देश में प्रदूषण का शिकंजा एक बार फिर कसने लगा है। इसकी धमक साफ तौर पर आंकड़ों पर भी नजर आती है। कल की तुलना में देखें तो देश में साफ हवा वाले शहरों में 26 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। वहीं दूसरी तरफ प्रदूषित शहरों की संख्या एक से बढ़कर तीन पर पहुंच गई है। गौरतलब है कि जहां कल देश के 91 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर था, वहीं आज यह आंकड़ा घटकर 67 पर पहुंच गया है।
देश के सबसे प्रदूषित शहरों की बात करें तो बहादुरगढ़ में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता का स्तर 224 दर्ज किया गया है। इसी तरह मंडी गोबिंदगढ़ (218) और ग्रेटर नोएडा (216) में भी वायु गुणवत्ता दमघोंटू हो चुकी है। इनके साथ ही देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में नोएडा, बल्लभगढ़, गाजियाबाद, दिल्ली, मेरठ, मुजफ्फरनगर और बागपत शामिल थे।
वहीं दूसरी तरफ देश में कारवार की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई 22 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बहादुरगढ़ की तुलना कारवार से करने तो स्थिति दस गुणा ज्यादा खराब है। बता दें कि देश में सबसे साफ हवा वाले दस शहरों में गंगटोक, कुंजेमुरा, दावनगेरे, कांचीपुरम, नयागढ़, प्रयागराज, मिलुपारा, छाल, और तिरुनेलवेली शामिल थे। कुल मिलकर देखें तो देश के 67 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है।
इन शहरों में प्रयागराज, पुदुचेरी, रायपुर, रायरंगपुर, रामनगर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, राउरकेला, सलेम, सांगली, शिवसागर, टेन्सा, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, तिरुपति, उडुपी, विजयपुरा, विरुधुनगर आदि शहर शामिल थे। हालांकि कल के मुकाबले देखें तो देश में बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 26 फीसदी की गिरावट आई है।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से राजधानी दिल्ली की हवा पहले से कहीं ज्यादा दूषित हो गई है, जहां 33 अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 172 पर पहुंच गया है। कुछ ऐसी ही स्थिति फरीदाबाद की भी है, जहां वायु गुणवत्ता में आठ अंकों की गिरावट आई है, जिसके बाद वायु गुणवत्ता का स्तर 119 पर पहुंच गया है। इन दोनों ही शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम बना हुआ है।
इसी तरह देश के 45 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम स्तर पर बनी हुई है। इन शहरों में अलवर, अमृतसर, बद्दी, बागपत, बल्लभगढ़, बांसवाड़ा, बठिंडा, बेतिया, भोपाल, बुलन्दशहर, बर्नीहाट, चंडीगढ़, चरखी दादरी, चित्तौड़गढ़, चुरू, दौसा, दिल्ली, फरीदाबाद, फिरोजाबाद, गाजियाबाद, गुरूग्राम, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हापुड, हिसार, जयपुर, जलगांव, जलना, झुंझुनूं, जींद, करनाल, खन्ना, कुरूक्षेत्र, लुधियाना, मंडीदीप, मानेसर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, नोएडा, पाली, पटियाला, रायचुर, रूपनगर, समस्तीपुर, सवाई माधोपुर, श्रीगंगानगर, विशाखापत्तनम शामिल थे।
वहीं कल की तुलना में देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब 81 फीसदी का इजाफा हुआ है।
आंकड़ों के मुताबिक देश के 130 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। इन शहरों में देहरादून, देवास, धारूहेड़ा, धारवाड़, धौलपुर, धुले, दुर्गापुर, फतेहाबाद, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, हल्दिया, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जैसलमेर, जालंधर, जालौर, झालावाड़, झांसी आदि शहर शामिल थे। वहीं कल के मुकाबले देखें तो देश में संतोषजनक वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में करीब सात फीसदी का इजाफा हुआ है।
कुल मिलाकर देखें तो देश में 27 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर बेहतर बना हुआ है। वहीं करीब 53 फीसदी शहरों में स्थिति संतोषजनक है, जबकि 20 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 17 सितम्बर 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 247 में से 67 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 130 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 16 सितम्बर 2024 यह आंकड़ा 122 दर्ज किया गया था। 47 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।
दूसरे शहरों की तुलना में बहादुरगढ़ (224) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 250 के करीब पहुंच गया है। यदि दिल्ली (172) की बात करें तो वहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में पहुंच गई है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स में कल से 33 अंकों का इजाफा हुआ है।
दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 119, गाजियाबाद में 180, गुरुग्राम में 123, नोएडा में 194, ग्रेटर नोएडा में 216 पर पहुंच गया है।
देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 60 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'संतोषजनक' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 74, चेन्नई में 51, चंडीगढ़ में 114, हैदराबाद में 68, जयपुर में 111 और पटना में 70 दर्ज किया गया।
इन शहरों की हवा रही सबसे साफ
देश के जिन 67 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, अनंतपुर, अरियालूर, बागलकोट, बारीपदा, बेगूसराय, बेलगाम, भिलाई, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, ब्रजराजनगर, ब्यासनगर, चामराजनगर, चेंगलपट्टू, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, कुड्डालोर, कटक, दावनगेरे, डिंडीगुल, गडग, गंगटोक, हुबली, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, कारवार, कटनी, क्योंझर, कोहिमा, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, मदिकेरी, मंगलौर, मिलुपारा, मोतिहारी, मुंगेर, मैसूर, नागौर, नाहरलगुन, नारनौल, नयागढ़, पालकलाईपेरुर, पलवल, पिंपरी-चिंचवाड, प्रयागराज, पुदुचेरी, रायपुर, रायरंगपुर, रामनगर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, राउरकेला, सलेम, सांगली, शिवसागर, टेन्सा, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुनेलवेली, तिरुपति, उडुपी, विजयपुरा, विरुधुनगर शामिल रहे।
वहीं आगरा, अहमदाबाद, अहमदनगर, आइजोल, अजमेर, अकोला, अमरावती, अम्बाला, अमरावती, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बालासोर, बारां, बारबिल, बरेली, बाड़मेर, बैरकपुर, बेलापुर, बेंगलुरु, भागलपुर, भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, भिवंडी, भिवानी, बीदर, बिहारशरीफ, बीकानेर, बोईसर, बूंदी, बक्सर, चंद्रपुर, चेन्नई, छपरा, चित्तूर, कोयंबटूर, दमोह, देहरादून, देवास, धारूहेड़ा, धारवाड़, धौलपुर, धुले, दुर्गापुर, फतेहाबाद, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, हल्दिया, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जैसलमेर, जालंधर, जालौर, झालावाड़, झांसी, जोधपुर, कैथल, कानपुर, करौली, काशीपुर, कटिहार, खुर्जा, किशनगंज, कोलार, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोटा, लातूर, लखनऊ, महाड, मालेगांव, मांडीखेड़ा, मंगुराहा, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नगांव, नागपुर, नलबाड़ी, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, ऊटी, पंचकुला, परभनी, पटना, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुणे, पूर्णिया, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, रतलाम, रोहतक, सागर, सहरसा, सतना, शिवमोगा, सीकर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, सिरोही, सिरसा, सोलापुर, तालचेर, ठाणे, थूथुकुडी, तिरुपुर, टोंक, तुमकुरु, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वापी, वाराणसी, वातवा, वेल्लोर, विरार, वृंदावन, यादगीर, यमुनानगर आदि 130 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, कैसे जा सकता है समझा?
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।