दिल्ली-फरीदाबाद सहित कई शहरों में घटा प्रदूषण, बिहार में अभी भी चिंताजनक है स्थिति

प्रदूषण के मामले में आज हाजीपुर पहले स्थान पर है, जहां एक्यूआई 299 रिकॉर्ड किया गया। वहीं 241 अंकों के साथ बिहार शरीफ दूसरे, जबकि पटना तीसरे स्थान पर रहा
सांसों में घुलता जहर बड़ों के साथ-साथ बच्चों के स्वास्थ्य को भी बुरी तरह प्रभावित कर रहा है; फोटो: विकास चौधरी/ सीएसई
सांसों में घुलता जहर बड़ों के साथ-साथ बच्चों के स्वास्थ्य को भी बुरी तरह प्रभावित कर रहा है; फोटो: विकास चौधरी/ सीएसई
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केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 21 फरवरी 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली और आसपास के शहरों में प्रदूषण में गिरावट आई है। फरीदाबाद में तो 42 अंकों के सुधार के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 84 पर पहुंच गया। मतलब कि वहां वायु गुणवत्ता मध्यम से संतोषजनक हो गई है।

दिल्ली में भी प्रदूषण के स्तर में दो अंकों की मामूली गिरावट दर्ज की गई है।

आंकड़ों पर नजर डालें तो साफ हवा वाले शहरों की गिनती में कल यानी 20 फरवरी 2025 से करीब सौ फीसदी का इजाफा हुआ है। इसके साथ ही इन शहरों की गिनती बढ़कर 18 पर पहुंच गई है।

इन शहरों में रामनाथपुरम की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 33 रिकॉर्ड किया गया। दूसरी तरफ देश में हाजीपुर की हवा सबसे प्रदूषित रही, जहां एक्यूआई 299 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि हाजीपुर की तुलना रामनाथपुरम से करें तो वहां स्थिति आठ गुणा बेहतर है। रामनाथपुरम की तरह देश के जिन शहरों में हवा साफ है, उनमें देहरादून, झांसी, कांचीपुरम, करूर, खन्ना, नागपट्टिनम, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, ऋषिकेश आदि शामिल हैं।

हाजीपुर की तरह ही आज देश के चार अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है। इन शहरों में औरंगाबाद (बिहार), बिहार शरीफ, बर्नीहाट, पटना शामिल हैं। अच्छी खबर यह है कि कल से देश में 'खराब' हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 38 फीसदी की गिरावट आई है। प्रदूषण के मामले में आज हाजीपुर पहले स्थान पर है, जहां एक्यूआई 299 रिकॉर्ड किया गया है। 241 अंकों के साथ बिहार शरीफ दूसरे, जबकि पटना (228) तीसरे स्थान पर बना हुआ है।

रुझानों में यह भी सामने आया है कि फरीदाबाद सहित देश के 120 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है।

इन शहरों में कल्याण, कन्नूर, करौली, क्योंझर, खुर्जा, कोहिमा, कोलार, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, लातूर, लुधियाना, मदिकेरी, मदुरै, मैहर, मंडी गोबिंदगढ़, मंगुराहा, मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, मैसूर, नगांव, नागपुर, नांदेड़, नयागढ़, ऊटी, परभनी, पटियाला, प्रयागराज, पुदुकोट्टई, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनगर, रानीपेट, राउरकेला, सागर, समस्तीपुर, सांगली, सतना, सिलचर, शिवसागर आदि शामिल हैं।

कल (20 फरवरी 2025) से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में भी करीब दो फीसदी का इजाफा हुआ है।

ताजा रुझानों को देखें तो देश के जहां करीब आठ फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं दूसरी तरफ 40 फीसदी में हालात चिंताजनक बने हुए हैं। वहीं फरीदाबाद सहित करीब 52 फीसदी शहरों में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है।

आंकड़ों के मुताबिक देश के छोटे बड़े 88 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है।

