प्रदूषण के समीकरण: प्रदूषण में अव्वल गुरूग्राम, सवाई माधोपुर में 243 पर पहुंचा एक्यूआई

सरकारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि देश के जहां करीब 21 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 33 फीसदी में हालात चिंताजनक बने हुए हैं
देश की राजधानी दिल्ली में अपने बच्चे के साथ फुटपाथ पर आराम करती बेघर महिला; फोटो: आईस्टॉक
देश की राजधानी दिल्ली में अपने बच्चे के साथ फुटपाथ पर आराम करती बेघर महिला; फोटो: आईस्टॉक
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देश में प्रदूषण की स्थिति आज मिली जुली है, जहां कुछ शहरों में प्रदूषण बढ़ा तो कुछ में घटा है। इन सबके बीच गुरूग्राम की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित रही। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 30 अप्रैल 2025 को जारी आंकड़ों से पता चला है कि गुरूग्राम में वायु गुणवत्ता सूचकांक 270 पर बना हुआ है। मतलब की वहां हवा 'खराब' बनी हुई है।

बता दें कि इस दौरान वहां की हवा में ओजोन पूरी तरह हावी है।

रुझानों में यह भी सामने आया है कि देश में प्रदूषण के मामले में राजस्थान का सवाई माधोपुर दूसरे स्थान पर है। वहां एक्यूआई 243 रिकॉर्ड किया गया है। इसी तरह 233 अंकों के साथ श्री गंगानगर तीसरे जबकि दौसा चौथे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 232 दर्ज किया गया है।

भिवाड़ी और बीकानेर में भी स्थिति कोई खास अच्छी नहीं है और इन दोनों शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 212 रिकॉर्ड किया गया है। प्रदूषण के मामले में यह शहर पांचवें और छठे स्थान पर रहे। नागौर में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो आज सातवां सबसे प्रदूषित शहर है, जबकि करौली आठवे वहीं कोटा नौवें स्थान पर बना हुआ है। इसी तरह पाली भी देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल हैं, जहां एक्यूआई 205 दर्ज किया गया।

रुझानों को देखें तो देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में अधिकांश राजस्थान के थे। कल की तरह आज भी देश के 11 शहरों में हवा खराब है। इन शहरों में झुंझुनूं भी शामिल है, जहां एक्यूआई 202 रिकॉर्ड किया गया है।

राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण में गिरावट आई है। वहां 11 अंकों के सुधार के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 198 पर पहुंच गया है। वहीं दूसरी तरफ आज देश में कुड्डालोर की हवा सबसे साफ रही, जहां एक्यूआई 22 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर गुरूग्राम की तुलना कुड्डालोर से करें तो वहां स्थिति 11 गुणा खराब है।

कुड्डालोर की तरह ही देश के 47 शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में चेन्नई, कुड्डालोर, दमोह, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, हुबली, कलबुर्गी, कटिहार, किशनगंज, मदिकेरी, मदुरै, मीरा-भायंदर, मुंगेर, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, नलबाड़ी, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रामनाथपुरम, रानीपेट, सहरसा, सलेम, समस्तीपुर, शिवमोगा, सिलचर, शिवसागर आदि शामिल हैं। कल से देखें तो देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में कोई बदलाव नहीं हुआ है और स्थिति जस की तस बनी हुई है।

रुझानों में यह भी सामने आया है कि अगरतला सहित देश के 105 शहरों में हवा संतोषजनक है। इन शहरों में कोलकाता, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, लुधियाना, महाड, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नगांव, नमक्कल, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, पंचगांव, परभनी, पटना, प्रयागराज, पूर्णिया, राजसमंद, ऋषिकेश, सागर, सांगली, सासाराम, शिलांग, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, सिरोही, सिवान, सोलापुर, सुआकाती, तालचेर, ठाणे, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुपुर, उज्जैन आदि शामिल हैं।

हालांकि कल से तुलना करें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में पांच फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

