तिरुनेलवेली सहित महज तीन फीसद शहरों में साफ है हवा, 60 फीसदी में अभी भी चिंताजनक हैं हालात

5 फरवरी 2025 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक देश में एक बार फिर बर्नीहाट की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां गिरावट के बावजूद वायु गुणवत्ता का स्तर 'बेहद खराब' बना हुआ है
भारत की 96 फीसदी आबादी यानी 133 करोड़ लोग ऐसी हवा में सांस लेने को मजबूर हैं जहां पीएम 2.5 का वार्षिक औसत स्तर डब्ल्यूएचओ द्वारा जारी मानकों से सात गुणा खराब है; फोटो: आईस्टॉक
भारत की 96 फीसदी आबादी यानी 133 करोड़ लोग ऐसी हवा में सांस लेने को मजबूर हैं जहां पीएम 2.5 का वार्षिक औसत स्तर डब्ल्यूएचओ द्वारा जारी मानकों से सात गुणा खराब है; फोटो: आईस्टॉक
Published on

प्रदूषण में उतार चढ़ाव का सिलसिला जारी है, हालात यह है कि महज तीन फीसदी शहरों में हवा साफ बनी हुई है। वहीं दूसरी तरफ 60 फीसदी में हालात चिंताजनक हैं।

5 फरवरी 2025 की शाम पांच बजे केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक एक बार फिर बर्नीहाट की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां कल से गिरावट के बावजूद वायु गुणवत्ता का स्तर 'बेहद खराब' बना हुआ है। गौरतलब है कि कल से बर्नीहाट की वायु गुणवत्ता सूचकांक में नौ अंकों का सुधार आया है, इसके बावजूद वहां एक्यूआई 328 पर बना हुआ है।

दूसरी तरफ आज तिरुनेलवेली की हवा सबसे साफ रही, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 36 रिकॉर्ड किया गया है। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर बर्नीहाट की तुलना तिरुनेलवेली से करें तो वहां स्थिति आठ गुणा ज्यादा खराब है।

बर्नीहाट के बाद प्रदूषण के मामले में आज हाजीपुर दूसरे स्थान पर रहा, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 293 रिकॉर्ड किया गया है। दिल्ली में भी स्थिति कोई खास अच्छी नहीं है, जहां एक्यूआई 284 दर्ज किया गया है।

मतलब की कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 20 अंकों का इजाफा हुआ है। इसी तरह 257 अंकों के साथ कुंजेमुरा चौथे, जबकि सवाई माधोपुर (248) पांचवे स्थान पर रहा।

बैरकपुर में भी हालात कमोबेश ऐसे ही हैं, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 245 रिकॉर्ड किया गया है। बता दें कि जहां प्रदूषण के मामले में बैरकपुर छठे स्थान पर है, वहीं गुवाहाटी सातवें पायदान पर बना हुआ है। गुवाहाटी में एक्यूआई 244 रिकॉर्ड किया गया है। वहीं 242 अंकों के साथ हावड़ा आठवें स्थान पर है, जबकि बेगूसराय (240) नौवें पायदान पर है। इसी तरह आसनसोल  (238) दसवें स्थान पर है। देखा जाए तो देश में बड़े शहरों की तुलना में छोटे शहरों की स्थिति कहीं ज्यादा खराब है।

राजधानी दिल्ली की तरह ही देश के 20 शहरों में वायु गुणवत्ता 'खराब' बनी हुई है। इन शहरों में अहमदनगर, अररिया, आसनसोल, बैरकपुर, बेगूसराय, ब्यासनगर, चरखी दादरी, दुर्गापुर, गुम्मिडिपूंडी, गुरूग्राम, गुवाहाटी, हाजीपुर, हल्दिया, हावड़ा, कुंजेमुरा, मुजफ्फरपुर, सवाई माधोपुर, सिंगरौली, तालचेर शामिल हैं। राहत की बात यह रही कि कल से देश में 'खराब' हवा वाले शहरों की गिनती में नौ फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

दिल्ली के पड़ोसी शहर फरीदाबाद की बात करें तो कल से प्रदूषण के स्तर में गिरावट दर्ज की गई है, जहां 48 अंकों के सुधार के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक 155 पर पहुंच गया है। इसका मतलब है कि दिल्ली में वायु गुणवत्ता 'खराब' से मध्यम स्तर पर पहुंच गई है।

फरीदाबाद की तरह ही देश के छोटे बड़े 118 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम स्तर पर बनी हुई है।

