
रुझानों से पता चला है कि देश में आज राजस्थान के बीकानेर शहर की हवा सबसे प्रदूषित रही। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 09 मई 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक बीकानेर में वायु गुणवत्ता सूचकांक 251 दर्ज किया गया है। इस दौरान बीकानेर में प्रदूषण के महीन कण पीएम10 हावी रहे।
वहीं कल अगरतला की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जब एक्यूआई बढ़कर 300 के पार पहुंच गया था। हालांकि कल से अगरतला की हवा में 124 अंकों का सुधार आया है। इसे साथ ही वहां सूचकांक बेहद खराब से मध्यम श्रेणी में पहुंच गया।
बीकानेर की तरह ही आज नगांव में हवा खराब बनी हुई है, जहां एक्यूआई 214 रिकॉर्ड किया गया है। वहीं वायु गुणवत्ता में सुधार के बाद प्रदूषण के मामले में अगरतला तीसरे स्थान पर पहुंच गया। अगरतला में एक्यूआई 178 दर्ज किया गया है। हाजीपुर में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो आज देश का चौथा सबसे प्रदूषित शहर है। वहां भी एक्यूआई 178 रिकॉर्ड किया गया है।
प्रदूषण के मामले में बिहार का पटना शहर पांचवें स्थान पर है, जहां पीएम2.5 और पीएम10 के महीन कण हावी रहे। पटना में एक्यूआई 169 दर्ज किया गया है। बता दें कि कल की तरह आज भी अगरतला की हवा में ओजोन का स्तर अधिक है।
प्रदूषण के मामले में झुंझुनूं (167) छठे, जबकि दुर्गापुर (165) सातवें स्थान पर है। वहीं देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में सुआकाती, जैसलमेर और बद्दी भी शामिल हैं।
विश्लेषण से पता चला है कि आज देश के 15 फीसदी शहरों में हवा साफ रही। वहीं दूसरी तरफ 24 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। इसी तरह करीब 61 फीसदी शहरों में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है।
राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण में गिरावट आई है।
हालांकि इसके बावजूद दिल्ली में वायु गुणवत्ता अभी भी माध्यम श्रेणी में बनी हुई है। दिल्ली की तरह ही देश के 49 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में बेगूसराय, भिवाड़ी, भुवनेश्वर, बुलन्दशहर, ब्यासनगर, बर्नीहाट, छपरा, चित्तौड़गढ़, दौसा, दिल्ली, धुले, दुर्गापुर, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, हाजीपुर, हापुड, इंफाल, जयपुर, जैसलमेर, जालौर, झुंझुनूं, जोधपुर, क्योंझर, खुर्जा, कोरबा, लखनऊ आदि शामिल हैं।
कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 28 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
वहीं दूसरी तरफ आज दमोह की हवा सबसे साफ रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 23 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बीकानेर की तुलना दमोह से करें तो वहां स्थिति करीब 10 गुणा खराब है।
दमोह की तरह ही देश के 33 शहरों में आज हवा साफ है। इन शहरों में बूंदी, चामराजनगर, छाल, चिकबलपुर, कुड्डालोर, दमोह, दावनगेरे, होसुर, हुबली, झालावाड़, झांसी, कडपा, कोल्हापुर, मदिकेरी, नासिक, राजसमंद, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सागर, शिवमोगा आदि शामिल हैं। कल से देखें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 23 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है, जोकि बेहद चिंताजनक है।
रुझानों में यह भी सामने आया है कि अहमदाबाद सहित देश के 131 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। इन शहरों में काशीपुर, कटिहार, कटनी, खन्ना, किशनगंज, कोहिमा, कोलकाता, कोप्पल, कोटा, कुंजेमुरा, लातूर, लुधियाना, मदुरै, महाड, मैहर, मालेगांव, मंगलौर, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागपट्टिनम, नागपुर, नलबाड़ी, नमक्कल, नांदेड़, नंदेसरी, नवी मुंबई, नयागढ़, पाली, पंचगांव, परभनी, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुडुकोट्टई, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, रतलाम, सहरसा, सलेम आदि शामिल हैं।
साफ हवा वाले शहरों की तरह ही देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में भी सात फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 216 में से 33 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। 131 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 08 मई 2025 को यह आंकड़ा 141 दर्ज किया गया था।
50 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में बीकानेर (251) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 260 के करीब पहुंच गया। कल अगरतला में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 302 रिकॉर्ड किया गया।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है। इसके साथ ही 18 अंकों की गिरावट के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 151 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता अभी भी मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। वहीं आज एक बार फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज हाजीपुर चौथे स्थान पर है, वहीं नगांव (214) दूसरे, जबकि अगरतला (178) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 73, गाजियाबाद में 116, गुवाहाटी में 69, गुरूग्राम में 128, नोएडा में 116, ग्रेटर नोएडा में 117 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 54 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 118, चेन्नई में 78, चंडीगढ़ में 92, हैदराबाद में 74, जयपुर में 107 और पटना में 169 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 33 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अहमदनगर, अरियालूर, बेलापुर, बेलगाम, बोईसर, बूंदी, चामराजनगर, छाल, चिकबलपुर, कुड्डालोर, दमोह, दावनगेरे, होसुर, हुबली, झालावाड़, झांसी, कडपा, कोल्हापुर, मदिकेरी, नासिक, राजसमंद, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सागर, शिवमोगा, सिरोही, ठाणे, तंजावुर, तिरुनेलवेली, वापी, विजयपुरा, विरार, वृंदावन शामिल हैं।
वहीं आगरा, अहमदाबाद, आइजोल, अजमेर, अकोला, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र), अनंतपुर, अंकलेश्वर, अररिया, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बालासोर, बारां, बरेली, बारीपदा, बैरकपुर, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, ब्रजराजनगर, बक्सर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चेन्नई, चित्तूर, चुरू, कोयंबटूर, कटक, देवास, धारवाड़, धौलपुर, डिंडीगुल, डूंगरपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गंगटोक, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, ग्वालियर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, कलबुर्गी, कल्याण, कन्नूर, कानपुर, करौली, काशीपुर, कटिहार, कटनी, खन्ना, किशनगंज, कोहिमा, कोलकाता, कोप्पल, कोटा, कुंजेमुरा, लातूर, लुधियाना, मदुरै, महाड, मैहर, मालेगांव, मंगलौर, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नागपट्टिनम, नागपुर, नलबाड़ी, नमक्कल, नांदेड़, नंदेसरी, नवी मुंबई, नयागढ़, पाली, पंचगांव, परभनी, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुडुकोट्टई, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, रतलाम, सहरसा, सलेम, सांगली, सतना, सीकर, सिलचर, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सोलापुर, टेन्सा, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुपति, तुमिडीह, उदयपुर, उल्हासनगर, वाराणसी, वातवा, विजयवाड़ा, विरुधुनगर, विशाखापत्तनम, यादगीर आदि 131 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।