
देश के कई शहरों में कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। हालांकि राजस्थान के मामले में यह बात लागू नहीं होती। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 02 मई 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में से नौ राजस्थान के हैं।
इन शहरों में बीकानेर की स्थिति सबसे खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 356 तक पहुंच गया है। पाली में भी स्थिति कोई खास अच्छी नहीं, जहां एक्यूआई बढ़कर 346 तक पहुंच गया। वहीं नागौर जो आज प्रदूषण के मामले में तीसरे स्थान पर है। वहां भी वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 के पार बना हुआ है।
बता दें कि कल देश में महज बर्नीहाट की हवा बेहद खराब थी। वहीं आज बेहद खराब हवा वाले शहरों का आंकड़ा बढ़कर तीन पर पहुंच गया है।
वहीं प्रदूषण के मामले में जैसलमेर चौथे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 258 रिकॉर्ड किया गया। इसी तरह कल देश के सबसे प्रदूषित शहर बर्नीहाट में भी हवा खराब बनी हुई है। हालांकि कल से बर्नीहाट की हवा में सुधार जरूर आया है। यही वजह है कि यह आज देश का पांचवा सबसे प्रदूषित शहर है।
बाड़मेर (222) जहां इस लिस्ट में छठे स्थान पर है, वहीं जालौर (219) सातवें स्थान पर बना हुआ है। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में राजस्थान के बारां, जोधपुर और टोंक भी शामिल हैं।
रुझानों पर नजर डालें तो आज देश के छह शहरों में हवा 'खराब' रही। मतलब की कल से देश में खराब हवा वाले शहरों की गिनती में 25 फीसदी की गिरावट आई है। दूसरी तरफ देश में अगरतला की हवा सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई 21 रिकॉर्ड किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बीकानेर की तुलना अगरतला से करें तो वहां स्थिति 15 गुणा खराब है।
आंकड़ों से पता चला है कि जहां आज बीकानेर, बर्नीहाट, बाड़मेर, गुरूग्राम की हवा में प्रदूषण के महीन कण पीएम2.5 हावी रहे। वहीं पाली, नागौर, जैसलमेर, जालौर, बारां, जोधपुर, टोंक, चुरू, सिरोही और सवाई माधोपुर में पीएम10 का बोलबाला रहा।
सीपीसीबी आंकड़ों के अनुसार अगरतला सहित देश के 44 शहरों में हवा साफ रही। वहीं कल इन शहरों की गिनती 39 दर्ज की गई थी। मतलब की कल से साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 13 फीसदी का इजाफा हुआ है, जोकि राहत की खबर है।
देश के जिन शहरों में हवा साफ बनी हुई है। उनमें दमोह, गंगटोक, हल्दिया, हुबली, कटिहार, किशनगंज, मदिकेरी, मदुरै, मीरा-भायंदर, मुंगेर, मैसूर, नागपट्टिनम, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पूर्णिया, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, शिलांग आदि भी शामिल हैं।
देश में अहमदनगर सहित 119 शहरों की हवा संतोषजनक रही। इन शहरों में गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलना, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, कन्नूर, कानपुर, करौली, काशीपुर, कटनी, क्योंझर, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, लुधियाना, महाड, मंगुराहा, मेरठ, मुरादाबाद आदि शामिल हैं।
कल से तुलना करें तो साफ हवा वाले शहरों की तरह ही देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में भी इजाफा हुआ है, जोकि करीब पांच फीसदी से अधिक है।
राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो आंधी-बौछार के बाद प्रदूषण में अच्छी खासी गिरावट आई है। दिल्ली में 39 अंकों के सुधार के साथ सूचकांक घटकर 145 रह गया है।
हालांकि अभी भी वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। दिल्ली की तरह ही देश के 51 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। इन शहरों में बूंदी, चंद्रपुर, छपरा, चित्तौड़गढ़, चुरू, दौसा, दिल्ली, देवास, धुले, डूंगरपुर, दुर्गापुर, गांधीनगर, गाजियाबाद, गुरूग्राम, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हापुड, जयपुर, जलगांव, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, खन्ना, खुर्जा, कोटा, लखनऊ, मालेगांव आदि शामिल हैं। कल से देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 21 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
विश्लेषण से पता चला है कि आज देश के जहां करीब 20 फीसदी शहरों में हवा साफ है। 53 फीसदी शहरों में स्थिति संतोषजनक है। वहीं दूसरी तरफ 27 फीसदी से अधिक शहरों में अभी भी प्रदूषण के चलते हालात चिंताजनक बने हुए हैं।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 44 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, आइजोल, अमरावती (आंध्र प्रदेश), आरा, बागलकोट, बैरकपुर, बेलगाम, भागलपुर, बिलासपुर, बक्सर, चामराजनगर, चेन्नई, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दमोह, गंगटोक, हल्दिया, हुबली, कटिहार, किशनगंज, मदिकेरी, मदुरै, मीरा-भायंदर, मुंगेर, मैसूर, नागपट्टिनम, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पूर्णिया, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, शिवसागर, सूरत, टेन्सा, ठाणे, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, तिरुनेलवेली, विशाखापत्तनम, शामिल हैं।
