छोटे शहरों में भी प्रदूषण का बोलबाला, उत्तर प्रदेश के बागपत में 300 के करीब पहुंचा एक्यूआई

देश में बागपत की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित है। इसी तरह प्रदूषण के मामले में बर्नीहाट दूसरे स्थान पर है, वहीं रूपनगर की हवा सबसे साफ है
छोटे शहरों में भी प्रदूषण का बोलबाला, उत्तर प्रदेश के बागपत में 300 के करीब पहुंचा एक्यूआई
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देश में दिल्ली-मुंबई जैसे बड़े शहरों की तुलना में छोटे शहरों की स्थिति कहीं ज्यादा खराब है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 17 अप्रैल 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में बागपत की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित है। उत्तर प्रदेश के इस शहर में वायु गुणवत्ता सूचकांक 297 दर्ज किया गया है।

इसी तरह प्रदूषण के मामले में मेघालय का बर्नीहाट शहर दूसरे स्थान पर है, जहां एक्यूआई का स्तर 227 रिकॉर्ड किया गया। राजगीर में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो प्रदूषण के मामले में आज तीसरे स्थान पर है। बता दें कि राजगीर में सूचकांक 224 बना हुआ है।

भिवाड़ी (218) देश के सबसे प्रदूषित शहरों में चौथे जबकि श्रीगंगानगर   (214) पांचवें स्थान पर है। वहीं 209 अंकों के साथ किशनगंज छठे स्थान पर है। राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। हालांकि दिल्ली में अभी भी वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है। बता दें कि दिल्ली में 16 अंकों के सुधार के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 204 पर पहुंच गया है।

इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में हनुमानगढ़, मेरठ और बद्दी भी शामिल हैं। रुझानों पर नजर डालें तो देश के साथ शहरों में हवा खराब है। वहीं कल से देखें तो खराब हवा वाले शहरों की गिनती में 75 फीसदी का इजाफा हुआ है।

वहीं दूसरी तरफ देश में एक बार फिर रूपनगर की हवा सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई 15 रिकॉर्ड किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बागपत की तुलना रूपनगर से करें तो वहां स्थिति 19 गुणा खराब है। रूपनगर की तरह ही देश के 35 अन्य शहरों में हवा साफ बनी हुई है। अच्छी खबर यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 39 फीसदी का इजाफा हुआ है।

आगरा सहित देश के 121 शहरों में आज वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। इन शहरों में गुवाहाटी, हल्दिया, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलगांव, झालावाड़, झांसी, जोधपुर, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, कन्नूर, कानपुर, काशीपुर, क्योंझर, खन्ना, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोरबा, कुंजेमुरा, महाड, मालेगांव, मंगलौर, मंगुराहा, मुंबई, मुंगेर, नागपुर, नलबाड़ी, नमक्कल, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, ऊटी, पंचगांव, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड, पुदुकोट्टई, पुणे आदि शामिल हैं।

हालांकि कल से देखें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में छह फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

गोरखपुर सहित देश के 71 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।

इनमें अहमदाबाद, अहमदनगर, अजमेर, अमरावती, आरा, औरंगाबाद (बिहार), बद्दी, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बाड़मेर, बठिंडा, बेगूसराय, भरतपुर, भीलवाड़ा, भोपाल, बिलीपाड़ा, बुलन्दशहर, चंद्रपुर, चित्तौड़गढ़, चुरू, दौसा, देवास, धनबाद, धुले, डूंगरपुर, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हापुड, इंफाल, जयपुर, जैसलमेर, जलना, जालौर, झुंझुनूं, करौली, कटनी, कोटा, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, मंडीदीप, मेरठ, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नागौर, नोएडा, पाली, पटियाला, पटना, पीथमपुर, प्रयागराज, रतलाम, सहरसा, सासाराम, सवाई माधोपुर, सीकर, सिंगरौली, सोलापुर, टोंक, तुमकुरु, तुमिडीह, उदयपुर, विशाखापत्तनम आदि शहर शामिल हैं।

कल से देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में कोई बदलाव नहीं हुआ है और स्थिति जस की तस बनी हुई है।

विश्लेषण से पता चला है कि जहां देश के महज 11 फीसदी शहरों में हवा साफ है, वहीं 33 फीसदी में हालात चिंताजनक बने हुई है। देश के 51 फीसदी से अधिक शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 235 में से महज 36 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 121 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 16 अप्रैल 2025 को यह आंकड़ा 129 दर्ज किया गया था।