इन शहरों में अगरतला, अहमदाबाद, अहमदनगर, अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, आरा, आसनसोल, बदलापुर, बांसवाड़ा, बाड़मेर, बैरकपुर, बेगूसराय, बेलापुर, बेतिया, भागलपुर, भीलवाड़ा, भिवाड़ी, बूंदी, बक्सर, चंद्रपुर, चित्तौड़गढ़, दौसा, दावनगेरे, दिल्ली, देवास, धनबाद, धौलपुर, डूंगरपुर, दुर्गापुर, गांधीनगर, गया, गोरखपुर, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, गुवाहाटी, ग्वालियर, हसन, हावड़ा, जयपुर, जैसलमेर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर, कडपा, कानपुर, कटनी, किशनगंज, कोरबा, कोटा, कुंजेमुरा, लखनऊ, महाड, मालेगांव, मंडीदीप, मंगलौर, मीरा-भायंदर, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नागौर, नलबाड़ी, नासिक, नवी मुंबई, नोएडा, पाली, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुणे, रायपुर, रतलाम, सहरसा, सीकर, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, सिरोही, सिवान, सोलापुर, तालचेर, टोंक, तुमकुरु, उदयपुर, वापी, वातवा, यादगीर शामिल हैं।

कल (20 फरवरी 2025) से देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में नौ फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 21 फरवरी 2025 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 231 में से महज 18 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 120 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 20 फरवरी 2025 को यह आंकड़ा 118 दर्ज किया गया।

88 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में हाजीपुर (299) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 300 के करीब पहुंच गया। वहीं कल राजगीर में हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 330 दर्ज किया गया था।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 2 अंकों की भारी गिरावट आई है। दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर सुधारकर 158 पर पहुंच गया, इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘खराब’ से मध्यम स्तर पर पहुंच गई है।

गौरतलब है कि जनवरी 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।

देखा जाए तो प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज औरंगाबाद (बिहार) चौथे स्थान पर है, वहीं बिहार शरीफ (241) दूसरे, जबकि पटना (228) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 84, गाजियाबाद में 81, गुरुग्राम में 160, नोएडा में 107, ग्रेटर नोएडा में 99 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 109 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 191, चेन्नई में 68, चंडीगढ़ में 55, हैदराबाद में 95, जयपुर में 124 और पटना में 228 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 18 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें बरेली, बठिंडा, चामराजनगर, देहरादून, झांसी, कांचीपुरम, करूर, खन्ना, नागपट्टिनम, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, शिवमोगा, श्रीगंगानगर, थूथुकुडी, तिरुनेलवेली, विजयपुरा शामिल हैं।

वहीं आगरा, आइजोल, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अमरावती, अमृतसर, अनंतपुर, अरियालूर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बालासोर, बारबिल, बारीपदा, बेंगलुरु, भरतपुर, भिलाई, भिवंडी, भोपाल, भुवनेश्वर, बीकानेर, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बोईसर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चेन्नई, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, चुरू, कोयंबटूर, कुड्डालोर, कटक, दमोह, धारवाड़, डिंडीगुल, एलूर, फरीदाबाद, फिरोजाबाद, गंगटोक, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, हल्दिया, हनुमानगढ़, हापुड, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलना, कलबुर्गी, कल्याण, कन्नूर, करौली, क्योंझर, खुर्जा, कोहिमा, कोलार, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, लातूर, लुधियाना, मदिकेरी, मदुरै, मैहर, मंडी गोबिंदगढ़, मंगुराहा, मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, मैसूर, नगांव, नागपुर, नांदेड़, नयागढ़, ऊटी, परभनी, पटियाला, प्रयागराज, पुदुकोट्टई, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनगर, रानीपेट, राउरकेला, सागर, समस्तीपुर, सांगली, सतना, सिलचर, शिवसागर, श्री विजया पुरम, सुआकाती, सूरत, टेन्सा, ठाणे, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुपति, तिरुपुर, तुमिडीह, उज्जैन, उल्हासनगर, वाराणसी, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरार, विरुधुनगर, वृंदावन आदि 120 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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