
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 23 अगस्त 2025 को जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि देश के जहां 64 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 33 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 3 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज हवा साफ है।
आंकड़ों से पता चला है कि आज देश में नंदेसरी की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 65 अंकों के उछाल के साथ बढ़कर 193 तक पहुंच गया। इस दौरान नंदेसरी की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी थे। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी मानकों के लिहाज से देखें तो वहां प्रदूषण का स्तर तय सुरक्षित सीमा से 1,180 फीसदी अधिक है।
मतलब की वहां की हवा में घुला जहर लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।
गौरतलब है कि कल ग्रेटर नोएडा में प्रदूषण से स्थिति सबसे ज्यादा खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 144 तक पहुंच गया। हालांकि आज इसमें 16 अंकों का सुधार आया है। दूसरी तरफ आज देश में भिलाई की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 14 रिकॉर्ड किया गया।
ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर नंदेसरी की तुलना भिलाई से करें तो वहां स्थिति 13 गुणा खराब है।
प्रदूषण के मामले में आज ग्रेटर नोएडा (128) दूसरे स्थान पर है, जहां पीएम10 हावी है। वहीं औरंगाबाद (बिहार) जो आज तीसरे स्थान पर है, वहां एक्यूआई 117 रिकॉर्ड किया गया है। 115 अंकों के साथ विशाखापत्तनम चौथे जबकि छपरा (114) पांचवें स्थान पर है। इसी तरह देश के सबसे प्रदूषित शहरों में कानपुर (107) और बरेली (103) भी शामिल हैं।
इस दौरान जहां ग्रेटर नोएडा, औरंगाबाद (बिहार), विशाखापत्तनम में पीएम10 हावी था। वहीं नंदेसरी में पीएम2.5 से स्थिति चिंताजनक है। इसी तरह कई शहरों में ओजोन, कार्बन आदि प्रदूषकों से स्थिति खराब बनी हुई है।
इन शहरों के उलट आज भिलाई सहित 145 शहरों में हवा साफ बनी हुई है। इन शहरों में गोरखपुर, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हापुड, होसुर, हावड़ा, हुबली, इंदौर, जबलपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जलना, जालौर, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, जोरापोखर, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, करौली, कारवार, काशीपुर, कटनी, क्योंझर, खन्ना, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, कुंजेमुरा, लखनऊ, लुधियाना, मदिकेरी, महाड, मालेगांव, मंडीदीप, मंगुराहा, मिलुपारा, मीरा-भायंदर आदि शामिल हैं।
अच्छी खबर यह है कि देश में कल से साफ हवा वाले शहरों की गिनती में नौ फीसदी का इजाफा हुआ है। राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता मध्यम से संतोषजनक श्रेणी में पहुंच गई है।
रुझानों में यह भी सामने आया है कि आज देश में 33 फीसदी यानी 76 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। इन शहरों में भागलपुर, भिवाड़ी, बीकानेर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, ब्यासनगर, बर्नीहाट, चंडीगढ़, चेंगलपट्टू, चेन्नई, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दिल्ली, धनबाद, धौलपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गाजियाबाद, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, हल्दिया, हनुमानगढ़, हैदराबाद, जयपुर, झालावाड़, कडपा, कन्नूर, कटिहार, खुर्जा, कोहिमा, कोल्लम, कोटा, मदुरै, मंडी गोबिंदगढ़, मंगलौर, मेरठ, मुरादाबाद आदि शामिल हैं।
चिंता की बात यह है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में छह फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
दूसरी तरफ आज देश के महज सात शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में औरंगाबाद (बिहार), बरेली, छपरा, ग्रेटर नोएडा, कानपुर, नंदेसरी, विशाखापत्तनम शामिल हैं। अच्छी खबर यह है कि कल से देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 56 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 228 में से 145 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 76 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 22 अगस्त 2025 को यह आंकड़ा 81 दर्ज किया गया था।
7 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में नंदेसरी (193) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 200 के करीब पहुंच गया। कल ग्रेटर नोएडा में वायु गुणवत्ता सूचकांक 144 रिकॉर्ड किया गया।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है। इसके साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक सुधरकर 97 पर पहुंच गया। मलतब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता मध्यम से संतोषजनक श्रेणी में पहुंच गई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
गौरतलब है कि पिछले दो-तीन महीनों में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता ज्यादातर दिन संतोषजनक रही। वहीं जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज विशाखापत्तनम चौथे स्थान पर है, वहीं ग्रेटर नोएडा (128) दूसरे, जबकि औरंगाबाद (बिहार) (117) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 50, गाजियाबाद में 93, गुवाहाटी में 40, गुरूग्राम में 81, नोएडा में 100, ग्रेटर नोएडा में 128 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 46 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘बेहतर‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 47, चेन्नई में 57, चंडीगढ़ में 58, हैदराबाद में 71, जयपुर में 55 और पटना में 53 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 145 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, अहमदाबाद, अहमदनगर, अजमेर, अकोला, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र), अरियालूर, आरा, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बागलकोट, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बारीपदा, बाड़मेर, बैरकपुर, बठिंडा, बेलापुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बोईसर, बूंदी, चामराजनगर, चंद्रपुर, चिकबलपुर, चित्तौड़गढ़, चुरू, कटक, दमोह, दौसा, दावनगेरे, देवास, धुले, डिंडीगुल, डूंगरपुर, दुर्गापुर, गांधीनगर, गंगटोक, गया, गोरखपुर, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हापुड, होसुर, हावड़ा, हुबली, इंदौर, जबलपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जलना, जालौर, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, जोरापोखर, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, करौली, कारवार, काशीपुर, कटनी, क्योंझर, खन्ना, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, कुंजेमुरा, लखनऊ, लुधियाना, मदिकेरी, महाड, मालेगांव, मंडीदीप, मंगुराहा, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, नागपट्टिनम, नागपुर, नाहरलगुन, नलबाड़ी, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, परभनी, पटियाला, पेरुंदुरई, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, रामनाथपुरम, रतलाम, ऋषिकेश, राउरकेला, सागर, सलेम, सांगली, सवाई माधोपुर, शिलांग, शिवमोगा, सीकर, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, सिरोही, शिवसागर, सिवान, सोलापुर, सुआकाती, सूरत, टेन्सा, ठाणे, तंजावुर, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, टोंक, तुमिडीह, उदयपुर, उल्हासनगर, वाराणसी, वेल्लोर, विजयपुरा, विरार, वृंदावन, यादगीर, शामिल हैं।
वहीं आगरा, अलवर, अमृतसर, अंगुल, अंकलेश्वर, बद्दी, बदलापुर, बालासोर, बेगूसराय, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भिवाड़ी, बीकानेर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, ब्यासनगर, बर्नीहाट, चंडीगढ़, चेंगलपट्टू, चेन्नई, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दिल्ली, धनबाद, धौलपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गाजियाबाद, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, हल्दिया, हनुमानगढ़, हैदराबाद, जयपुर, झालावाड़, कडपा, कन्नूर, कटिहार, खुर्जा, कोहिमा, कोल्लम, कोटा, मदुरै, मंडी गोबिंदगढ़, मंगलौर, मेरठ, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नगांव, नागौर, नांदेड़, नोएडा, ऊटी, पाली, पंचगांव, पटना, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, रानीपेट, रूपनगर, समस्तीपुर, श्री गंगानगर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुपुर, वातवा, विजयवाड़ा, विरुधुनगर आदि 76 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।