बढ़ते प्रदूषण से क्योंझर में जानलेवा हुए हालात, थूथुकुडी में भी दमघोंटू है वायु गुणवत्ता

दूसरी तरफ देश में आइजोल की हवा सबसे ज्यादा साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक का स्तर 14 दर्ज किया गया है
देश के कई शहरों  में वायु गुणवत्ता न केवल इंसानों बल्कि दूसरे जीवों के लिए भी सुरक्षित नहीं है; फोटो: सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई)
देश के कई शहरों में वायु गुणवत्ता न केवल इंसानों बल्कि दूसरे जीवों के लिए भी सुरक्षित नहीं है; फोटो: सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई)
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देश के बाकी सभी शहरों को पीछे छोड़ क्योंझर में हालत जानलेवा हो गए हैं, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 300 के पार पहुंच गया है। मतलब की वहां हवा में घुला जहर लोगों की जान लेने के लिए काफी है। इसी तरह थूथुकुडी में भी प्रदूषण से हवा दमघोंटू हो गई है। जहां एक्यूआई 213 दर्ज किया गया है।

इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में जलना, परभनी, मंडी गोबिंदगढ़, ग्रेटर नोएडा, बिहारशरीफ, बक्सर, रायचुर, रूपनगर शामिल थे।

वहीं दूसरी तरफ देश में आइजोल की हवा सबसे ज्यादा साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक का स्तर 14 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि क्योंझर की हवा में घुले जहर की तुलना आइजोल से करें तो वहां स्थिति 21 गुणा खराब है। आइजोल की तरह ही देश के 107 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है।

इन शहरों में कटक, दमोह, दावनगेरे, धौलपुर, एलूर, फतेहाबाद, फिरोजाबाद, गडग, गया, ग्वालियर, हापुड, हिसार, हुबली, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जोधपुर, कांचीपुरम, करौली, करनाल, कटिहार, कटनी, कोहिमा, कोलार, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोरबा, लातूर, मदिकेरी, मंडीदीप, मांडीखेड़ा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मैसूर, नगांव, नागपुर, नाहरलगुन, नलबाड़ी, नांदेड़, नयागढ़, पंचकुला, पटियाला, प्रयागराज, पुदुचेरी, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, रोहतक, सलेम, सांगली, सासाराम, सवाई माधोपुर, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, सोनीपत, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुपति, तिरुपुर, उडुपी, वातवा, विजयपुरा आदि शामिल रहे।

कल की तुलना में देखें तो देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में कोई बदलाव नहीं हुआ है, और इन शहरों की संख्या जस की तस बनी हुई है। राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों को देखें तो कल से प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है।

इसके बाद वायु गुणवत्ता सूचकांक सात अंकों की गिरावट के साथ 64 पर पहुंच गया है। ऐसा ही कुछ फरीदाबाद में भी देखने को मिला, जहां एक्यूआई दो अंकों के सुधार के साथ घटकर 64 पर पहुंच गया है। बता दें कि इन दोनों ही शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है।

दिल्ली, फरीदाबाद की तरह ही देश के 109 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक दर्ज किया गया है। हालांकि कल की तुलना में देखें तो इन शहरों की संख्या में चार फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

देश में गुवाहाटी, हाजीपुर, हल्दिया, हावड़ा, हैदराबाद, जालौर, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, जींद, कडपा, कैथल, कलबुर्गी, कल्याण, कानपुर, काशीपुर, खन्ना, खुर्जा, कोटा, कुरूक्षेत्र, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मालेगांव, मानेसर, मंगलौर, मेरठ, मोतिहारी, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नागौर, नारनौल, नासिक, नवी मुंबई, नोएडा, पलवल, पानीपत, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, रतलाम, राउरकेला, सागर, सहरसा, सतना, सिंगरौली, सिरसा, शिवसागर, सिवान, सोलापुर, सूरत, ठाणे, उदयपुर, उज्जैन आदि शहर में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।

वहीं देश के दस शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम बनी हुई है। इन शहरों में बिहारशरीफ, बक्सर, ग्रेटर नोएडा, इंफाल, जलना, मंडी गोबिंदगढ़, परभनी, रायचुर, रूपनगर, तुमकुरु, आदि शहर शामिल थे। कल की तुलना में देखें तो इन शहरों की संख्या में 11 फीसदी का इजाफा हुआ है।

