प्रदूषण से हापुड में बिगड़े हाल, दिल्ली, मुजफ्फरनगर, मंडी गोबिंदगढ़ में 200 के पार एक्यूआई

विश्लेषण से पता चला है कि आज देश के जहां महज 11 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 36 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं
बढ़ते प्रदूषण से बिगड़े हालात, बीमार, बुजुर्गों और बच्चों के लिए सांस लेना हुआ दुश्वार; फोटो: आईस्टॉक
बढ़ते प्रदूषण से बिगड़े हालात, बीमार, बुजुर्गों और बच्चों के लिए सांस लेना हुआ दुश्वार; फोटो: आईस्टॉक
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देश में आज उत्तरप्रदेश के हापुड की हवा सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 256 पर पहुंच गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 07 जून 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में मंडी गोबिंदगढ़ दूसरे जबकि मुजफ्फरनगर तीसरे स्थान पर है। बता दें कि मंडी गोबिंदगढ़ में एक्यूआई 244, जबकि मुजफ्फरनगर में 213 दर्ज किया गया है।

राजधानी दिल्ली में भी स्थिति कोई खास अच्छी नहीं है, जहां कल से प्रदूषण के स्तर में 48 अंकों का उछाल आया है। इसके साथ ही दिल्ली में एक्यूआई बढ़कर 209 तक पहुंच गया। दिल्ली प्रदूषण के मामले में चौथे पायदान पर है।

गौरतलब है कि आज देश के इन चार शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' दर्ज की गई है। वहीं कल इन शहरों की गिनती एक दर्ज की गई थी।

इसी तरह प्रदूषण के मामले में गुरूग्राम (195) पांचवें जबकि हाजीपुर (194) छठे स्थान पर है। राजस्थान का भरतपुर भी 189 अंकों के साथ सातवें स्थान पर है। वहीं बद्दी, लुधियाना और दौसा भी देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल हैं।

रुझानों पर नजर डालें तो हापुड, मुजफ्फरनगर, दिल्ली, हाजीपुर, भरतपुर, बद्दी, ऋषिकेश आदि शहरों में ओजोन से स्थिति चिंताजनक है। वहीं गुरूग्राम, दौसा, चुरू, बागपत, झुंझुनूं, कटनी, सीकर, सवाई माधोपुर, ग्रेटर नोएडा, विशाखापत्तनम, पाली आदि में प्रदूषण के महीन कण पीएम10 जबकि मंडी गोबिंदगढ़, लुधियाना, सिंगरौली आदि में पीएम2.5 हावी है।

वहीं दूसरी तरफ आज देश में अगरतला की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई 26 दर्ज किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर हापुड की तुलना अगरतला से करें तो वहां स्थिति नौ गुणा खराब है।

अगरतला की तरह ही देश के आज 24 अन्य शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में हुबली, कांचीपुरम, मदिकेरी, मैहर, मुंगेर, मैसूर, नलबाड़ी, पूर्णिया, शिलांग, सिलचर, सूरत, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली आदि शामिल हैं। राहत की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 19 फीसदी का इजाफा हुआ है।

विश्लेषण से पता चला है कि आज देश के जहां महज 11 फीसदी शहरों  में हवा साफ है। वहीं 53 फीसदी में स्थिति संतोषजनक है, जबकि दूसरी तरफ देश के 36 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं।

आंकड़ों के मुताबिक देश में अहमदाबाद सहित 78 शहरों में हवा मध्यम श्रेणी में है।

इन शहरों में छपरा, चुरू, दमोह, दौसा, धनबाद, डूंगरपुर, दुर्गापुर, गांधीनगर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, गुवाहाटी, हाजीपुर, हनुमानगढ़, इंफाल, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलना, जालौर आदि शहर शामिल हैं। कल से देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 16 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

रुझानों में यह भी सामने आया है कि देश में आगरा सहित 120 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।

इन शहरों में देहरादून, देवास, धारवाड़, धौलपुर, धुले, डिंडीगुल, फिरोजाबाद, गया, गुम्मिडिपूंडी, ग्वालियर, हल्दिया, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जलगांव, झालावाड़, झांसी, जोधपुर, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कानपुर, करौली, करूर, काशीपुर, क्योंझर, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोप्पल, कुंजेमुरा, लातूर, मदुरै, महाड, मंडीदीप, मंगलौर, मोतिहारी, मुंबई, नगांव, नमक्कल, नांदेड़, नंदेसरी, नासिक, नवी मुंबई, पालकालाइपेरुर, पंचगांव, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, प्रयागराज आदि शामिल हैं।

चिंता की बात यह है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में 11 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 227 में से 25 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। 120 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 06 जून 2025 को यह आंकड़ा 135 दर्ज किया गया था।

78 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में हापुड (256) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 260 के करीब पहुंच गया। कल चंडीगढ़ में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 212 रिकॉर्ड किया गया।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 48 अंकों का उछाल आया है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 209 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता एक बार फिर मध्यम से खराब श्रेणी में पहुंच गई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।

गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज दिल्ली चौथे स्थान पर है, वहीं मंडी गोबिंदगढ़ (244) दूसरे, जबकि मुजफ्फरनगर (213) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 88, गाजियाबाद में 132, गुवाहाटी में 116, गुरूग्राम में 195, नोएडा में 161, ग्रेटर नोएडा में 154 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 64 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 143, चेन्नई में 84, चंडीगढ़ में 148, हैदराबाद में 85, जयपुर में 144 और पटना में 101 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 25 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, आइजोल, अरियालूर, आरा, बागलकोट, बेलापुर, हसन, हुबली, कांचीपुरम, मदिकेरी, मैहर, मुंगेर, मैसूर, नलबाड़ी, पूर्णिया, शिलांग, सिलचर, सूरत, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, विजयपुरा, वृंदावन, यादगीर शामिल हैं।

वहीं आगरा, अहमदनगर, अकोला, अलवर, अमरावती (महाराष्ट्र), अनंतपुर, अंकलेश्वर, अररिया, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बालासोर, बरेली, बारीपदा, बैरकपुर, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बोईसर, ब्रजराजनगर, बक्सर, ब्यासनगर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छाल, चिकबलपुर, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, दावनगेरे, देहरादून, देवास, धारवाड़, धौलपुर, धुले, डिंडीगुल, फिरोजाबाद, गया, गुम्मिडिपूंडी, ग्वालियर, हल्दिया, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जलगांव, झालावाड़, झांसी, जोधपुर, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कानपुर, करौली, करूर, काशीपुर, क्योंझर, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोप्पल, कुंजेमुरा, लातूर, मदुरै, महाड, मंडीदीप, मंगलौर, मोतिहारी, मुंबई, नगांव, नमक्कल, नांदेड़, नंदेसरी, नासिक, नवी मुंबई, पालकालाइपेरुर, पंचगांव, पिंपरी-चिंचवाड, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, रामनगर, रामनाथपुरम, सागर, सलेम, सांगली, सतना, शिवमोगा, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, सिवान, सोलापुर, तालचेर, ठाणे, तंजावुर, थूथुकुडी, तिरुमाला, तिरुपति, तिरुपुर, उल्हासनगर, वाराणसी, वातवा, विजयवाड़ा, विरार, विरुधुनगर आदि 120 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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