
देश के जहां करीब 58 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 37 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 5 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं
छपरा की हवा में प्रदूषण का स्तर खतरनाक रूप से बढ़ गया है, जहां एक्यूआई 209 तक पहुंच गया।
यह विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों से 1,293 फीसदी अधिक है, जो लोगों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है।
कल की तुलना में 79 अंकों की वृद्धि हुई है, जबकि जलगांव की हवा सबसे साफ है।
कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब सात फीसदी की गिरावट आई है।
देश के सभी शहरों में आज छपरा की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई 209 दर्ज किया गया। इस दौरान बिहार के इस शहर की हवा में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी रहे।
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी मानकों के लिहाज से देखें तो वहां प्रदूषण का स्तर सुरक्षित सीमा से 1,293 फीसदी अधिक है। मतलब की वहां की हवा में घुला जहर लोगों को बेहद बीमार बना देने के लिए काफी है।
गौरतलब है कि कल छपरा में वायु गुणवत्ता सूचकांक 130 दर्ज किया गया था, मतलब कि कल से वहां वायु गुणवत्ता में 79 अंकों का इजाफा हुआ है। दूसरी तरफ आज देश में जलगांव की हवा सबसे साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक महज 18 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर छपरा की तुलना जलगांव से करें तो वहां स्थिति 11 गुणा खराब है।
आंकड़ों के मुताबिक कल राजस्थान के धौलपुर शहर में प्रदूषण से स्थिति सबसे ज्यादा खराब थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 250 तक पहुंच गया। हालांकि आज सरकार ने धौलपुर के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 06 सितम्बर 2025 को जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि आज देश के जहां करीब 58 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 37 फीसदी में स्थिति संतोषजनक बनी हुई है, जबकि दूसरी तरफ 5 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक हैं। मतलब की देश के ज्यादातर शहरों में आज भी हवा साफ है।
रुझानों से पता चला है कि आज प्रदूषण के मामले में बिहार का औरंगाबाद दूसरे जबकि समस्तीपुर तीसरे स्थान पर है। बता दें जहां औरंगाबाद में सूचकांक 185 दर्ज किया गया, वहीं समस्तीपुर 182 तक पहुंच गया है।
कांचीपुरम में भी स्थिति कोई खास अच्छी नहीं है, जो 160 अंकों के साथ आज प्रदूषण के मामले में चौथे पायदान पर है। कमोबेश ऐसी ही स्थिति सिंगरौली की भी है, जहां एक्यूआई 122 रिकॉर्ड किया गया।
देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज कोलकाता भी शामिल है, जो 120 अंकों के साथ आज छठे स्थान पर है। वहीं 118 अंकों के साथ गुम्मिडिपूंडी सातवां सबसे प्रदूषित शहर है। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज सहरसा (116), विशाखापत्तनम (115) और हावेरी (107) भी शामिल हैं।
विश्लेषण में यह भी सामने आया है कि आज जहां छपरा, समस्तीपुर, सिंगरौली, कोलकाता, बर्नीहाट आदि शहरों में प्रदूषण के महीन कण (पीएम2.5) हावी हैं। वहीं औरंगाबाद (बिहार), कांचीपुरम, गुम्मिडिपूंडी, सहरसा, विशाखापत्तनम, सिवान आदि शहरों में पीएम10 से स्थिति चिंताजनक है।
इन शहरों के उलट आज देश में अगरतला सहित 130 शहरों में हवा साफ है। साफ हवा वाले इन शहरों में मुंबई, मुंगेर, मैसूर, नगांव, नागौर, नागपुर, नाहरलगुन, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पाली, पालकालाइपेरुर, परभनी, पटियाला, पेरुंदुरई, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुडुकोट्टई, पूर्णिया, रायपुर, रामनाथपुरम, रतलाम, रूपनगर, सलेम, सांगली, सासाराम, सवाई माधोपुर, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही आदि शामिल हैं।
चिंता की बात यह है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब सात फीसदी की गिरावट आई है।
दिल्ली से जुड़े आंकड़ों को देखें तो लगातार कई दिनों से प्रदूषण में इजाफा हो रहा है। आज भी दिल्ली में एक्यूआई छह अंक बढ़कर 73 पर पहुंच गया है।
दिल्ली की तरह ही देश के छोटे बड़े 83 शहरों में वायु गुणवत्ता आज संतोषजनक है। इन शहरों में गुवाहाटी, हाजीपुर, हल्दिया, हावड़ा, हैदराबाद, जैसलमेर, जालंधर, कडपा, कल्याण, कन्नूर, कानपुर, कटिहार, कटनी, क्योंझर, किशनगंज, कुंजेमुरा, लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़, मंगुराहा, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नागपट्टिनम, नलबाड़ी, नमक्कल, नांदेड़, नोएडा, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पुणे, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम शामिल हैं।
अच्छी खबर यह है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में पांच फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।