इन शहरों में अहमदाबाद, अकोला, अमरावती, अमरावती, अंगुल, आरा, औरंगाबाद (बिहार), बद्दी, बागपत, बालासोर, बांसवाड़ा, बारां, बारबिल, बारीपदा, बेलापुर, भागलपुर, भरतपुर, भिवाड़ी, भोपाल, भुवनेश्वर, बिहार शरीफ, बीकानेर, बिलीपाड़ा, बुलन्दशहर, बक्सर, चंडीगढ़, चंद्रपुर, छपरा, चित्तूर, चुरू, कटक, दौसा, देवास, धनबाद, धौलपुर, डिंडीगुल, फरीदाबाद, गंगटोक, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, ग्रेटर नोएडा, ग्वालियर, हनुमानगढ़, हापुड, इंफाल, जयपुर, जैसलमेर, जलना, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, कडपा, कलबुर्गी, करौली, काशीपुर, कटिहार, कटनी, खुर्जा, किशनगंज, कोहिमा, कोल्हापुर, कोलकाता, कोरबा, कोटा, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, महाड, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मंगुराहा, मेरठ, मोतिहारी, मुंबई, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, नगांव, नागौर, नागपुर, नाहरलगुन, नलबाड़ी, नवी मुंबई, नयागढ़, नोएडा, पाली, पटना, पीथमपुर, प्रतापगढ़, पुणे, पूर्णिया, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजगीर, राजसमंद, रामनगर, रतलाम, राउरकेला, रूपनगर, सागर, सलेम, सांगली, सासाराम, सीकर, सिलीगुड़ी, सोलापुर, श्रीगंगानगर, सुआकाती, टेन्सा, तिरुमाला, टोंक, तुमकुरु, तुमिडीह, उल्हासनगर, वातवा, वेल्लोर, विशाखापत्तनम, वृंदावन शामिल हैं।

वहीं कल के मुकाबले देखें तो देश में मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की गिनती में नौ फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

दूसरी तरफ देश में तिरुनेलवेली  सहित देश में महज आठ शहरों में हवा साफ बनी हुई है। इन शहरों में हुबली, मदिकेरी, नागपट्टिनम, ऋषिकेश, तिरुनेलवेली आदि शामिल हैं। चिंता की बात यह है कि देश में कल से साफ हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 43 फीसदी की गिरावट आई है।

इसी तरह ताजा रुझानों के मुताबिक देश में आगरा सहित 85 शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर संतोषजनक बना हुआ है। इन शहरों में हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलगांव, झांसी, जोधपुर, कल्याण, कन्नूर, कानपुर, करूर, कारवार, क्योंझर, खन्ना, कोलार, कोल्लम, मदुरै, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मैसूर, नांदेड़, नासिक, ऊटी, परभनी, पटियाला आदि शामिल हैं।

राहत की बात यह रही कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में करीब 29 फीसदी का इजाफा दर्ज किया गया है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 05 फरवरी 2025 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 233 में से महज 8 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 85 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 04 फरवरी 2025 को यह आंकड़ा 66 दर्ज किया गया।

119 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में बर्नीहाट (328) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां आज एक्यूआई 340 के करीब पहुंच गया। वहीं कल भी बर्नीहाट में हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित थी, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 337 दर्ज किया गया था।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में 20 अंकों का इजाफा हुआ है। इसके साथ ही दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर आज बढ़कर 284 पर पहुंच गया, मतलब की दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘खराब’ स्तर पर पहुंच गई है।

गौरतलब है कि जनवरी 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली में हवा जहरीली न हो। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।

देखा जाए तो देश में प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर अभी भी जारी है। प्रदूषण के मामले में आज कुंजेमुरा चौथे स्थान पर है, वहीं हाजीपुर (293) दूसरे, जबकि दिल्ली (284) तीसरे स्थान पर है।

अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो फरीदाबाद में इंडेक्स 155, गाजियाबाद में 166, गुरुग्राम में 232, नोएडा में 156, ग्रेटर नोएडा में 167 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 113 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘मध्यम’ स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 142, चेन्नई में 87, चंडीगढ़ में 167, हैदराबाद में 91, जयपुर में 181 और पटना में 190 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन आठ शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें चामराजनगर, गडग, हुबली, मदिकेरी, नागपट्टिनम, ऋषिकेश, तिरुनेलवेली, विजयपुरा शामिल हैं।

वहीं आगरा, आइजोल, अजमेर, अलवर, अमृतसर, अनंतपुर, अंकलेश्वर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बरेली, बाड़मेर, बठिंडा, बेंगलुरु, भिलाई, भीलवाड़ा, भिवंडी, बिलासपुर, बोईसर, ब्रजराजनगर, बूंदी, चेन्नई, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तौड़गढ़, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दमोह, देहरादून, धारवाड़, धुले, डूंगरपुर, एलूर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, हावेरी, हैदराबाद, इंदौर, जबलपुर, जालंधर, जलगांव, झांसी, जोधपुर, कल्याण, कन्नूर, कानपुर, करूर, कारवार, क्योंझर, खन्ना, कोलार, कोल्लम, मदुरै, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मैसूर, नांदेड़, नासिक, ऊटी, परभनी, पटियाला, पिंपरी-चिंचवाड, प्रयागराज, पुदुचेरी, रायपुर, रामनाथपुरम, समस्तीपुर, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिरोही, शिवसागर, सूरत, ठाणे, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तिरुचिरापल्ली, उदयपुर, उज्जैन, वापी, वाराणसी, विजयवाड़ा, विरार, यादगीर आदि 85 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

Related Stories

No stories found.
Down to Earth- Hindi
hindi.downtoearth.org.in