आंकड़ों के मुताबिक देश के करीब 47 फीसद शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है, जबकि 48 फीसदी में स्थिति संतोषजनक है। वहीं पांच फीसदी से अधिक क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता का स्तर प्रदूषण के लिहाज से चिंताजनक है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 16 अगस्त 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 231 में से 108 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 111 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 15 अगस्त 2024 यह आंकड़ा 116 दर्ज किया गया था। 10 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

दूसरे शहरों की तुलना में क्योंझर (302) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 320 के करीब पहुंच गया है। यदि दिल्ली (64) की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' श्रेणी में बनी हुई है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कल से सात अंकों की गिरावट आई है।

दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 64, गाजियाबाद में 68, गुरुग्राम में 82, नोएडा में 63, ग्रेटर नोएडा में 121 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 44 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'बेहतर' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 60, चेन्नई में 62, चंडीगढ़ में 70, हैदराबाद में 72, जयपुर में 49 और पटना में 94 दर्ज किया गया।

इन शहरों की हवा रही सबसे साफ

देश के जिन 108 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, आगरा, आइजोल, अजमेर, अलवर, अमरावती, अमरावती, अंकलेश्वर, अरियालूर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बागपत, बहादुरगढ़, बारां, बारबिल, बरेली, बाड़मेर, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भुवनेश्वर, बीकानेर, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, बूंदी, ब्यासनगर, चामराजनगर, चंद्रपुर, चरखी दादरी, चिकबलपुर, कुड्डालोर, कटक, दमोह, दावनगेरे, धौलपुर, एलूर, फतेहाबाद, फिरोजाबाद, गडग, गया, ग्वालियर, हापुड, हिसार, हुबली, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जोधपुर, कांचीपुरम, करौली, करनाल, कटिहार, कटनी, कोहिमा, कोलार, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोरबा, लातूर, मदिकेरी, मंडीदीप, मांडीखेड़ा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मैसूर, नगांव, नागपुर, नाहरलगुन, नलबाड़ी, नांदेड़, नयागढ़, पंचकुला, पटियाला, प्रयागराज, पुदुचेरी, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, रोहतक, सलेम, सांगली, सासाराम, सवाई माधोपुर, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, सोनीपत, तालचेर, टेन्सा, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, तिरुपति, तिरुपुर, उडुपी, वातवा, विजयपुरा, विजयवाड़ा, यादगीर, यमुनानगर शामिल रहे।

वहीं अहमदाबाद, अकोला, अम्बाला, अमृतसर, अंगुल, अररिया, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), बद्दी, बदलापुर, बागलकोट, बालासोर, बल्लभगढ़, बांसवाड़ा, बारीपदा, बठिंडा, बेगूसराय, बेलापुर, बेलगाम, बेंगलुरु, भागलपुर, भिवाड़ी, भिवंडी, भिवानी, भोपाल, बिलीपाड़ा, बोईसर, बर्नीहाट, चंडीगढ़, चेन्नई, छाल, छपरा, चिक्कामगलुरु, चुरू, दिल्ली, देवास, धारवाड़, डिंडीगुल, डूंगरपुर, दुर्गापुर, फरीदाबाद, गांधीनगर, गाजियाबाद, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, गुवाहाटी, हाजीपुर, हल्दिया, हावड़ा, हैदराबाद, जालौर, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, जींद, कडपा, कैथल, कलबुर्गी, कल्याण, कानपुर, काशीपुर, खन्ना, खुर्जा, कोटा, कुरूक्षेत्र, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मालेगांव, मानेसर, मंगलौर, मेरठ, मोतिहारी, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नागौर, नारनौल, नासिक, नवी मुंबई, नोएडा, पलवल, पानीपत, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, रतलाम, राउरकेला, सागर, सहरसा, सतना, सिंगरौली, सिरसा, शिवसागर, सिवान, सोलापुर, सूरत, ठाणे, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वापी, वाराणसी, विरार, विशाखापत्तनम, वृंदावन आदि 111 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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