
अगरतला में बढ़ते प्रदूषण से स्थिति बेहद खराब है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा 10 मई 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक वहां 158 अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 336 पर पहुंच गया है। कल से तुलना करें तो अगरतला की हवा में ओजोन के स्तर में अच्छा-खासा उछाल आया है।
वहीं जालौर में वायु गुणवत्ता सूचकांक 229 रिकॉर्ड किया गया है। इस दौरान जालौर की हवा में प्रदूषण के महीन कण पीएम10 हावी रहे। अगरतला और जालौर के बाद मेघालय का बर्नीहाट आज देश का तीसरा सबसे प्रदूषित शहर रहा, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 217 रिकॉर्ड किया गया है। इस दौरान बर्नीहाट की हवा में पीएम2.5 हावी है।
प्रदूषण के मामले में श्रीगंगानगर (209) चौथे जबकि बाड़मेर (204) पांचवें स्थान पर है। श्रीगंगानगर में जहां पीएम2.5 हावी रहा। वहीं दूसरी तरफ बाड़मेर में ओजोन चिंताजनक स्तर पर पहुंच गया।
रुझानों पर नजर डालें तो आज देश के चार शहरों में हवा खराब रही। वहीं कल देश में इन शहरों की संख्या दो दर्ज की गई थी।
राजधानी दिल्ली से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो कल से प्रदूषण में इजाफा हुआ है, जहां 38 अंकों के उछाल के साथ एक्यूआई 189 पर पहुंच गया। हालांकि दिल्ली में अभी भी वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। बता दें कि देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में आज दिल्ली छठे स्थान पर है। कमोबेश ऐसी ही स्थिति बारबिल की है, जहां एक्यूआई 188 रिकॉर्ड किया गया। बरबिल की तरह ही देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में बीकानेर, तुमिडीह और दौसा भी शामिल रहे।
आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली की तरह ही देश के 57 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है।
इन शहरों में भोपाल, बीकानेर, ब्रजराजनगर, बुलन्दशहर, चंद्रपुर, छपरा, चुरू, कटक, दौसा, धनबाद, दुर्गापुर, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, गुरूग्राम, हाजीपुर, हापुड, हावड़ा, इंफाल, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, झुंझुनूं, जोधपुर, कल्याण, क्योंझर, खुर्जा, कोहिमा, कोटा, लखनऊ, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मेरठ, मोतिहारी, मुजफ्फरनगर, नागपुर, नोएडा, पाली, पटना, राउरकेला, सवाई माधोपुर, शिलांग, सिंगरौली आदि शहर शामिल हैं।
चिंता की बात है कि कल से देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में 16 फीसदी का इजाफा हुआ है।
वहीं दूसरी तरफ देश में मदिकेरी की हवा सबसे साफ रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 22 दर्ज किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर अगरतला की तुलना मदिकेरी से करें तो वहां स्थिति 14 गुणा खराब है।
मदिकेरी की तरह ही देश के 33 शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में हुबली, इंदौर, झांसी, कडपा, कोल्हापुर, लातूर, मदिकेरी, मीरा-भायंदर, नगांव, नागपट्टिनम, नांदेड़, नासिक, पुडुकोट्टई, रामनाथपुरम, शिवमोगा, शिवसागर, सूरत, ठाणे आदि शामिल हैं। कल से देखें तो स्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ है और साफ हवा वाले शहरों की गिनती जस की तस बनी हुई है।
आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि अहमदाबाद सहित देश के 134 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है।
इन शहरों में बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवंडी, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बूंदी, बक्सर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चेन्नई, छाल, चिकबलपुर, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, देहरादून, देवास, धारवाड़, धौलपुर, डिंडीगुल, डूंगरपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गंगटोक, गया, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, ग्वालियर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हैदराबाद, जबलपुर, जलना, झालावाड़, कलबुर्गी, कांचीपुरम आदि शहर शामिल हैं।
कल से देखें तो देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में 2.3 फीसदी का इजाफा हुआ है।