वहीं आगरा, अहमदनगर, अकोला, अलवर, अमरावती (महाराष्ट्र), अंगुल, अररिया, अरियालूर, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), बदलापुर, बालासोर, बारबिल, बरेली, बारीपदा, बेगूसराय, बेलापुर, बेंगलुरु, बेतिया, भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवंडी, भुवनेश्वर, बीदर, बिलीपाड़ा, बोईसर, ब्रजराजनगर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चेंगलपट्टू, चिकबलपुर, चित्तूर, कटक, दावनगेरे, देहरादून, धारवाड़, धौलपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गया, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलना, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, कन्नूर, कानपुर, करौली, काशीपुर, कटनी, क्योंझर, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, लुधियाना, महाड, मंगुराहा, मेरठ, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नागपुर, नाहरलगुन, नलबाड़ी, नमक्कल, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, पंचगांव, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, प्रयागराज, पुणे, रायपुर, ऋषिकेश, सागर, सहरसा, सलेम, समस्तीपुर, सासाराम, सतना, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, सुआकाती, तालचेर, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुपति, तिरुपुर, तुमिडीह, उज्जैन, उल्हासनगर, वापी, वाराणसी, वातवा, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरार, विरुधुनगर, यादगीरआदि 119 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।
देश के कई शहरों में कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। हालांकि राजस्थान के मामले में यह बात लागू नहीं होती। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 02 मई 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में से नौ राजस्थान के हैं।
इन शहरों में बीकानेर की स्थिति सबसे खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 356 तक पहुंच गया है। पाली में भी स्थिति कोई खास अच्छी नहीं, जहां एक्यूआई बढ़कर 346 तक पहुंच गया। वहीं नागौर जो आज प्रदूषण के मामले में तीसरे स्थान पर है। वहां भी वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 के पार बना हुआ है।
बता दें कि कल देश में महज बर्नीहाट की हवा बेहद खराब थी। वहीं आज बेहद खराब हवा वाले शहरों का आंकड़ा बढ़कर तीन पर पहुंच गया है।
वहीं प्रदूषण के मामले में जैसलमेर चौथे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 258 रिकॉर्ड किया गया। इसी तरह कल देश के सबसे प्रदूषित शहर बर्नीहाट में भी हवा खराब बनी हुई है। हालांकि कल से बर्नीहाट की हवा में सुधार जरूर आया है। यही वजह है कि यह आज देश का पांचवा सबसे प्रदूषित शहर है।
बाड़मेर (222) जहां इस लिस्ट में छठे स्थान पर है, वहीं जालौर (219) सातवें स्थान पर बना हुआ है। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में राजस्थान के बारां, जोधपुर और टोंक भी शामिल हैं।
रुझानों पर नजर डालें तो आज देश के छह शहरों में हवा 'खराब' रही। मतलब की कल से देश में खराब हवा वाले शहरों की गिनती में 25 फीसदी की गिरावट आई है। दूसरी तरफ देश में अगरतला की हवा सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई 21 रिकॉर्ड किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बीकानेर की तुलना अगरतला से करें तो वहां स्थिति 15 गुणा खराब है।
आंकड़ों से पता चला है कि जहां आज बीकानेर, बर्नीहाट, बाड़मेर, गुरूग्राम की हवा में प्रदूषण के महीन कण पीएम2.5 हावी रहे। वहीं पाली, नागौर, जैसलमेर, जालौर, बारां, जोधपुर, टोंक, चुरू, सिरोही और सवाई माधोपुर में पीएम10 का बोलबाला रहा।
सीपीसीबी आंकड़ों के अनुसार अगरतला सहित देश के 44 शहरों में हवा साफ रही। वहीं कल इन शहरों की गिनती 39 दर्ज की गई थी। मतलब की कल से साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 13 फीसदी का इजाफा हुआ है, जोकि राहत की खबर है।
देश के जिन शहरों में हवा साफ बनी हुई है। उनमें दमोह, गंगटोक, हल्दिया, हुबली, कटिहार, किशनगंज, मदिकेरी, मदुरै, मीरा-भायंदर, मुंगेर, मैसूर, नागपट्टिनम, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पूर्णिया, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, शिलांग आदि भी शामिल हैं।
देश में अहमदनगर सहित 119 शहरों की हवा संतोषजनक रही। इन शहरों में गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलना, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, कन्नूर, कानपुर, करौली, काशीपुर, कटनी, क्योंझर, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, लुधियाना, महाड, मंगुराहा, मेरठ, मुरादाबाद आदि शामिल हैं।
कल से तुलना करें तो साफ हवा वाले शहरों की तरह ही देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में भी इजाफा हुआ है, जोकि करीब पांच फीसदी से अधिक है।
राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो आंधी-बौछार के बाद प्रदूषण में अच्छी खासी गिरावट आई है। दिल्ली में 39 अंकों के सुधार के साथ सूचकांक घटकर 145 रह गया है।
हालांकि अभी भी वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। दिल्ली की तरह ही देश के 51 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। इन शहरों में बूंदी, चंद्रपुर, छपरा, चित्तौड़गढ़, चुरू, दौसा, दिल्ली, देवास, धुले, डूंगरपुर, दुर्गापुर, गांधीनगर, गाजियाबाद, गुरूग्राम, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हापुड, जयपुर, जलगांव, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, खन्ना, खुर्जा, कोटा, लखनऊ, मालेगांव आदि शामिल हैं। कल से देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 21 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
विश्लेषण से पता चला है कि आज देश के जहां करीब 20 फीसदी शहरों में हवा साफ है। 53 फीसदी शहरों में स्थिति संतोषजनक है। वहीं दूसरी तरफ 27 फीसदी से अधिक शहरों में अभी भी प्रदूषण के चलते हालात चिंताजनक बने हुए हैं।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 224 में से 44 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। 119 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 01 मई 2025 को यह आंकड़ा 113 दर्ज किया गया था।
52 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।दूसरे शहरों की तुलना में बीकानेर (356) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 360 के करीब पहुंच गया। कल बर्नीहाट में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 311 रिकॉर्ड किया गया।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है। इसके साथ ही 39 अंकों के सुधार के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 145 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता अभी भी मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। वहीं आज एक बार फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज जैसलमेर चौथे स्थान पर है, वहीं पाली (346) दूसरे, जबकि नागौर (308) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 125, गाजियाबाद में 108, गुवाहाटी में 66, गुरूग्राम में 168, नोएडा में 110, ग्रेटर नोएडा में 98 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 57 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 134, चेन्नई में 46, चंडीगढ़ में 73, हैदराबाद में 71, जयपुर में 127 और पटना में 80 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 44 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, आइजोल, अमरावती (आंध्र प्रदेश), आरा, बागलकोट, बैरकपुर, बेलगाम, भागलपुर, बिलासपुर, बक्सर, चामराजनगर, चेन्नई, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दमोह, गंगटोक, हल्दिया, हुबली, कटिहार, किशनगंज, मदिकेरी, मदुरै, मीरा-भायंदर, मुंगेर, मैसूर, नागपट्टिनम, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पुडुकोट्टई, पूर्णिया, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, शिवसागर, सूरत, टेन्सा, ठाणे, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, तिरुनेलवेली, विशाखापत्तनम, शामिल हैं।
वहीं आगरा, अहमदनगर, अकोला, अलवर, अमरावती (महाराष्ट्र), अंगुल, अररिया, अरियालूर, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), बदलापुर, बालासोर, बारबिल, बरेली, बारीपदा, बेगूसराय, बेलापुर, बेंगलुरु, बेतिया, भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवंडी, भुवनेश्वर, बीदर, बिलीपाड़ा, बोईसर, ब्रजराजनगर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चेंगलपट्टू, चिकबलपुर, चित्तूर, कटक, दावनगेरे, देहरादून, धारवाड़, धौलपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गया, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलना, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, कन्नूर, कानपुर, करौली, काशीपुर, कटनी, क्योंझर, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, लुधियाना, महाड, मंगुराहा, मेरठ, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नागपुर, नाहरलगुन, नलबाड़ी, नमक्कल, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, पंचगांव, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, प्रयागराज, पुणे, रायपुर, ऋषिकेश, सागर, सहरसा, सलेम, समस्तीपुर, सासाराम, सतना, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, सुआकाती, तालचेर, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुपति, तिरुपुर, तुमिडीह, उज्जैन, उल्हासनगर, वापी, वाराणसी, वातवा, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरार, विरुधुनगर, यादगीरआदि 119 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।