71 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।दूसरे शहरों की तुलना में बागपत (297) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के करीब पहुंच गया। वहीं कल बांसवाड़ा में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब एक्यूआई 302 रिकॉर्ड किया गया था।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है। इसके साथ ही 16 अंकों के सुधार के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 204 पर पहुंच गया। मतलब कि दिल्ली में वायु गुणवत्ता सुधार के बावजूद अभी भी खराब श्रेणी में बनी हुई है। वहीं आज एक बार फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं। 

गौरतलब है कि पिछले तीन महीनों जनवरी, फरवरी और मार्च 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज भिवाड़ी चौथे स्थान पर है, वहीं बर्नीहाट (227) दूसरे, जबकि राजगीर (224) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 142, गाजियाबाद में 163, गुवाहाटी में 60, हापुड में 109, नोएडा में 169, ग्रेटर नोएडा में 164 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 61 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 127, चेन्नई में 67, चंडीगढ़ में 97, हैदराबाद में 75, जयपुर में 123 और पटना में 124 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 36 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, आइजोल, अमरावती, बागलकोट, बेलगाम, भिलाई, चामराजनगर, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, हुबली, कटिहार, कोप्पल, मदिकेरी, मैहर, मीरा-भायंदर, मैसूर, नगांव, नागपट्टिनम, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पूर्णिया, रामनाथपुरम, रूपनगर, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, श्री विजया पुरम, सूरत, ठाणे, तंजावुर, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, वापी, विरार शामिल हैं।

वहीं आगरा, अकोला, अलवर, अमृतसर, अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, अरियालूर, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बालासोर, बरेली, बारीपदा, बैरकपुर, बेलापुर, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भिवंडी, भुवनेश्वर, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, बक्सर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छाल, छपरा, चित्तूर, कोयंबटूर, कटक, दमोह, दावनगेरे, देहरादून, धारवाड़, धौलपुर, डिंडीगुल, दुर्गापुर, एलूर, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, गया, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, हल्दिया, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलगांव, झालावाड़, झांसी, जोधपुर, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, कन्नूर, कानपुर, काशीपुर, क्योंझर, खन्ना, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोरबा, कुंजेमुरा, महाड, मालेगांव, मंगलौर, मंगुराहा, मुंबई, मुंगेर, नागपुर, नलबाड़ी, नमक्कल, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, ऊटी, पंचगांव, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड, पुदुकोट्टई, पुणे, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनगर, रानीपेट, ऋषिकेश, राउरकेला, सागर, सलेम, समस्तीपुर, सांगली, सतना, सिरोही, शिवसागर, सुआकाती, तालचेर, टेन्सा, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुमाला, उज्जैन, उल्हासनगर, वाराणसी, वातवा, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरुधुनगर, वृंदावन, यादगीर आदि 121 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

देश में दिल्ली-मुंबई जैसे बड़े शहरों की तुलना में छोटे शहरों की स्थिति कहीं ज्यादा खराब है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 17 अप्रैल 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में बागपत की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित है। उत्तर प्रदेश के इस शहर में वायु गुणवत्ता सूचकांक 297 दर्ज किया गया है।

इसी तरह प्रदूषण के मामले में मेघालय का बर्नीहाट शहर दूसरे स्थान पर है, जहां एक्यूआई का स्तर 227 रिकॉर्ड किया गया। राजगीर में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो प्रदूषण के मामले में आज तीसरे स्थान पर है। बता दें कि राजगीर में सूचकांक 224 बना हुआ है।

भिवाड़ी (218) देश के सबसे प्रदूषित शहरों में चौथे जबकि श्रीगंगानगर   (214) पांचवें स्थान पर है। वहीं 209 अंकों के साथ किशनगंज छठे स्थान पर है। राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। हालांकि दिल्ली में अभी भी वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है। बता दें कि दिल्ली में 16 अंकों के सुधार के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 204 पर पहुंच गया है।

इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में हनुमानगढ़, मेरठ और बद्दी भी शामिल हैं। रुझानों पर नजर डालें तो देश के साथ शहरों में हवा खराब है। वहीं कल से देखें तो खराब हवा वाले शहरों की गिनती में 75 फीसदी का इजाफा हुआ है।

वहीं दूसरी तरफ देश में एक बार फिर रूपनगर की हवा सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई 15 रिकॉर्ड किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बागपत की तुलना रूपनगर से करें तो वहां स्थिति 19 गुणा खराब है। रूपनगर की तरह ही देश के 35 अन्य शहरों में हवा साफ बनी हुई है। अच्छी खबर यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 39 फीसदी का इजाफा हुआ है।

आगरा सहित देश के 121 शहरों में आज वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। इन शहरों में गुवाहाटी, हल्दिया, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलगांव, झालावाड़, झांसी, जोधपुर, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, कन्नूर, कानपुर, काशीपुर, क्योंझर, खन्ना, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोरबा, कुंजेमुरा, महाड, मालेगांव, मंगलौर, मंगुराहा, मुंबई, मुंगेर, नागपुर, नलबाड़ी, नमक्कल, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, ऊटी, पंचगांव, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड, पुदुकोट्टई, पुणे आदि शामिल हैं।

