प्रदूषण के मामले में मंडी गोबिंदगढ़ अव्वल है, जहां हवा में घुला जहर लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है। गौरतलब है कि मंडी गोबिंदगढ़ में वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई बढ़कर 255 पर पहुंच गया है। इसी तरह बर्नीहाट (211) में भी स्थिति दमघोंटू बनी हुई है।
वहीं दूसरी तरफ एक बार फिर देश में पालकालाइपेरुर की हवा सबसे स्वच्छ रही, जहां एक्यूआई 11 दर्ज किया गया है। ऐसे में देश के सबसे प्रदूषित शहर मंडी गोबिंदगढ़ की तुलना पालकालाइपेरुर से करें तो स्थिति 23 गुणा ज्यादा खराब है।
बर्नीहाट-मंडी गोबिंदगढ़ की तरह ही देश के जिन दस शहरों में वायु गुणवत्ता सबसे खराब है, उनमें गाजियाबाद, बिलीपाड़ा, दुर्गापुर, बुलन्दशहर, धौलपुर, हापुड, मुजफ्फरनगर, अमृतसर शामिल थे। कुल मिलाकर देखें तो देश के करीब 22 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता का स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी ताजा रुझानों के मुताबिक देश के 61 शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है। इन शहरों में गंगटोक, हसन, हुबली, झांसी, कडपा, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कारवार, कटिहार, कोलार, कोप्पल, मदिकेरी, मंगलौर, मोतिहारी, मुंगेर, मैसूर, नाहरलगुन, नयागढ़ आदि शहर शामिल थे। हालांकि कल के मुकाबले देखें तो देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 37 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर गौर करें तो कल से प्रदूषण की स्थिति में इजाफा हुआ है। दिल्ली में 24 अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 151 पर पहुंच गया है।
इसी तरह फरीदाबाद में भी प्रदूषण के स्तर में कल से 12 अंकों का उछाल आया है। हालांकि फरीदाबाद में अभी भी वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। वहीं दूसरी तरफ दिल्ली की वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बरकरार है।
रिपोर्ट के मुताबिक देश में फरीदाबाद की तरह ही 132 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। इन शहरों में मालेगांव, मंडीदीप, मंगुराहा, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागपुर, नलबाड़ी, नांदेड़, नारनौल, नासिक, नवी मुंबई, ऊटी, पाली, पलवल, पंचकुला, पानीपत आदि शहर शामिल थे। वहीं कल से तुलना करें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की संख्या में करीब 13 फीसदी का इजाफा हुआ है।
वहीं दिल्ली की तरह ही देश के 51 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम बनी हुई है।
इन शहरों में अहमदाबाद, अमृतसर, अंकलेश्वर, आसनसोल, बद्दी, बागपत, बहादुरगढ़, बल्लभगढ़, बारबिल, बारीपदा, बेलापुर, भरतपुर, भिवाड़ी, भिवानी, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बोईसर, बुलन्दशहर, ब्यासनगर, चरखी दादरी, छाल, चुरू, दिल्ली, धौलपुर, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हापुड, हावड़ा, जयपुर, झुंझुनूं, कैथल, क्योंझर, खुर्जा, मांडीखेड़ा, मानेसर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, नागौर, नोएडा, रायचुर, राउरकेला, रूपनगर, समस्तीपुर, सवाई धोपुर, सीकर, सिवान, तालचेर आदि शहर शामिल थे।
वहीं कल से तुलना करें तो इन शहरों की संख्या में 73 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है, जो स्पष्ट तौर पर दर्शाता है कि देश में वायु गुणवत्ता धीरे-धीरे खराब हो रही है। कुल मिलाकर देखें तो देश के करीब 25 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है। वहीं 54 फीसदी शहरों में हवा संतोषजनक है, जबकि करीब 22 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा एक अक्टूबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 248 में से 61 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 133 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 30 सितम्बर 2024 यह आंकड़ा 118 दर्ज किया गया था। 52 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।
दूसरे शहरों की तुलना में मंडी गोबिंदगढ़ (255) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के करीब पहुंच गया है। यदि दिल्ली (151) की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में पहुंच गई है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कल से 24 अंकों का उछाल आया है।
दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 88, गाजियाबाद में 170, गुरुग्राम में 106, नोएडा में 148, ग्रेटर नोएडा में 141 पर पहुंच गया है।
देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 66 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 99, चेन्नई में 46, चंडीगढ़ में 85, हैदराबाद में 76, जयपुर में 126 और पटना में 89 दर्ज किया गया।
इन शहरों की हवा रही सबसे साफ
देश के जिन 61 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अमरावती, अरियालूर, बागलकोट, बरेली, बेगूसराय, बेलगाम, भिलाई, बीदर, बिलासपुर, चामराजनगर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छपरा, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, दमोह, दावनगेरे, डिंडीगुल, डूंगरपुर, गडग, गंगटोक, हसन, हुबली, झांसी, कडपा, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कारवार, कटिहार, कोलार, कोप्पल, मदिकेरी, मंगलौर, मोतिहारी, मुंगेर, मैसूर, नाहरलगुन, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, प्रयागराज, पुदुचेरी, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रामनाथपुरम, सहरसा, सलेम, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुनेलवेली, तिरुपति, उडुपी, विजयपुरा, विरुधुनगर, यादगीर शामिल रहे।
वहीं अगरतला, आगरा, आइजोल, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अम्बाला, अनंतपुर, अंगुल, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बालासोर, बांसवाड़ा, बारां, बाड़मेर, बैरकपुर, बठिंडा, बेंगलुरु, भागलपुर, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बिहारशरीफ, ब्रजराजनगर, बूंदी, बक्सर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, कटक, दौसा, देहरादून, देवास, धारूहेड़ा, धारवाड़, धुले, एलूर, फरीदाबाद, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, हाजीपुर, हल्दिया, हिसार, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, जींद, जोधपुर, कल्याण, कानपुर, करनाल, काशीपुर, कटनी, खन्ना, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, कोटा, कुंजेमुरा, कुरूक्षेत्र, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मालेगांव, मंडीदीप, मंगुराहा, मिलुपारा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागपुर, नलबाड़ी, नांदेड़, नारनौल, नासिक, नवी मुंबई, ऊटी, पाली, पलवल, पंचकुला, पानीपत, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुणे, पूर्णिया, रायरंगपुर, राजगीर, राजसमंद, रतलाम, ऋषिकेश, रोहतक, सागर, सासाराम, सतना, सिरसा, सोलापुर, सुआकाती, सूरत, टेन्सा, ठाणे, त्रिशूर, तिरुपुर, तुमकुरु, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वापी, वाराणसी, वातवा, विजयवाड़ा, विरार, विशाखापत्तनम, वृंदावन, यमुनानगर आदि 133 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।