वहीं इन शहरों के उलट आज देश के 11 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में औरंगाबाद (बिहार), बर्नीहाट, गुम्मिडिपूंडी, हावेरी, कांचीपुरम, कोलकाता, सहरसा, समस्तीपुर, सिंगरौली, सिवान, विशाखापत्तनम शामिल हैं। चिंता की बात यह है कि कल से देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में करीब 38 फीसदी का इजाफा हुआ है।
क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 225 में से 130 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) है। 83 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) रिकॉर्ड किया गया, गौरतलब है कि 05 सितम्बर 2025 को यह आंकड़ा 79 दर्ज किया गया था।
11 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में छपरा (209) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 210 के करीब पहुंच गया। कल धौलपुर में वायु गुणवत्ता सूचकांक 250 रिकॉर्ड किया गया।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है। इसके साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 73 पर पहुंच गया। मलतब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता संतोषजनक श्रेणी में बनी हुई है। वहीं आज फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
गौरतलब है कि पिछले दो-तीन महीनों में जून, जुलाई और अगस्त के दौरान दिल्ली की वायु गुणवत्ता ज्यादातर दिन संतोषजनक रही। वहीं जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज कांचीपुरम चौथे स्थान पर है, वहीं औरंगाबाद (बिहार) (185) दूसरे, जबकि समस्तीपुर (182) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 47, गाजियाबाद में 58, गुवाहाटी में 99, गुरूग्राम में 59, नोएडा में 62, ग्रेटर नोएडा में 100 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 45 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘बेहतर‘ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 49, चेन्नई में 61, चंडीगढ़ में 50, हैदराबाद में 70, जयपुर में 36 और पटना में 84 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 130 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अगरतला, अहमदाबाद, अहमदनगर, अकोला, अमरावती (महाराष्ट्र), अमृतसर, अरियालूर, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बागलकोट, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बरेली, बठिंडा, बेलापुर, भरतपुर, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, भोपाल, बोईसर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, बूंदी, चामराजनगर, चंडीगढ़, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तौड़गढ़, चुरू, कुड्डालोर, दमोह, दौसा, देहरादून, धुले, डिंडीगुल, डूंगरपुर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गंगटोक, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हापुड, होसुर, हुबली, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जलगांव, जलना, जालौर, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, जोरापोखर, कलबुर्गी, करूर, काशीपुर, खन्ना, खुर्जा, कोल्हापुर, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, कोटा, लातूर, लखनऊ, मदिकेरी, मदुरै, महाड, मालेगांव, मंगलौर, मेरठ, मीरा-भायंदर, मुंबई, मुंगेर, मैसूर, नगांव, नागौर, नागपुर, नाहरलगुन, नासिक, नवी मुंबई, नयागढ़, पाली, पालकालाइपेरुर, परभनी, पटियाला, पेरुंदुरई, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुडुकोट्टई, पूर्णिया, रायपुर, रामनाथपुरम, रतलाम, रूपनगर, सलेम, सांगली, सासाराम, सवाई माधोपुर, शिवमोगा, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, शिवसागर, सोलापुर, सुआकाती, सूरत, टेंसा, ठाणे, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुनेलवेली, तिरुपुर, टोंक, तुमिडीह, उदयपुर, उल्हासनगर, वाराणसी, विजयपुरा, विरार, विरुधुनगर, वृंदावन, यादगीर शामिल हैं।
वहीं आगरा, अलवर, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, आरा, बद्दी, बागपत, बालासोर, बारीपदा, बाड़मेर, बैरकपुर, बेगूसराय, बेंगलुरु, भागलपुर, भिवाड़ी, भुवनेश्वर, बिहार शरीफ, बीकानेर, बिलासपुर, बिलीपाड़ा, बक्सर, ब्यासनगर, चंद्रपुर, चेन्नई, चित्तूर, कोयंबटूर, कटक, दिल्ली, देवास, दुर्गापुर, एलूर, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, गुवाहाटी, हाजीपुर, हल्दिया, हावड़ा, हैदराबाद, जैसलमेर, जालंधर, कडपा, कल्याण, कन्नूर, कानपुर, कटिहार, कटनी, क्योंझर, किशनगंज, कुंजेमुरा, लुधियाना, मंडी गोबिंदगढ़, मंगुराहा, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, मुजफ्फरपुर, नागपट्टिनम, नलबाड़ी, नमक्कल, नांदेड़, नोएडा, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पुणे, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, राउरकेला, सागर, सतना, सीकर, श्रीगंगानगर, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुपति, वापी, वेल्लोर, विजयवाड़ा आदि 83 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।