
दिल्ली-फरीदाबाद में प्रदूषण के स्तर में एक बार फिर अच्छी-खासी गिरावट आई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 12 फरवरी 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में कल से प्रदूषण के स्तर में 81 अंकों का सुधार आया है, जिसके साथ ही दिल्ली की वायु गुणवत्ता सुधरकर 212 पर पहुंच गई है। हालांकि वायु गुणवत्ता का स्तर अभी भी 'खराब' बना हुआ है।
इसी तरह फरीदाबाद की वायु गुणवत्ता में भी 48 अंकों का सुधार दर्ज किया गया है, जिसके साथ ही फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक गिरकर 143 पर पहुंच गया।
भले ही दिल्ली-फरीदाबाद की तरह ही कई अन्य शहरों में आज वायु गुणवत्ता में सुधार देखा गया है, लेकिन इसके बावजूद अभी भी देश के महज पांच फीसदी शहरों में हवा साफ है, वहीं दूसरी तरफ करीब 58 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं।
ताजा रुझानों के मुताबिक आज मध्यप्रदेश के देवास में हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 302 रिकॉर्ड किया गया है। वहीं प्रदूषण के मामले में आज बर्नीहाट दूसरे स्थान पर रहा, जहां एक्यूआई 295 रिकॉर्ड किया गया। इसी तरह कुंजेमुरा (272) तीसरे, जबकि हाजीपुर (270) चौथे स्थान पर रहा। गंगटोक में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 265 रिकॉर्ड किया गया है।
264 अंकों के साथ आज सिलीगुड़ी प्रदूषण के मामले में छठे स्थान पर बना हुआ है। इसी तरह दुर्गापुर प्रदूषण के मामले में सातवें स्थान पर है, जहां एक्यूआई 245 दर्ज किया गया है। इसी तरह आसनसोल (243) आठवें, जबकि तालचेर (231) नौवें स्थान पर है। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में रतलाम 229 अंकों के साथ दसवें पायदान पर है।
गौरतलब है कि देश के छोटे बड़े 15 शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है। इन शहरों में अहमदनगर, आसनसोल, बर्नीहाट, दिल्ली, धनबाद, दुर्गापुर, गंगटोक, गुरूग्राम, हाजीपुर, कुंजेमुरा, रतलाम, सिलीगुड़ी, सुआकाती, तालचेर, वापी शामिल हैं। वहीं कल से देखें तो देश में खराब हवा वाले शहरों की गिनती में कल से 35 फीसदी की गिरावट आई है।
वहीं दूसरी तरफ आज देश में तिरुनेलवेली की हवा सबसे साफ रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 30 रिकॉर्ड किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर देवास की तुलना तिरुनेलवेली से करें तो स्थिति नौ गुणा खराब है। तिरुनेलवेली की तरह ही देश के 11 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है। इनमें झांसी, कोलार, मदिकेरी, मैहर, पालकलाईपेरुर, पुदुचेरी, शिवसागर आदि शहर शामिल हैं। राहत की बात यह रही कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 33 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
देश में आगरा सहित 86 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। इन शहरों में मुरादाबाद, मैसूर, नगांव, नलबाड़ी, ऊटी, पटियाला, प्रयागराज, पुदुकोट्टई, पूर्णिया, रायपुर, राजगीर, राजसमंद, रामनगर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सागर, समस्तीपुर, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, सिवान, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर आदि शामिल हैं। कल से देखें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में 28 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
आंकड़ों के मुताबिक देश के 118 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम बना हुआ है। कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब 12 फीसदी का इजाफा हुआ है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 12 फरवरी 2025 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 232 में से महज 12 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 86 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 11 फरवरी 2025 को यह आंकड़ा 67 दर्ज किया गया।
118 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में देवास (302) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 310 के करीब पहुंच गया। वहीं कल भिवाड़ी में हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 327 दर्ज किया गया था।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 81 अंकों की भारी गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर गिरकर 212 पर पहुंच गया, मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता अभी भी ‘खराब' स्तर पर बनी हुई है।
