227 में महज 30 शहरों की हवा साफ, पंचगांव-दिल्ली में सबसे ज्यादा बिगड़े हैं हालात

दूसरी तरफ देश में नंदेसरी की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई 16 रिकॉर्ड किया गया
प्रतीकात्मक तस्वीर: विकास चौधरी/सीएसई
प्रतीकात्मक तस्वीर: विकास चौधरी/सीएसई
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देश में महज 13 फीसदी शहरों की हवा साफ है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 07 अप्रैल 2025 को जारी आंकड़ों के मुताबिक 227 शहरों में से महज 30 की हवा साफ है। वहीं 11 शहरों में स्थिति 'खराब' बनी हुई है। इन शहरों में पंचगांव की स्थिति सबसे बदतर है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 282 रिकॉर्ड किया गया है।

राजधानी दिल्ली में भी स्थिति कोई खास अच्छी नहीं है, जो प्रदूषण के मामले में आज दूसरे स्थान पर है। बता दें कि कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में अच्छा खासा इजाफा हुआ है। इसके साथ ही वहां 52 अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई 261 तक पहुंच गया।

प्रदूषण के मामले में नोएडा तीसरे स्थान पर है, जहां एक्यूआई 258 दर्ज किया गया। इसी तरह सवाई माधोपुर (241) चौथे, जबकि ग्रेटर नोएडा (240) पांचवें स्थान पर है।

सासाराम में भी स्थिति कमोबेश ऐसी ही है, जो 230 अंकों के साथ आज देश के सबसे प्रदूषित शहरों की लिस्ट में छठे स्थान पर है। गाजियाबाद (228) सातवें, जबकि बागपत (206) आठवें स्थान पर है। इसी तरह देश के दस सबसे प्रदूषित शहरों में बुलन्दशहर और बर्नीहाट भी शामिल हैं।

रुझानों के मुताबिक देश के 11 शहरों में हवा खराब बनी हुई है। इन शहरों में कोरबा (202) भी शामिल है। हालांकि कल से देखें तो देश में खराब हवा वाले शहरों की गिनती में 22 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

वहीं दूसरी तरफ देश में नंदेसरी की हवा सबसे साफ है, जहां एक्यूआई 16 रिकॉर्ड किया गया। ऐसे में यदि देश के सबसे प्रदूषित शहर पंचगांव की तुलना नंदेसरी से करें तो वहां स्थिति 17 गुणा ज्यादा खराब है।

नंदेसरी की तरह ही देश के 29 अन्य शहरों में हवा साफ है। इन शहरों में मंगलौर, मैसूर, नंदेसरी, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, रामनाथपुरम, रानीपेट, सलेम, सिलचर, श्री विजया पुरम, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला आदि शामिल हैं। चिंता की बात है कि कल से देश में साफ हवा वाले शहरों की गिनती में 14 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

देश में आइजोल सहित 89 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक है। इन शहरों में हावड़ा, हैदराबाद, जलगांव, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, कन्नूर, कानपुर, काशीपुर, कटिहार, क्योंझर, कोहिमा, कोल्हापुर, कोल्लम, महाड, मैहर, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नांदेड़, नवी मुंबई, परभनी, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, ऋषिकेश, सागर, सतना, शिवमोगा, सिरोही, शिवसागर आदि शामिल हैं। राहत की बात यह है कि कल से देश में संतोषजनक हवा वाले शहरों की गिनती में 20 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है।

ताजा आंकड़ों में यह भी सामने आया है कि देश में अगरतला सहित छोटे बड़े 97 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में है। इन शहरों में देहरादून, देवास, धनबाद, धौलपुर, धुले, गया, गोरखपुर, गुरूग्राम, गुवाहाटी, ग्वालियर, हाजीपुर, हनुमानगढ़, हापुड, इंदौर, जबलपुर, जयपुर, जैसलमेर, जालंधर, जलना, जालौर, झालावाड़, झांसी, झुंझुनूं, जोधपुर, करौली, कटनी, खन्ना, कोटा, कुंजेमुरा, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, मालेगांव, मंडी गोबिंदगढ़, मंडीदीप, मंगुराहा, मेरठ, मिलुपारा, मुंगेर, मुजफ्फरनगर, नागौर, नागपुर, नलबाड़ी, नासिक, पाली, पटियाला, पटना, पिंपरी-चिंचवाड, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पूर्णिया, रतलाम आदि शामिल हैं।

देश में कल से मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में 22 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है। 

