प्रदूषण का गणित: 34 फीसदी बढ़ा साफ हवा वाले शहरों का आंकड़ा, शिलांग में एक्यूआई 12 दर्ज

रुझानों के विश्लेषण से पता चला है कि आज देश के जहां 25 फीसदी से अधिक शहरों में हवा साफ है। वहीं 18 फीसदी हालात चिंताजनक हैं
प्रतीकात्मक तस्वीर: विकास चौधरी/सीएसई
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देश में प्रदूषण के समीकरण हर दिन बदल रहे हैं, आज जहां खराब हवा वाले शहरों की गिनती में गिरावट आई है। वहीं साफ हवा वाले शहरों का आंकड़ा बढ़ा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 18 मई 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में शिलांग की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई 12 दर्ज किया गया है।

वहीं दूसरी तरफ अगरतला की हवा सबसे खराब है, जहां एक्यूआई 300 दर्ज किया गया है। इस दौरान अगरतला की हवा में ओजोन पूरी तरह हावी रहा।

अगरतला में प्रदूषण की स्थिति किस कदर खराब है, इसका अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि वहां की हवा शिलांग से 24 गुणा खराब है।

प्रदूषण के मामले में बद्दी (188) दूसरे जबकि मुजफ्फरनगर (185) तीसरे स्थान पर है। बता दें कि कल देश में मुजफ्फरनगर की हवा सबसे ज्यादा खराब थी, जब एक्यूआई बढ़कर 278 तक पहुंच गया था। आज मुजफ्फरनगर की वायु गुणवत्ता में 93 अंकों का सुधार आया है।

जालंधर में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जहां एक्यूआई 182 दर्ज किया गया है। दिल्ली में भी कल से प्रदूषण में हल्का उछाल आया है। इसके साथ ही वहां एक्यूआई बढ़कर 179 पर पहुंच गया। दिल्ली देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में पांचवें स्थान पर है। वहीं खन्ना और नोएडा छठे, सातवें स्थान पर बने हुए हैं। इन दोनों शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 178 दर्ज किया गया है।

इसी तरह चंद्रपुर (175), मेरठ (167) और भरतपुर (164) भी देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल हैं। कल से देखें तो देश में खराब हवा वाले शहरों की गिनती में गिरावट आई है।

रुझानों पर नजर डालें तो शिलांग सहित देश के 55 शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में कोलकाता, लातूर, मदिकेरी, मैहर, मीरा-भायंदर, मोतिहारी, मुंगेर, मैसूर, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, नलबाड़ी, नमक्कल, नांदेड़, ऊटी, पालकालाइपेरुर, पुडुकोट्टई, पूर्णिया, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रामनाथपुरम, शिलांग, शिवमोगा, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सूरत, तालचेर, तंजावुर आदि शामिल हैं। अच्छी खबर यह है कि देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 34 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

अजमेर सहित देश के छोटे बड़े 122 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है। इन शहरों में काशीपुर, कटनी, क्योंझर, कोल्लम, कोरबा, कोटा, कुंजेमुरा, मदुरै, महाड, मालेगांव, मंडीदीप, मंगलौर, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नागपुर, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पंचगांव, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, राजगीर, राजसमंद, रतलाम, ऋषिकेश, राउरकेला, सागर, सलेम, सांगली, सतना, सीकर, सिलचर, सिंगरौली, सिरोही आदि शामिल हैं।

हालांकि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब आठ फीसदी की गिरावट आई है।

दिल्ली सहित देश के 38 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में दर्ज की गई। इन शहरों में गुरूग्राम, हाजीपुर, हनुमानगढ़, इंफाल, जयपुर, जालंधर, झुंझुनूं, खन्ना, लखनऊ, लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़, मेरठ, मुजफ्फरनगर, नागौर, नोएडा, पाली, पटियाला, प्रयागराज, सासाराम, सवाई माधोपुर आदि शामिल हैं। कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 28 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

रुझानों के विश्लेषण से पता चला है कि आज देश के जहां 25 फीसदी से अधिक शहरों में हवा साफ है। वहीं 18 फीसदी हालात चिंताजनक हैं। 56 फीसदी से अधिक शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 216 में से 55 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। 122 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 17 मई 2025 को यह आंकड़ा 132 दर्ज किया गया था।

38 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।दूसरे शहरों की तुलना में अगरतला (300) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 310 के करीब पहुंच गया। कल मुजफ्फरनगर में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 278 रिकॉर्ड किया गया।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है। इसके साथ ही 11 अंकों के उछाल के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 179 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता अभी भी मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। वहीं आज एक बार फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।

गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज जालंधर चौथे स्थान पर है, वहीं बद्दी (188) दूसरे, जबकि मुजफ्फरनगर (185) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 99, गाजियाबाद में 164, गुवाहाटी में 52, गुरूग्राम में 115, नोएडा में 178, ग्रेटर नोएडा में 97 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 74 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 130, चेन्नई में 75, चंडीगढ़ में 141, हैदराबाद में 89, जयपुर में 104 और पटना में 96 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 55 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अकोला, अररिया, बारीपदा, बैरकपुर, बेलगाम, बेंगलुरु, भागलपुर, भिलाई, चामराजनगर, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कोयंबटूर, कुड्डालोर, डिंडीगुल, हल्दिया, हुबली, इंदौर, कांचीपुरम, कटिहार, किशनगंज, कोल्हापुर, कोलकाता, लातूर, मदिकेरी, मैहर, मीरा-भायंदर, मोतिहारी, मुंगेर, मैसूर, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, नलबाड़ी, नमक्कल, नांदेड़, ऊटी, पालकालाइपेरुर, पुडुकोट्टई, पूर्णिया, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रामनाथपुरम, शिलांग, शिवमोगा, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सूरत, तालचेर, तंजावुर, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, विजयपुरा, विरुधुनगर, वृंदावन शामिल हैं।

वहीं आगरा, अहमदाबाद, अहमदनगर, अजमेर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र), अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, अरियालूर, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बालासोर, बांसवाड़ा, बारबिल, बरेली, बाड़मेर, बेगूसराय, बेलापुर, भिवाड़ी, भिवंडी, भुवनेश्वर, बिलीपाड़ा, बोईसर, बुलन्दशहर, बूंदी, बक्सर, ब्यासनगर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छाल, चित्तूर, चुरू, कटक, दमोह, देहरादून, धारवाड़, धुले, डूंगरपुर, दुर्गापुर, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गंगटोक, गया, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, ग्वालियर, हापुड, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, जबलपुर, जैसलमेर, जलगांव, जलना, जालौर, झालावाड़, झांसी, जोधपुर, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कानपुर, करौली, काशीपुर, कटनी, क्योंझर, कोल्लम, कोरबा, कोटा, कुंजेमुरा, मदुरै, महाड, मालेगांव, मंडीदीप, मंगलौर, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नागपुर, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पंचगांव, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, राजगीर, राजसमंद, रतलाम, ऋषिकेश, राउरकेला, सागर, सलेम, सांगली, सतना, सीकर, सिलचर, सिंगरौली, सिरोही, सोलापुर, सुआकाती, टेन्सा, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुपति, तुमिडीह, उदयपुर, उल्हासनगर, वापी, वाराणसी, विजयवाड़ा, विरार आदि 122 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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