गौरतलब है कि जनवरी 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।
देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज हाजीपुर चौथे स्थान पर है, वहीं बर्नीहाट (295) दूसरे, जबकि कुंजेमुरा (272) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 143, गाजियाबाद में 142, गुरुग्राम में 226, नोएडा में 150, ग्रेटर नोएडा में 162 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 109 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 148, चेन्नई में 91, चंडीगढ़ में 101, हैदराबाद में 97, जयपुर में 137 और पटना में 150 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 12 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें चामराजनगर, गडग, झांसी, कोलार, मदिकेरी, मैहर, पालकलाईपेरुर, पुदुचेरी, शिवसागर, थूथुकुडी, तिरुनेलवेली, वाराणसी शामिल हैं।
वहीं आगरा, अहमदाबाद, आइजोल, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अमृतसर, अनंतपुर, अरियालूर, आरा, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बरेली, बठिंडा, बेंगलुरु, भागलपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भुवनेश्वर, बिलासपुर, चेन्नई, छाल, चिकबलपुर, चित्तूर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दावनगेरे, देहरादून, धारवाड़, धुले, डिंडीगुल, डूंगरपुर, एलूर, फिरोजाबाद, हल्दिया, हसन, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, झालावाड़, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कन्नूर, कानपुर, कटिहार, खन्ना, कोलकाता, कोल्लम, कोरबा, लुधियाना, मदुरै, मिलुपारा, मुरादाबाद, मैसूर, नगांव, नलबाड़ी, ऊटी, पटियाला, प्रयागराज, पुदुकोट्टई, पूर्णिया, रायपुर, राजगीर, राजसमंद, रामनगर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सागर, समस्तीपुर, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, सिवान, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, उदयपुर, उडुपी, उज्जैन, वेल्लोर, विरुधुनगर आदि 86 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।
दिल्ली-फरीदाबाद में प्रदूषण के स्तर में एक बार फिर अच्छी-खासी गिरावट आई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 12 फरवरी 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में कल से प्रदूषण के स्तर में 81 अंकों का सुधार आया है, जिसके साथ ही दिल्ली की वायु गुणवत्ता सुधरकर 212 पर पहुंच गई है। हालांकि वायु गुणवत्ता का स्तर अभी भी 'खराब' बना हुआ है।
इसी तरह फरीदाबाद की वायु गुणवत्ता में भी 48 अंकों का सुधार दर्ज किया गया है, जिसके साथ ही फरीदाबाद में वायु गुणवत्ता सूचकांक गिरकर 143 पर पहुंच गया।
भले ही दिल्ली-फरीदाबाद की तरह ही कई अन्य शहरों में आज वायु गुणवत्ता में सुधार देखा गया है, लेकिन इसके बावजूद अभी भी देश के महज पांच फीसदी शहरों में हवा साफ है, वहीं दूसरी तरफ करीब 58 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं।
ताजा रुझानों के मुताबिक आज मध्यप्रदेश के देवास में हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 302 रिकॉर्ड किया गया है। वहीं प्रदूषण के मामले में आज बर्नीहाट दूसरे स्थान पर रहा, जहां एक्यूआई 295 रिकॉर्ड किया गया। इसी तरह कुंजेमुरा (272) तीसरे, जबकि हाजीपुर (270) चौथे स्थान पर रहा। गंगटोक में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 265 रिकॉर्ड किया गया है।
264 अंकों के साथ आज सिलीगुड़ी प्रदूषण के मामले में छठे स्थान पर बना हुआ है। इसी तरह दुर्गापुर प्रदूषण के मामले में सातवें स्थान पर है, जहां एक्यूआई 245 दर्ज किया गया है। इसी तरह आसनसोल (243) आठवें, जबकि तालचेर (231) नौवें स्थान पर है। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में रतलाम 229 अंकों के साथ दसवें पायदान पर है।
गौरतलब है कि देश के छोटे बड़े 15 शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है। इन शहरों में अहमदनगर, आसनसोल, बर्नीहाट, दिल्ली, धनबाद, दुर्गापुर, गंगटोक, गुरूग्राम, हाजीपुर, कुंजेमुरा, रतलाम, सिलीगुड़ी, सुआकाती, तालचेर, वापी शामिल हैं। वहीं कल से देखें तो देश में खराब हवा वाले शहरों की गिनती में कल से 35 फीसदी की गिरावट आई है।