हालांकि कल से देखें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में छह फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

गोरखपुर सहित देश के 71 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।

इनमें अहमदाबाद, अहमदनगर, अजमेर, अमरावती, आरा, औरंगाबाद (बिहार), बद्दी, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बाड़मेर, बठिंडा, बेगूसराय, भरतपुर, भीलवाड़ा, भोपाल, बिलीपाड़ा, बुलन्दशहर, चंद्रपुर, चित्तौड़गढ़, चुरू, दौसा, देवास, धनबाद, धुले, डूंगरपुर, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हापुड, इंफाल, जयपुर, जैसलमेर, जलना, जालौर, झुंझुनूं, करौली, कटनी, कोटा, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, मंडीदीप, मेरठ, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नागौर, नोएडा, पाली, पटियाला, पटना, पीथमपुर, प्रयागराज, रतलाम, सहरसा, सासाराम, सवाई माधोपुर, सीकर, सिंगरौली, सोलापुर, टोंक, तुमकुरु, तुमिडीह, उदयपुर, विशाखापत्तनम आदि शहर शामिल हैं।

कल से देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में कोई बदलाव नहीं हुआ है और स्थिति जस की तस बनी हुई है।

विश्लेषण से पता चला है कि जहां देश के महज 11 फीसदी शहरों में हवा साफ है, वहीं 33 फीसदी में हालात चिंताजनक बने हुई है। देश के 51 फीसदी से अधिक शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 235 में से महज 36 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 121 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 16 अप्रैल 2025 को यह आंकड़ा 129 दर्ज किया गया था।

71 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।दूसरे शहरों की तुलना में बागपत (297) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 300 के करीब पहुंच गया। वहीं कल बांसवाड़ा में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब एक्यूआई 302 रिकॉर्ड किया गया था।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है। इसके साथ ही 16 अंकों के सुधार के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 204 पर पहुंच गया। मतलब कि दिल्ली में वायु गुणवत्ता सुधार के बावजूद अभी भी खराब श्रेणी में बनी हुई है। वहीं आज एक बार फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं। 

गौरतलब है कि पिछले तीन महीनों जनवरी, फरवरी और मार्च 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज भिवाड़ी चौथे स्थान पर है, वहीं बर्नीहाट (227) दूसरे, जबकि राजगीर (224) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 142, गाजियाबाद में 163, गुवाहाटी में 60, हापुड में 109, नोएडा में 169, ग्रेटर नोएडा में 164 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 61 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 127, चेन्नई में 67, चंडीगढ़ में 97, हैदराबाद में 75, जयपुर में 123 और पटना में 124 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 36 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, आइजोल, अमरावती, बागलकोट, बेलगाम, भिलाई, चामराजनगर, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, हुबली, कटिहार, कोप्पल, मदिकेरी, मैहर, मीरा-भायंदर, मैसूर, नगांव, नागपट्टिनम, नयागढ़, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पूर्णिया, रामनाथपुरम, रूपनगर, शिलांग, शिवमोगा, सिलचर, श्री विजया पुरम, सूरत, ठाणे, तंजावुर, तिरुचिरापल्ली, तिरुनेलवेली, वापी, विरार शामिल हैं।

वहीं आगरा, अकोला, अलवर, अमृतसर, अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, अरियालूर, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बालासोर, बरेली, बारीपदा, बैरकपुर, बेलापुर, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भिवंडी, भुवनेश्वर, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, बक्सर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छाल, छपरा, चित्तूर, कोयंबटूर, कटक, दमोह, दावनगेरे, देहरादून, धारवाड़, धौलपुर, डिंडीगुल, दुर्गापुर, एलूर, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, गया, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, हल्दिया, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलगांव, झालावाड़, झांसी, जोधपुर, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, कन्नूर, कानपुर, काशीपुर, क्योंझर, खन्ना, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोरबा, कुंजेमुरा, महाड, मालेगांव, मंगलौर, मंगुराहा, मुंबई, मुंगेर, नागपुर, नलबाड़ी, नमक्कल, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, ऊटी, पंचगांव, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड, पुदुकोट्टई, पुणे, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनगर, रानीपेट, ऋषिकेश, राउरकेला, सागर, सलेम, समस्तीपुर, सांगली, सतना, सिरोही, शिवसागर, सुआकाती, तालचेर, टेन्सा, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुमाला, उज्जैन, उल्हासनगर, वाराणसी, वातवा, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरुधुनगर, वृंदावन, यादगीर आदि 121 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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