
देश में बढ़ते प्रदूषण से श्रीगंगानगर की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां प्रदूषण का स्तर 'आपात' स्थिति में पहुंच गया है। श्रीगंगानगर में स्थिति किस कदर खराब है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 417 तक पहुंच गया है।
प्रदूषण के मामले में दिल्ली दूसरे स्थान पर है, जहां एक्यूआ 381 दर्ज किया गया। बता दें कि कल दिल्ली देश का सबसे प्रदूषित शहर था। हालांकि कल से दिल्ली की हवा में नाम मात्रा का सुधार आया है, लेकिन इसके बावजूद वहां स्थिति अभी भी 'बेहद खराब' बनी हुई है।
हनुमानगढ़ और हिसार की भी कुछ ऐसी ही स्थिति है, जहां एक्यूआई 379 रिकॉर्ड किया गया है। इसी तरह देश के छोटे बड़े 14 शहरों में स्थिति 'बेहद खराब' है। इन शहरों में हाजीपुर, भरतपुर, फतेहाबाद, नोएडा, गाजियाबाद, गुरूग्राम, चरखी दादरी, हापुड, ग्रेटर नोएडा, मानेसर, करौली शामिल हैं, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 के पार पहुंच चुका है। वहीं कल से तुलना करें तो देश में बेहद खराब हवा वाले शहरों की संख्या में 133 फीसदी का इजाफा हुआ है।
दिल्ली के पड़ोसी शहर फरीदाबाद से जुड़े रुझानों को देखें तो कल से वहां प्रदूषण में इजाफा हुआ है, जिसके साथ ही दस अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 260 पर पहुंच गया है। बता दें कि फरीदाबाद की तरह ही देश के 51 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है।
इन शहरों में अम्बाला, अंगुल, आसनसोल, बद्दी, बहादुरगढ़, बल्लभगढ़, भिवाड़ी, भिवानी, बीकानेर, बुलन्दशहर, बर्नीहाट, चंडीगढ़, चुरू, दौसा, धारूहेड़ा, धौलपुर, धुले, दुर्गापुर, गोरखपुर, हावड़ा, जयपुर, जालंधर, जलगांव, झुंझुनूं, जींद, कैथल, कानपुर, करनाल, खन्ना, खुर्जा, कुरूक्षेत्र, लखनऊ, महाड, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मेरठ, मुजफ्फरपुर, नारनौल, पाली, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, रोहतक, सिंगरौली, सिरसा, सोनीपत, तालचेर, टोंक, यमुनानगर शामिल हैं। कल से तुलना करें तो देश में 'खराब' हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 11 फीसदी का इजाफा हुआ है।
दूसरी तरफ देश में मदिकेरी की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 15 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर श्रीगंगानगर की तुलना मदिकेरी से करें तो वहां स्थिति 27 गुणा ज्यादा खराब है।
मदिकेरी की तरह ही देश के 38 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता 'बेहतर' बनी हुई है। इन शहरों में रामनाथपुरम, रानीपेट, सलेम, शिवमोगा, सिलचर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, तिरुपति आदि शहर शामिल हैं। कल से तुलना करें तो देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 30 फीसदी का इजाफा हुआ है।
ताजा रुझानों के मुताबिक देश के 48 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। हालांकि कल से इन शहरों की संख्या में 14 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। बता दें कि देश के जिन शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक है, उनमें कोहिमा, कोरबा, मैहर, मिलुपारा, मुरादाबाद, मोतिहारी, नाहरलगुन, नयागढ़, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनगर, ऋषिकेश आदि शामिल हैं।
आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि देश में अहमदनगर सहित 108 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।