वहीं दूसरी तरफ आज देश में तिरुनेलवेली की हवा सबसे साफ रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 30 रिकॉर्ड किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर देवास की तुलना तिरुनेलवेली से करें तो स्थिति नौ गुणा खराब है। तिरुनेलवेली की तरह ही देश के 11 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है। इनमें झांसी, कोलार, मदिकेरी, मैहर, पालकलाईपेरुर, पुदुचेरी, शिवसागर आदि शहर शामिल हैं। राहत की बात यह रही कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 33 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
देश में आगरा सहित 86 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। इन शहरों में मुरादाबाद, मैसूर, नगांव, नलबाड़ी, ऊटी, पटियाला, प्रयागराज, पुदुकोट्टई, पूर्णिया, रायपुर, राजगीर, राजसमंद, रामनगर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सागर, समस्तीपुर, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, सिवान, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर आदि शामिल हैं। कल से देखें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में 28 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
आंकड़ों के मुताबिक देश के 118 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर मध्यम बना हुआ है। कल से तुलना करें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब 12 फीसदी का इजाफा हुआ है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 12 फरवरी 2025 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 232 में से महज 12 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 86 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 11 फरवरी 2025 को यह आंकड़ा 67 दर्ज किया गया।
118 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में देवास (302) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 310 के करीब पहुंच गया। वहीं कल भिवाड़ी में हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 327 दर्ज किया गया था।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 81 अंकों की भारी गिरावट आई है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर गिरकर 212 पर पहुंच गया, मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता अभी भी ‘खराब' स्तर पर बनी हुई है।
गौरतलब है कि जनवरी 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।
देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज हाजीपुर चौथे स्थान पर है, वहीं बर्नीहाट (295) दूसरे, जबकि कुंजेमुरा (272) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 143, गाजियाबाद में 142, गुरुग्राम में 226, नोएडा में 150, ग्रेटर नोएडा में 162 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 109 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 148, चेन्नई में 91, चंडीगढ़ में 101, हैदराबाद में 97, जयपुर में 137 और पटना में 150 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 12 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें चामराजनगर, गडग, झांसी, कोलार, मदिकेरी, मैहर, पालकलाईपेरुर, पुदुचेरी, शिवसागर, थूथुकुडी, तिरुनेलवेली, वाराणसी शामिल हैं।
वहीं आगरा, अहमदाबाद, आइजोल, अजमेर, अकोला, अलवर, अमरावती, अमृतसर, अनंतपुर, अरियालूर, आरा, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बरेली, बठिंडा, बेंगलुरु, भागलपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भुवनेश्वर, बिलासपुर, चेन्नई, छाल, चिकबलपुर, चित्तूर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दावनगेरे, देहरादून, धारवाड़, धुले, डिंडीगुल, डूंगरपुर, एलूर, फिरोजाबाद, हल्दिया, हसन, हुबली, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, झालावाड़, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कन्नूर, कानपुर, कटिहार, खन्ना, कोलकाता, कोल्लम, कोरबा, लुधियाना, मदुरै, मिलुपारा, मुरादाबाद, मैसूर, नगांव, नलबाड़ी, ऊटी, पटियाला, प्रयागराज, पुदुकोट्टई, पूर्णिया, रायपुर, राजगीर, राजसमंद, रामनगर, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, सागर, समस्तीपुर, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, सिवान, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, उदयपुर, उडुपी, उज्जैन, वेल्लोर, विरुधुनगर आदि 86 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।