
हिमाचल प्रदेश के बद्दी में वायु गुणवत्ता सूचकांक 179 दर्ज किया गया, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन की सुरक्षित सीमा से 298 फीसदी अधिक है।
शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां सूचकांक मात्र 7 है।
देश के 34.1 फीसदी शहरों में हवा साफ है, जबकि 11 फीसदी में स्थिति चिंताजनक है।
दिल्ली में प्रदूषण का स्तर मध्यम श्रेणी में बना हुआ है।
प्रदूषण के मामले में आज हिमाचल प्रदेश के बद्दी की स्थिति सबसे खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 179 दर्ज किया गया। मतलब की वहां वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। आज वहां हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम10) हावी रहे।
रुझानों के मुताबिक वहां फिजाओं में घुला जहर इतना है कि वो लोगों को बीमार बना देने के लिए काफी है।
बद्दी में प्रदूषण की स्थिति किस कदर खराब है, इसी बात से समझा जा सकता है कि वहां प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी सुरक्षित सीमा से 298 फीसदी अधिक है। गौरतलब है कि कल बद्दी में वायु गुणवत्ता का स्तर 172 दर्ज किया गया था। मतलब कि कल से वहां प्रदूषण में सात अंकों का उछाल आया है।
गौरतलब है कि कल देश में श्रीगंगानगर की हवा सबसे खराब थी। जब वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 306 दर्ज किया गया था, जो आज 238 अंकों के सुधार के साथ घटकर महज 68 रह गया है। मतलब कि श्रीगंगानगर में एक ही दिन में वायु गुणवत्ता बेहद खराब से संतोषजनक श्रेणी में पहुंच गई है।
दूसरी तरफ आज एक बार फिर देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 7 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बद्दी की तुलना शिलांग से करें तो वहां स्थिति 25 गुणा खराब है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 25 सितम्बर 2025 को जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि आज देश के जहां 34.1 फीसदी शहरों में हवा साफ है। राहत की बात है कि आज देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में सात फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
वहीं 55 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 11 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज भी हवा संतोषजनक है।
राजधानी दिल्ली की बात करें तो वहां कल से प्रदूषण में कोई बदलाव नहीं हुआ है और वायु गुणवत्ता अभी भी मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। हालांकि दिल्ली में अभी भी वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। बता दें कि दिल्ली में प्रदूषण का स्तर सुरक्षित सीमा से 167 फीसदी अधिक है।
आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि आज प्रदूषण के मामले में बरेली (178) दूसरे जबकि ग्रेटर नोएडा तीसरे स्थान पर है। नंदेसरी में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो आज 172 अंकों के साथ चौथे स्थान पर है। वहीं देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज मंडी गोबिंदगढ़ (170) पांचवें, जबकि थूथुकुडी (168) छठे पायदान पर है। इसी तरह देश के सर्वाधिक प्रदूषित इन शहरों में आज औरंगाबाद (बिहार) (149), गुम्मिडिपूंडी (144), बुलन्दशहर (142) और नोएडा (140) शामिल हैं।
विश्लेषण में यह भी सामने आया है कि आज जहां नंदेसरी, मंडी गोबिंदगढ़, औरंगाबाद (बिहार), गुम्मिडिपूंडी, राजगीर आदि शहरों में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी हैं। वहीं बद्दी, बरेली, ग्रेटर नोएडा, थूथुकुडी, बुलन्दशहर, नोएडा, गाजियाबाद, भिवाड़ी, मेरठ, धौलपुर, दिल्ली, मुरादाबाद, बागपत, आगरा, अजमेर, विशाखापत्तनम, दौसा, मुजफ्फरनगर आदि में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। इसी तरह हापुड की हवा में कार्बन हावी है।
इन शहरों के उलट आज देश के 74 यानी 34 फीसदी शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में भिलाई, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बोईसर, ब्रजराजनगर, ब्यासनगर, चामराजनगर, छपरा, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, दावनगेरे, धुले, डिंडीगुल, दुर्गापुर, गोरखपुर, हसन, हावेरी, हुबली, जलगांव, कलबुर्गी, करूर, कारवार, किशनगंज, कोल्हापुर, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै शामिल हैं।
अच्छी खबर यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में सात फीसदी से अधिक का इजाफा हुआ है।
आंकड़ों के मुताबिक आज देश के छोटे बड़े 119 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। इन शहरों में कोहिमा, कोलकाता, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, मैहर, मालेगांव, नगांव, नागौर, नागपुर, नवी मुंबई, पाली, पंचगांव, परभनी, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, राजसमंद, रतलाम, ऋषिकेश, राउरकेला, सागर, समस्तीपुर, सांगली, सासाराम, सतना, सवाई माधोपुर, शिवमोगा, सीकर, सिलचर, सिरोही, सिवान, श्रीगंगानगर, सुआकाती, ठाणे आदि शामिल हैं।