बाड़मेर सहित देश के 64 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है।

इन शहरों में बूंदी, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, चित्तौड़गढ़, चुरू, देहरादून, दिल्ली, देवास, धनबाद, धौलपुर, धुले, डूंगरपुर, गांधीनगर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, ग्वालियर, हापुड, इंफाल, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलगांव, जालौर, झालावाड़, जोधपुर, खन्ना, खुर्जा, लखनऊ, मालेगांव, मंगुराहा, मेरठ, मुजफ्फरनगर, नागपुर, नोएडा, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुणे, रतलाम, राउरकेला, सीकर आदि शामिल हैं। कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 14 फीसदी का इजाफा हुआ है।

विश्लेषण से पता चला है कि देश के जहां करीब 21 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 33 फीसदी में हालात चिंताजनक बने हुए हैं। वहीं 46 फीसदी से अधिक शहरों में स्थिति संतोषजनक है।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 227 में से 47 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। 105 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 29 अप्रैल 2025 को यह आंकड़ा 111 दर्ज किया गया था।

64 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।दूसरे शहरों की तुलना में गुरूग्राम (270) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 280 के करीब पहुंच गया। कल बारां में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब एक्यूआई 298 रिकॉर्ड किया गया।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है। इसके साथ ही 11 अंकों के सुधार के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक घटकर 198 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता खराब से मध्यम श्रेणी में पहुंच गई है। वहीं आज एक बार फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।  

गौरतलब है कि पिछले तीन महीनों जनवरी, फरवरी और मार्च 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।

आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज दौसा चौथे स्थान पर है, वहीं सवाई माधोपुर (243) दूसरे, जबकि श्री गंगानगर (233) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 158, गाजियाबाद में 146, गुवाहाटी में 44, गुरूग्राम में 270, नोएडा में 176, ग्रेटर नोएडा में 140 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 61 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 123, चेन्नई में 46, चंडीगढ़ में 118, हैदराबाद में 74, जयपुर में 185 और पटना में 65 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 47 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल, अनंतपुर, अरियालूर, आरा, बागलकोट, बेलगाम, भागलपुर, भिलाई, बक्सर, चामराजनगर, चेन्नई, कुड्डालोर, दमोह, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, हुबली, कलबुर्गी, कटिहार, किशनगंज, मदिकेरी, मदुरै, मीरा-भायंदर, मुंगेर, नागपट्टिनम, नाहरलगुन, नलबाड़ी, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, रायपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनगर, रामनाथपुरम, रानीपेट, सहरसा, सलेम, समस्तीपुर, शिवमोगा, सिलचर, शिवसागर, सूरत, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपति, वापी शामिल हैं।

वहीं अगरतला, अकोला, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र), अंकलेश्वर, अररिया, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बालासोर, बरेली, बारीपदा, बैरकपुर, बेगूसराय, बेलापुर, बेंगलुरु, बेतिया, भीलवाड़ा, भिवंडी, भुवनेश्वर, बोईसर, ब्रजराजनगर, बर्नीहाट, चेंगलपट्टू, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, कोयंबटूर, कटक, दावनगेरे, धारवाड़, डिंडीगुल, दुर्गापुर, एलूर, फिरोजाबाद, गया, गोरखपुर, हाजीपुर, हल्दिया, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जलना, झांसी, कडपा, कल्याण, कांचीपुरम, कानपुर, काशीपुर, कटनी, क्योंझर, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, लातूर, लुधियाना, महाड, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नगांव, नमक्कल, नांदेड़, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, ऊटी, पंचगांव, परभनी, पटना, प्रयागराज, पूर्णिया, राजसमंद, ऋषिकेश, सागर, सांगली, सासाराम, शिलांग, सिलीगुड़ी, सिंगरौली, सिरोही, सिवान, सोलापुर, सुआकाती, तालचेर, ठाणे, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वाराणसी, वातवा, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरार, विशाखापत्तनम, वृंदावन आदि 105 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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