दिवाली के छह दिन बाद भी दिल्ली में प्रदूषण घटने का नाम ही नहीं ले रहा। राजधानी में अभी भी हवा 'बेहद खराब' बनी हुई है। हालांकि आज दिल्ली देश का तीसरा सबसे प्रदूषित शहर रहा। लेकिन देखा जाए तो पिछले आठ दिनों से दिल्ली में प्रदूषण का स्तर जानलेवा बना हुआ है। कल से तुलना करें तो आज वायु गुणवत्ता सूचकांक में 21 अंकों की गिरावट जरूर आई है, इसके बावजूद अभी भी एक्यूआई 352 पर बना हुआ है।
आंकड़ों के मुताबिक प्रदूषण के मामले में हनुमानगढ़ की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 के करीब पहुंच गया है। मतलब की वहां वायु गुणवत्ता आपात स्थिति के करीब है। कुछ ऐसी ही स्थिति श्रीगंगानगर में भी दर्ज की गई, जहां एक्यूआई 369 रिकॉर्ड किया गया।
दिल्ली के पड़ोसी शहर फरीदाबाद में भी स्थिति कोई खास अच्छी नहीं। हालांकि वहां भी प्रदूषण में गिरावट जरूर आई है, लेकिन फिर भी वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है। बता दें कि फरीदाबाद में 24 अंकों की गिरावट के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 237 पर पहुंच गया है। फरीदाबाद की तरह ही देश के छोटे-बड़े 60 शहरों में स्थिति 'खराब' बनी हुई है।
इन शहरों में अमृतसर, अंगुल, आसनसोल, बद्दी, बागपत, बहादुरगढ़, बालासोर, बल्लभगढ़, बारां, भरतपुर, भिवाड़ी, भिवानी, भोपाल, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बुलन्दशहर, ब्यासनगर, बर्नीहाट, चंडीगढ़, चरखी दादरी, चुरू, धारूहेड़ा, दुर्गापुर, फरीदाबाद, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, ग्वालियर, हापुड, हिसार, जबलपुर, जयपुर, झुंझुनूं, जींद, करौली, कोटा, कुरूक्षेत्र, लातूर, लुधियाना, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मांडीखेड़ा, मेरठ, मुजफ्फरनगर, नागौर, नागपुर, नांदेड़, नोएडा, पंचकुला, पटियाला, पटना, रोहतक, सवाई माधोपुर, सीकर, सिंगरौली, सिरसा, सूरत, तालचेर, यमुनानगर शामिल हैं।
वहीं कल के मुकाबले देखें तो देश में 'खराब' वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 25 फीसदी का इजाफा हुआ है।
दूसरी तरफ देश के महज 18 शहरों में वायु गुणवत्ता साफ रह गई है। इन शहरों में आइजोल, गंगटोक, कलबुर्गी, कोलार, कोल्लम, कोप्पल, मंगलौर, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, उडुपी, विजयपुरा आदि शामिल हैं। हालांकि कल से तुलना करें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की संख्या में 47 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।
बता दें कि देश में गंगटोक की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई 29 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर हनुमानगढ़ की तुलना गंगटोक से करें तो वहां स्थिति 13 गुणा ज्यादा खराब है।
राहत की बात यह रही की अभी भी देश के 48 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। हालांकि इन शहरों में भी कल से चार फीसदी की गिरावट आई है। इन शहरों में कांचीपुरम, करूर, कारवार, कोहिमा, मदिकेरी, मदुरै, मोतिहारी, मैसूर, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, ऊटी, रायपुर, राजसमंद, रामनगर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सतना, शिवमोगा, सिलीगुड़ी, सिरोही आदि शामिल हैं।
ताजा रुझानों के मुताबिक देश के 132 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम है।
इन शहरों में आगरा, अहमदाबाद, अहमदनगर, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अम्बाला, अमरावती, अररिया, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बांसवाड़ा, बारबिल, बरेली, बारीपदा, बाड़मेर, बैरकपुर, बठिंडा, बेगूसराय, बेलापुर, बेंगलुरु, भागलपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भुवनेश्वर, बीदर, बिहारशरीफ, बोईसर, ब्रजराजनगर, बक्सर, चंद्रपुर, चेन्नई, छाल, छपरा, चिकबलपुर, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, कटक, दौसा, देहरादून, देवास, धुले, डिंडीगुल, डूंगरपुर, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, हाजीपुर, हावेरी, हावड़ा, हैदराबाद, इंफाल, इंदौर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जलना, जालौर, झालावाड़, झांसी, जोधपुर, कडपा, कैथल, कल्याण, कानपुर, काशीपुर, कटिहार, कटनी, खन्ना, खुर्जा, किशनगंज, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, कुंजेमुरा, लखनऊ, महाड, मानेसर, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नारनौल, नासिक, नवी मुंबई, पाली, पलवल, पानीपत, परभनी, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, पुणे, पूर्णिया, रायचुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रानीपेट, रतलाम, राउरकेला, रूपनगर, सागर, सहरसा, सलेम, समस्तीपुर, सांगली, सासाराम, सिवान, सोलापुर, सुआकाती, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, तिरुपति, तुमकुरु, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वापी, वेल्लोर, विरार, विशाखापत्तनम, वृंदावन शामिल हैं।
वहीं कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में आठ फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
कुल मिलाकर देखें तो देश के करीब सात फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर है। वहीं 18 फीसदी शहरों में यह स्तर संतोषजनक बना हुआ है, जबकि करीब 75 फीसदी शहरों में प्रदूषण से हालात खराब हैं।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 06 नवंबर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 261 में से 18 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 48 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 05 नवंबर 2024 यह आंकड़ा 50 दर्ज किया गया था। 132 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।
दूसरे शहरों की तुलना में हनुमानगढ़ (396) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 400 के करीब पहुंच गया है। वहीं कल झुंझुनूं में स्थिति सबसे ज्यादा खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 376 तक पहुंच गया था। आज दिल्ली प्रदूषण के मामले में तीसरे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 352 दर्ज किया गया।
गौरतलब है कि कल से दिल्ली के प्रदूषण में 21 अंकों की गिरावट आई है। इसके बाद वहां एक्यूआई 352 रिकॉर्ड किया गया। मतलब की हवा 'बेहद खराब' बनी हुई है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 237, गाजियाबाद में 281, गुरुग्राम में 293, नोएडा में 265, ग्रेटर नोएडा में 264 पर पहुंच गया है।
देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 158 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 149, चेन्नई में 107, चंडीगढ़ में 283, हैदराबाद में 111, जयपुर में 280 और पटना में 236 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 18 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, बागलकोट, चामराजनगर, गंगटोक, कलबुर्गी, कोलार, कोल्लम, कोप्पल, मंगलौर, नगांव, नलबाड़ी, सिलचर, तंजावुर, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, उडुपी, विजयपुरा शामिल रहे।
वहीं अगरतला, अनंतपुर, अंकलेश्वर, अरियालूर, आरा, बेलगाम, बेतिया, बिलासपुर, चेंगलपट्टू, चिक्कामगलुरु, दमोह, दावनगेरे, धारवाड़, एलूर, फिरोजाबाद, गडग, गुवाहाटी, हल्दिया, हसन, हुबली, कांचीपुरम, करूर, कारवार, कोहिमा, मदिकेरी, मदुरै, मोतिहारी, मैसूर, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, ऊटी, रायपुर, राजसमंद, रामनगर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सतना, शिवमोगा, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, तिरुचिरापल्ली, तिरुपुर, वाराणसी, वातवा, विजयवाड़ा, विरुधुनगर, यादगीर आदि 48 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।