांकि कल की तुलना में प्रदूषण में बेहद मामूली गिरावट जरूर आई है।

इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में मुंगेर (252), सोनीपत (249), हनुमानगढ़ (248), गाजियाबाद (243), भिवानी (233), मंडी गोबिंदगढ़ (230), बद्दी (228) और पानीपत (227) शामिल हैं। वहीं कुल मिलकर देश के 22 शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है। हालांकि कल से इन शहरों की संख्या में चार फीसदी की गिरावट जरूर आई है।

गौरतलब है कि देश में 'खराब' वायु गुणवत्ता वाले शहरों में कुरूक्षेत्र, रोहतक, आसनसोल, भिवाड़ी, हाजीपुर, गुरूग्राम, भागलपुर, हिसार, राजसमंद, चरखी दादरी, नोएडा और पटना शामिल हैं। 

वहीं दूसरी तरफ मदुरै में हवा सबसे ज्यादा साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 18 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर की तुलना मदुरै से करें तो स्थिति 16 गुणा ज्यादा खराब है।

आंकड़ों के मुताबिक देश के छोटे बड़े 65 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है। इन शहरों में सलेम, शिवमोगा, सोलापुर, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, उडुपी, उल्हासनगर, वापी, वेल्लोर, विजयपुरा, विजयवाड़ा आदि शहर शामिल थे। वहीं कल की तुलना में देखें तो देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों में करीब सात फीसदी का इजाफा हुआ है।

ताजा रुझानों से पता चला है कि देश में अजमेर सहित 80 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। इन शहरों में किशनगंज, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, मालेगांव, मोतिहारी, मुंबई, नागपुर, नासिक, नवी मुंबई, ऊटी, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रयागराज, पुदुचेरी, पूर्णिया, रायपुर आदि शहर शामिल थे। आंकड़ों के मुताबिक कल की तुलना में इन शहरों की संख्या में छह फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।

दिल्ली के पड़ोसी शहर फरीदाबाद से जुड़े आंकड़ों को देखें तो कल से प्रदूषण के स्तर में 49 अंकों की गिरावट आई है। हालांकि वहां अभी भी वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम बना हुआ है। इसी तरह देश के छोटे बड़े 78 अन्य शहरों में भी वायु गुणवत्ता की स्थिति मध्यम बनी हुई है।

इन शहरों में आगरा, अहमदाबाद, अम्बाला, अमृतसर, अररिया, औरंगाबाद (बिहार), बागपत, बहादुरगढ़, बारां, बारबिल, बाड़मेर, बैरकपुर, बेगूसराय, बिहारशरीफ, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बुलन्दशहर, बक्सर, बर्नीहाट, चंडीगढ़, छपरा, चित्तौड़गढ़, दमोह, दौसा, देहरादून, दुर्गापुर, फरीदाबाद, गया, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, ग्वालियर, हापुड, हावड़ा, इंफाल, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जालौर, झुंझुनूं, जोधपुर, कानपुर, करौली, करनाल, काशीपुर, कटिहार, कटनी, खन्ना, खुर्जा, कोटा, कुंजेमुरा, लखनऊ, लुधियाना, मंडीदीप, मांडीखेड़ा, मानेसर, मंगुराहा, मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नागौर, नलबाड़ी, नारनौल, पाली, पलवल, पंचकुला, पटियाला, राउरकेला, रूपनगर, सहरसा, समस्तीपुर, सीकर, सिवान, तालचेर, टोंक, उदयपुर, उज्जैन, वृंदावन, यमुनानगर शामिल हैं।

वहीं कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में दस फीसदी से ज्यादा गिरावट दर्ज की गई है।

कुल मिलकर आंकड़ों पर नजर डालें तो देश में कल से वायु प्रदूषण की स्थिति में मामूली सुधार जरूर आया है। इसी का नतीजा है कि देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या 26 फीसदी पर पहुंच गई। वहीं करीब 33 फीसदी शहरों में प्रदूषण का स्तर संतोषजनक बना हुआ है, जबकि 41 फीसदी से ज्यादा शहरों में हालात चिंताजनक हैं।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 20 अक्टूबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 246 में से 65 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 80 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 19 अक्टूबर 2024 यह आंकड़ा 85 दर्ज किया गया था। 79 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में सिंगरौली (290) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के करीब पहुंच गया है। यदि दिल्ली (277) की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कल से एक अंक की गिरावट आई है।

दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 143, गाजियाबाद में 243, गुरुग्राम में 219, नोएडा में 206, ग्रेटर नोएडा में 124 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 76 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 139, चेन्नई में 51, चंडीगढ़ में 164, हैदराबाद में 67, जयपुर में 161 और पटना में 204 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ

देश के जिन 65 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अहमदनगर, आइजोल, अकोला, अमरावती, अमरावती, अंकलेश्वर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बागलकोट, बठिंडा, बेलगाम, बेंगलुरु, भिवंडी, भुवनेश्वर, बीदर, बोईसर, चामराजनगर, चंद्रपुर, चिकबलपुर, कोयंबटूर, डिंडीगुल, गडग, गंगटोक, हसन, हुबली, जलगांव, जलना, कलबुर्गी, कल्याण, करूर, कोल्लम, कोप्पल, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मैसूर, नगांव, नागपट्टिनम, नांदेड़, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पुणे, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रामनाथपुरम, रानीपेट, सलेम, शिवमोगा, सोलापुर, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, उडुपी, उल्हासनगर, वापी, वेल्लोर, विजयपुरा, विजयवाड़ा, विरार शामिल रहे।

वहीं अगरतला, अजमेर, अलवर, अनंतपुर, अंगुल, अरियालूर, बालासोर, बांसवाड़ा, बरेली, बारीपदा, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भोपाल, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, ब्यासनगर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छाल, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, कटक, देवास, धारवाड़, धौलपुर, धुले, डूंगरपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, हल्दिया, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, झालावाड़, झांसी, क्योंझर, किशनगंज, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, मालेगांव, मोतिहारी, मुंबई, नागपुर, नासिक, नवी मुंबई, ऊटी, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रयागराज, पुदुचेरी, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, रतलाम, ऋषिकेश, सागर, सासाराम, सतना, सवाई माधोपुर, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, सुआकाती, सूरत, टेन्सा, ठाणे, तिरुपति, तिरुपुर, तुमकुरु, वाराणसी, वातवा, विशाखापत्तनम आदि 80 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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