इन शहरों में अगरतला, आगरा, अहमदाबाद, अहमदनगर, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अमृतसर, अररिया, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बालासोर, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बरेली, बारीपदा, बैरकपुर, बेगूसराय, बेलापुर, भागलपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बिहारशरीफ, बिलीपाड़ा, बोईसर, ब्रजराजनगर, बक्सर, चंद्रपुर, छाल, छपरा, चित्तौड़गढ़, कटक, देहरादून, देवास, फिरोजाबाद, गया, ग्वालियर, हल्दिया, हैदराबाद, इंफाल, इंदौर, जबलपुर, जैसलमेर, जलना, जालौर, झालावाड़, झांसी, जोधपुर, कल्याण, काशीपुर, कटिहार, कटनी, किशनगंज, कोल्हापुर, कोलकाता, कोटा, कुंजेमुरा, लातूर, लुधियाना, मांडीखेड़ा, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मुंबई, मुजफ्फरनगर, नागौर, नागपुर, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, पलवल, पंचकुला, पानीपत, परभनी, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, पूर्णिया, रायचुर, रतलाम, राउरकेला, रूपनगर, सागर, सहरसा, समस्तीपुर, सांगली, सासाराम, सवाई माधोपुर, सीकर, सिवान, सोलापुर, सुआकाती, टेन्सा, ठाणे, तुमकुरु, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वाराणसी, विरार, विशाखापत्तनम, वृंदावन शामिल हैं।
हालांकि कल के मुकाबले देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में दस फीसदी की गिरावट आई है।
कुल मिलाकर देखें तो देश के करीब 15 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता साफ है। वहीं 18 फीसदी शहरों में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि 67 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 04 नवंबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 261 में से 39 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 48 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 03 नवंबर 2024 यह आंकड़ा 56 दर्ज किया गया था। 108 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।
दूसरे शहरों की तुलना में श्रीगंगानगर (417) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 420 के करीब पहुंच गया है। वहीं कल दिल्ली में स्थिति सबसे ज्यादा खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 382 तक पहुंच गया था। वहीं आज दिल्ली प्रदूषण के मामले में दूसरे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 381 दर्ज किया गया। इसी तरह हनुमानगढ़ (379), हिसार (379), हाजीपुर (377), भरतपुर (329), फतेहाबाद (322), नोएडा (319), गाजियाबाद (314) आदि में भी स्थिति 'बेहद खराब' बनी हुई है।
गौरतलब है कि कल से दिल्ली के प्रदूषण में एक अंक की गिरावट आई है। इसके बाद वहां एक्यूआई 381 रिकॉर्ड किया गया। मतलब की हवा 'बेहद खराब' बनी हुई है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 260, गाजियाबाद में 314, गुरुग्राम में 310, नोएडा में 319, ग्रेटर नोएडा में 305 पर पहुंच गया है।
देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 159 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 258, चेन्नई में 56, चंडीगढ़ में 258, हैदराबाद में 102, जयपुर में 223 और पटना में 260 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 39 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, अनंतपुर, अरियालूर, बागलकोट, चामराजनगर, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, दमोह, दावनगेरे, डिंडीगुल, गडग, गंगटोक, हसन, कोलार, कोप्पल, मदिकेरी, मदुरै, मंगलौर, मैसूर, नगांव, नागपट्टिनम, नलबाड़ी, ऊटी, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, रामनाथपुरम, रानीपेट, सलेम, शिवमोगा, सिलचर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, तिरुपति, उडुपी, विजयपुरा, विरुधुनगर शामिल रहे।
वहीं अमरावती, अंकलेश्वर, आरा, बाड़मेर, बेलगाम, बेंगलुरु, बेतिया, बीदर, बिलासपुर, बूंदी, चेंगलपट्टू, चेन्नई, चित्तूर, कोयंबटूर, धारवाड़, डूंगरपुर, गांधीनगर, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, हावेरी, हुबली, कलबुर्गी, कांचीपुरम, करूर, कारवार, क्योंझर, कोहिमा, कोरबा, मैहर, मिलुपारा, मुरादाबाद, मोतिहारी, नाहरलगुन, नयागढ़, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनगर, ऋषिकेश, सतना, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, तिरुपुर, वापी, वातवा, विजयवाड़ा, यादगीर आदि 48 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।