विश्लेषण से पता चला है कि देश के जहां 14 फीसदी से अधिक शहरों में हवा साफ है। वहीं 58 फीसदी में स्थिति संतोषजनक है। दूसरी तरफ करीब 28 फीसदी शहरों में हालात चिंताजनक बने हुए हैं।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 230 में से 33 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। 134 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 09 मई 2025 को यह आंकड़ा 131 दर्ज किया गया था।
58 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।
दूसरे शहरों की तुलना में अगरतला (336) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 350 के करीब पहुंच गया। कल बीकानेर में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब सूचकांक 251 रिकॉर्ड किया गया।
आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में इजाफा हुआ है। इसके साथ ही 38 अंकों के इजाफे के साथ दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 189 पर पहुंच गया। मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता अभी भी मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। वहीं आज एक बार फिर सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
गौरतलब है कि पिछले चार महीनों जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि लोगों के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया।
आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी है। प्रदूषण के मामले में आज श्रीगंगानगर चौथे स्थान पर है, वहीं जालौर (229) दूसरे, जबकि बर्नीहाट (217) तीसरे स्थान पर है।
अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 85, गाजियाबाद में 153, गुवाहाटी में 96, गुरूग्राम में 129, नोएडा में 152, ग्रेटर नोएडा में 132 पर पहुंच गया है।
इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 59 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 110, चेन्नई में 63, चंडीगढ़ में 82, हैदराबाद में 75, जयपुर में 114 और पटना में 140 दर्ज किया गया।
इन शहरों में साफ रही हवा
देश के जिन 33 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आरा, भिलाई, बोईसर, चामराजनगर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दमोह, दावनगेरे, हुबली, इंदौर, झांसी, कडपा, कोल्हापुर, लातूर, मदिकेरी, मीरा-भायंदर, नगांव, नागपट्टिनम, नांदेड़, नासिक, पुडुकोट्टई, रामनाथपुरम, शिवमोगा, शिवसागर, सूरत, ठाणे, तंजावुर, तिरुनेलवेली, वापी, वातवा, विजयपुरा, विरार, वृंदावन शामिल हैं।
वहीं आगरा, अहमदाबाद, अहमदनगर, आइजोल, अजमेर, अकोला, अमरावती (आंध्रप्रदेश), अमरावती (महाराष्ट्र), अमृतसर, अनंतपुर, अंकलेश्वर, अरियालूर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बद्दी, बदलापुर, बांसवाड़ा, बारां, बरेली, बारीपदा, बठिंडा, बेलापुर, बेंगलुरु, बेतिया, भागलपुर, भरतपुर, भीलवाड़ा, भिवंडी, भुवनेश्वर, बिलासपुर, बूंदी, बक्सर, ब्यासनगर, चंडीगढ़, चेन्नई, छाल, चिकबलपुर, चित्तूर, चित्तौड़गढ़, देहरादून, देवास, धारवाड़, धौलपुर, डिंडीगुल, डूंगरपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, गंगटोक, गया, गुम्मिडिपूंडी, गुवाहाटी, ग्वालियर, हल्दिया, हनुमानगढ़, हैदराबाद, जबलपुर, जलना, झालावाड़, कलबुर्गी, कांचीपुरम, कन्नूर, कानपुर, करौली, काशीपुर, कटिहार, कटनी, खन्ना, किशनगंज, कोलकाता, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, कुंजेमुरा, लुधियाना, मदुरै, महाड, मैहर, मालेगांव, मंगलौर, मंगुराहा, मुरादाबाद, मुंबई, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नाहरलगुन, नलबाड़ी, नमक्कल, नंदेसरी, नवी मुंबई, नयागढ़, पंचगांव, परभनी, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुणे, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनगर, रानीपेट, रतलाम, ऋषिकेश, सागर, सहरसा, सलेम, सांगली, सतना, सीकर, सिलचर, सिलीगुड़ी, सिरोही, सिवान, सोलापुर, टेन्सा, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुपति, तिरुपुर, टोंक, उल्हासनगर, वाराणसी, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरुधुनगर, विशाखापत्तनम, यादगीर आदि 134 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।
क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक
देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।
इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।
यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।
ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।