चिंता की बात यह है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब छह फीसदी की गिरावट आई है। हालांकि राहत की बात यह रही कि आज देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
आज भी देश में इन शहरों की गिनती 24 बनी हुई है। इन शहरों में आगरा, अजमेर, औरंगाबाद (बिहार), बद्दी, बागपत, बरेली, भिवाड़ी, बुलन्दशहर, दौसा, दिल्ली, धौलपुर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, हापुड, मंडी गोबिंदगढ़, मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, नंदेसरी, नोएडा, राजगीर, थूथुकुडी, विशाखापत्तनम शामिल हैं।
क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 217 में से 74 (+7.2 फीसदी) शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 119 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 24 सितम्बर 2025 को यह आंकड़ा 126 दर्ज किया गया था।
24 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में बद्दी (179) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 180 के करीब पहुंच गया। कल श्रीगंगानगर में वायु गुणवत्ता सूचकांक 306 रिकॉर्ड किया गया था।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में कोई बदलाव नहीं आया है और स्थिति जस की तस बनी हुई है। मतलब कि आज भी दिल्ली में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
गौरतलब है कि पिछले दो-तीन महीनों में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता ज्यादातर दिन संतोषजनक रही। वहीं जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज नंदेसरी चौथे स्थान पर है, वहीं बरेली (178) दूसरे, जबकि ग्रेटर नोएडा (178) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 85, गाजियाबाद में 139, गुवाहाटी में 60, हाजीपुर में 79, नोएडा में 140, ग्रेटर नोएडा में 178 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 45 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘बेहतर‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 82, चेन्नई में 71, चंडीगढ़ में 84, हैदराबाद में 84, जयपुर में 81 और पटना में 74 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 74 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, अहमदनगर, अकोला, अमरावती (आंध्रप्रदेश), आरा, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बागलकोट, बालासोर, बारबिल, बारीपदा, बेलापुर, भिलाई, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बोईसर, ब्रजराजनगर, ब्यासनगर, चामराजनगर, छपरा, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, दावनगेरे, धुले, डिंडीगुल, दुर्गापुर, गोरखपुर, हसन, हावेरी, हुबली, जलगांव, कलबुर्गी, करूर, कारवार, किशनगंज, कोल्हापुर, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नाहरलगुन, नलबाड़ी, नांदेड़, नासिक, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पुडुकोट्टई, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, सहरसा, शिलांग, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सोलापुर, तालचेर, तंजावुर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, तुमिडीह, विरार, विरुधुनगर, यादगीर शामिल हैं।
वहीं अहमदाबाद, अलवर, अमरावती (महाराष्ट्र), अमृतसर, अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, अरियालूर, आसनसोल, बांसवाड़ा, बारां, बाड़मेर, बैरकपुर, बठिंडा, बेगूसराय, बेंगलुरु, भागलपुर, भरतपुर, भीलवाड़ा, भोपाल, बिहार शरीफ, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बूंदी, बक्सर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चेन्नई, छाल, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, चुरू, कोयंबटूर, कटक, दमोह, देहरादून, देवास, धनबाद, धारवाड़, डूंगरपुर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गया, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हल्दिया, हनुमानगढ़, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलना, जालौर, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, कल्याण, कन्नूर, कानपुर, करौली, काशीपुर, कटिहार, कटनी, क्योंझर, खन्ना, कोहिमा, कोलकाता, कोटा, लखनऊ, लुधियाना, मैहर, मालेगांव, नगांव, नागौर, नागपुर, नवी मुंबई, पाली, पंचगांव, परभनी, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, राजसमंद, रतलाम, ऋषिकेश, राउरकेला, सागर, समस्तीपुर, सांगली, सासाराम, सतना, सवाई माधोपुर, शिवमोगा, सीकर, सिलचर, सिरोही, सिवान, श्रीगंगानगर, सुआकाती, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, टोंक, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, वाराणसी, वातवा, वृंदावन आदि 119 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।