कुल मिलाकर देखें तो आज देश के जहां महज 13 फीसदी शहरों में हवा साफ है। वहीं 48 फीसदी में हालात चिंताजनक बने हुए हैं, जिनमें दिल्ली भी शामिल है। 39 फीसदी शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक बनी हुई है।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के 227 में से महज 30 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 89 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 06 अप्रैल 2025 को यह आंकड़ा 74 दर्ज किया गया था।

97 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) बनी हुई है।

दूसरे शहरों की तुलना में पंचगांव (282) में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां एक्यूआई 290 के करीब पहुंच गया। वहीं कल हाजीपुर में वायु गुणवत्ता सबसे खराब थी, जब एक्यूआई 258 रिकॉर्ड किया गया था।

आंकड़ों पर गौर करें तो कल से दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में भारी इजाफा हुआ है, जहां 52 अंकों के उछाल के साथ वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 261 पर पहुंच गया। मतलब की वायु गुणवत्ता मध्यम से खराब श्रेणी में पहुंच गई। वहीं आज भी सीपीसीबी ने फरीदाबाद के वायु गुणवत्ता से जुड़े आंकड़े साझा नहीं किए हैं।

गौरतलब है कि पिछले तीन महीनों जनवरी, फरवरी और मार्च 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं रहा जब दिल्ली की हवा साफ कही जा सके। नवंबर में आठ दिन दिल्ली में वायु गुणवत्ता का स्तर 'गंभीर' दर्ज किया गया। इसी तरह दिसंबर 2024 में भी छह दिन वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई थी। इस दौरान हवा में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा था कि वो लोगों को लोगों को सांस लेना तक मुश्किल हो गया था।

आंकड़ों के अनुसार प्रदूषण में उतार-चढ़ाव का दौर जारी है। प्रदूषण के मामले में आज सवाई माधोपुर चौथे स्थान पर है, वहीं पंचगांव (282) दूसरे, जबकि दिल्ली (261) तीसरे स्थान पर है। अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में इंडेक्स 170, गाजियाबाद में 228, गुवाहाटी में 132, गुरूग्राम में 165, नोएडा में 258, ग्रेटर नोएडा में 240 पर पहुंच गया है।

इसी तरह मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 77 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के ‘संतोषजनक’ स्तर को दर्शाता है, जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 159, चेन्नई में 64, चंडीगढ़ में 128, हैदराबाद में 83, जयपुर में 119 और पटना में 181 दर्ज किया गया।

इन शहरों में साफ रही हवा

देश के जिन 30 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें अमरावती, बागलकोट, चामराजनगर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, गडग, गुम्मिडिपूंडी, हल्दिया, हुबली, कोलकाता, कोप्पल, मदिकेरी, मदुरै, मंगलौर, मैसूर, नंदेसरी, पालकालाइपेरुर, पुदुचेरी, पुदुकोट्टई, रामनाथपुरम, रानीपेट, सलेम, सिलचर, श्री विजया पुरम, तंजावुर, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, तिरुचिरापल्ली, तिरुमाला, तिरुनेलवेली शामिल हैं।

वहीं आइजोल, अकोला, अलवर, अमरावती, अमृतसर, अनंतपुर, अंगुल, अंकलेश्वर, अररिया, अरियालूर, आसनसोल, औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बालासोर, बैरकपुर, बठिंडा, बेलापुर, बेलगाम, बेंगलुरु, भिलाई, भिवंडी, भुवनेश्वर, बिलीपाड़ा, ब्यासनगर, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छाल, चिकबलपुर, चित्तूर, कटक, दमोह, दावनगेरे, धारवाड़, डिंडीगुल, डूंगरपुर, दुर्गापुर, फिरोजाबाद, गांधीनगर, होसुर, हावड़ा, हैदराबाद, जलगांव, कडपा, कलबुर्गी, कल्याण, कांचीपुरम, कन्नूर, कानपुर, काशीपुर, कटिहार, क्योंझर, कोहिमा, कोल्हापुर, कोल्लम, महाड, मैहर, मीरा-भायंदर, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुंबई, मुजफ्फरपुर, नांदेड़, नवी मुंबई, परभनी, पुणे, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, ऋषिकेश, सागर, सतना, शिवमोगा, सिरोही, शिवसागर, सुआकाती, तालचेर, टेन्सा, ठाणे, त्रिशूर, उदयपुर, उज्जैन, उल्हासनगर, वातवा, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विरार, वृंदावन, यादगीर आदि 89 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया।

क्या दर्शाता है वायु गुणवत्ता सूचकांक

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है।

इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है। वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है।

यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है। इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है।

ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है।

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